रिंकल्स उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा है और यह स्किन के ऐसे हिस्सों पर सबसे प्रमुख है, जो सूरज के संपर्क में है, जैसे कि चेहरा, गर्दन, हाथ और फोरआर्म्स. स्मोकिंग या लंबे समय तक यूवी रेज़ के संपर्क में आने जैसे कई और कारक उन्हें बदतर बना सकते हैं.  ऐसे में नैक की रिंकल्स  बढ़ने के कारण क्या है और इसको कम करने के आसान  उपाय  क्या हैं इस बारे में बता रहें है डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन डॉक्टर अजय राणा".

1. उम्र बढ़ने पर रिंकल्स के चांसेस ज्यादा

नैक यानी गर्दन की स्किन पतली होती है और हमेशा यूवी रेज़ के संपर्क में होती  है. जिसके कारण, यह बॉडी के अन्य हिस्सों की तुलना में जल्द ही उम्र बढ़ने के संकेत दिखाता है. डर्मिस, गर्दन के हिस्से की लेयर जिसमें कोलेजन होती है, वह बहुत ज्यादा पतली होती है, जिससे बॉडी के अन्य हिस्सों की तुलना में उम्र बढ़ने पर रिंकल्स होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते है. कई टेक्नोलॉजी हैं जो अब इन गर्दन के रिंकल्स से छुटकारा पाने के लिए उपयोग की जाती हैं. गर्दन की स्किन को कम, कम झुर्रियों वाली, और पतली दिखने में मदद करने के लिए फ्रेडेटेड सीओ 2 लेज़र खूबसूरती से काम करते हैं.

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2. नेचुरल आयल का उत्पादन कम

रिंकल्स हमारे स्किन पर पतली रेखाएँ होती हैं और स्किन के किसी भी हिस्से में बन जाती हैं. कुछ रिंकल्स इतने हार्ड हो जाते हैं और विशेष रूप से आंखों, मुंह और गर्दन के आसपास सबसे ज्यादा नज़र आते हैं. जैसे-जैसे हमारी स्किन पुरानी होती जाती है, यह स्वाभाविक रूप से कम इलास्टिक और अधिक नाजुक हो जाती है. इसके कारण स्किन में नेचुरल आयल का उत्पादन कम होने से स्किन ड्राई हो जाती है और अधिक रिंकल्स दिखने लगती है.

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