लौकडाउन में हमने कई ऐसी तस्वीरें देखी जिसमें लोग जरूरतमंद लोगों की मदद कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं. यहां हम आपको एक ऐसे टीचर की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए किसी भी बाधा को अपने रास्ते में नहीं आने दिया. इनका नाम सुब्रतो है जो कि पश्चिम बंगाल के बांकुरा गांव के रहने वाले हैं.
सुब्रतो पेशे से एक शिक्षक हैं जो बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन देशभर में लॉकडाउन लगने की वजह से वे बच्चों के पास जाकर उन्हें नहीं पढ़ा पा रहे हैं तो इसका उन्होंने एक सॉल्युशन निकाला. सुब्रतो ने इन बच्चों की मोबाइल के जरिए ऑनलाइन क्लास लेने का फैसला लिया, लेकिन गांव में खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण वे बच्चों की क्लास नहीं ले पा रहे थे. इस वजह से सुब्रतो ने घर से दूर एक नीम के पेड़ पर चढ़कर दिनभर बच्चों को पढ़ाने की ठानी.
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सुब्रतो ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इस पेड़ पर मोबाइल नेटवर्क सही तरीके से काम करता है. सुब्रतो ने इस नीम के पेड़ के ऊपर बैठने की व्यवस्था कर ली. वे रोज बच्चों को पढ़ाने के लिए ठीक वैसे ही घर से निकलते हैं जैसे लॉकडाउन से पहले निकला करते थे, यानी पीठ पर बैग और टिफिन लेकर. सुब्रतो इसी पेड़ पर दिनभर काम करते हैं भूख लगने पर यहीं खाना भी खा लेते हैं. सुब्रतो का कहना है कि हमारे गांव में हर जगह नेटवर्क सिग्नल नहीं मिलते हैं। मैं सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक अलग-अलग क्लास लेता हूं.