सनसक्रीन एक ऐसा स्किन केयर प्रौडक्ट है जिस का रोजाना इस्तेमाल करना हमारी स्किन के लिए बहुत जरूरी है. अधिकतर महिलाओं को लगता है सनस्क्रीन को सिर्फ गर्मियों में लगाया जाता है, लेकिन सनस्क्रीन को हर मौसम में इस्तेमाल करना चाहिए. सनस्क्रीन आप की स्किन को डैमेज होने से बचाता है.
गर्मियों में क्यों जरूरी है सनसक्रीन
गर्मियों में तेज धूप और सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से स्किन पर टैनिंग, फ्रेक्ल्स, सनबर्न जैसी समस्या हो सकती है, जिस से आप की स्किन की खूबसूरती ढल सकती है. क्लीनिक डर्माटेक के डर्मेटोलौजिस्ट डाक्टर इंदु का कहना है, “यदि किसी को फ्रेक्ल्स, सनबर्न जैसी समस्या हो जाती है तो उसे सनस्क्रीन दिन में 3 बार जरूर लगाना चाहिए. फ्रेकलस बहुत आम समस्या है. चेहरे पर जब ब्राउन स्पौट हो जाते है, उन्हें फ्रेक्ल्स कहते हैं.
फ्रेक्ल्स को रोकने के लिए सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है. हालांकि इस का co2 लेज़र ट्रीटमेंट भी है. कई लोग घर में रहते हैं तो अपनी स्किन की देखभाल करने में आलस दिखाते हैं. अगर आप घर में किचन में ज्यादा समय बिताती हैं तो भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें. सनस्क्रीन खरीदते समय एसपीएफ पर जरूर ध्यान दें.
सनसक्रीन और एसपीएफ
बढ़ती उम्र के साथ स्किन पर पडऩे वाली झुर्रियां, फाइन लाइंस, स्किन का फटना, रंगत पर प्रभाव, झांइयां इन सब का सब से बड़ा कारण अल्ट्रावायलेट किरणें हैं. जब हम ज्यादा समय धूप में बिताते हैं, तो स्किन की रंगत काली होने लगती है और स्किन से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूरी है.