आजकल हम लोग ज़िन्दगी की भाग दौड़ में इतना व्यस्त हो गए है की हमारे पास न ही खुद के लिए समय हैं और न ही हमारे अपनों के लिए . हम शोहरत ,नाम और पैसा कमाने के पीछे इतना पागल हो गए है की हमें अपने जीवन की असली कीमत ही दिखाई देना बन्द हो गयी है. अगर हम अपनों के काम नहीं आ सके तो ये पैसा ,नाम और शोहरत किस काम की.अपनों के मन की बात जानने की कोशिश करें उन्हें नज़रंदाज़ बिलकुल न करे.कहीं हमारा इग्नोरेंस हमारे अपनों को उस अँधेरी दुनिया में न धकेल दे ,जहाँ से लौट पाना बिलकुल नामुमकिन है.तो please मेरा ये लेख पूरा पढ़े .शायद ये आपके या आपके अपनों के काम आ जाये.
आखिर क्या है डिप्रेशन-
आजकल लोग जिंदगी की भाग दौड़ में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि कुछ समय बाद ही डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. दोस्तों यह एक मानसिक बीमारी होती है जो कुछ लोगों को तो थोड़े समय के लिए ही रहती है लेकिन कई लोगों में यही डिप्रेशन एक भयानक रूप भी ले लेता है .जब डिप्रेशन बहुत बढ़ जाता है तो इस स्थिति में लोगों का मन जिंदगी से भर जाता है.
वैसे तो हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं.हर कोई कभी न कभी दुखी और उदास महसूस कर सकता है.लेकिन, अगर आप लगातार दुख और निराशा का अनुभव कर रहे हैं तो, ये डिप्रेशन हो सकता है.
डिप्रेशन के समय इंसान यह सोचता है कि वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता और वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है. उन्हें लगता है कि अगर वो दूसरों को अपनी परेशानी बताएंगे तो वह उनका मजाक बनाएंगे .यह रवैया इंसान की दिक्कत को कम करने की जगह और बढ़ा देता है