रेटिंग : साढ़े तीन   स्टार

निर्माता : अमृतपाल सिंह बिंद्रा

निर्देशक : आनंद तिवारी

कलाकार : नसिरुद्दीन शाह, अतुल कुलकर्णी, शीबा चड्ढा, रित्विक भौमिक, श्रेया चौधरी.

ओटीटी प्लेटफॉर्म: अमेजॉन प्राइम

अवधि: 10 एपिसोड, 4 घंटे 15 मिनट

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, संगीत घरानों का तिलिस्म, आर्थिक संकट, प्रेम संगीत, म्यूजीशियन और इलेक्ट्रीशियन का फर्क बताने के साथ पारिवारिक रिश्ते की बात करने वाली वाली एक अति बेहतरीन संगीत प्रधान मनोरंजक वेब सीरीज 'बंदिश बैंडिट्स' अमेजॉन प्राइम पर लेकर आए हैं फिल्मकार आनंद तिवारी. 'बंदिश बैंडिट्स' देखकर अहसास होता है कि अमेजॉन प्राइम ने सही राह पकड़ी है.इसमें एक बेहतरीन कंटेंट व कहानी है ,बेहतरीन लोकेशन, राजघराने , हवेली और किले हैं ,जो कि भारत के साथ साथ पश्चिमी देशों के दर्शकों को भी आकर्षित करते हैं. इस वेब सीरीज में सनातन और वर्तमान संगीत के टकराव का खूबसूरत चित्रण के साथ एक खूबसूरत प्रेम कहानी भी है.

ये भी पढ़ें- कार्तिक के पिता का बिगड़ जाएगा मानसिक संतुलन, Promo Viral

कहानी:

10 एपिसोड वाले 'बंदिश बैंडिट्स' की कथा शुरू होती है जोधपुर से. जहां जोधपुर के संगीत सम्राट राधे मोहन राठौड़ (नसिरुद्दीन शाह) सख्त नियमों के साथ शास्त्रीय संगीत की सेवा में रत हैं.उनके अनुसार हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अनुशासन और कठिन साधना की जरूरत है. वह हर दिन विद्यार्थियों को संगीत सिखाते हैं. कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए संगीत के कार्यक्रम नहीं देते. अब तक वह संगीत की तालीम देते हुए सात लोगों का 'गंडा बंधन' कर चुके हैं. अब उन्हें अपने पोते राधे (रित्विक भौमिक) से काफी उम्मीदें है.राधे कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही हर दिन कई घंटे तक संगीत की रियाज करते हैं. इसी बीच हर्षवर्धन शर्मा (रितुराज सिंह) की बेटी तमन्ना शर्मा (श्रेया चौधरी) मुंबई से जोधपुर संगीत की तलाश में आती हैं. लाड़ प्यार में पली, पॉप सेंसेशन तमन्ना शर्मा के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं. एक संगीत कंपनी के साथ तमन्ना का 3 हिट गानों का कॉन्ट्रैक्ट है. दूसरे गाने के असफल होने पर देसी बीट्स की तलाश में जोधपुर आती हैं.अपने पिता की सलाह पर म्यूजिक कंसर्ट करती हैं. राधे अपने दोस्त कबीर (राहुल कुमार) के साथ पहुंचता है. जहां तमन्ना और राधे की मुलाकात होती है. तमन्ना उसका मजाक उड़ाती है ,इस पर आलाप लेकर राधे एक गीत गाता है और वह तुरंत अपने दादाजी को वही शास्त्रीय रागों में बंधा हुआ गीत सुनाता है. पंडित राधे मोहन राठौर खुश होकर दूसरे दिन सुबह उसका 'गंडा बंधन' करने की घोषणा करते हैं. पर तमन्ना की वजह से सुबह सही समय पर राधे के न पहुंचने से  पंडित जी नाराज हो जाते हैं. पर फिर वह प्रायश्चित परीक्षा देता है और पंडित जी उसका 'गंडा बंधन' करते हैं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...