मां ऐसा शब्द है, जिसमें बहुत-सी भावनाएं छुपी होती हैं. एक मां ही है जो अपने बच्चे के भविष्य की मजबूत नींव रखती है. वैसे तो दुनिया भर में मां का प्यार एक समान होता है, लेकिन एक भारतीय मां, अपने कर्तव्य और निस्वार्थ प्यार के मामले में सबसे आगे रहती है. वो अपने बच्चों का भविष्य बनाने में उनका साथ देती है और उनका हौसला बढ़ाती है. वो उन्हें उड़ने के लिए पंख भी देती है और सदा उनके आसपास रहती है, ताकि जब वो गिरें तो वो झट से उन्हें संभाल सके. बच्चे भले ही हाथ छोड़ दें, मां साथ नहीं छोड़ती चाहे उनकी उम्र कितनी ही बढ़ जाए. सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का नया शो ‘इंडिया वाली मां, ऐसी ही एक मां की प्यारी और अपनी-सी लगने वाली कहानी है, जो कभी अपने बेटे का साथ नहीं छोड़ती, भले ही उसके बेटे को ये लगे कि उसे अपनी मां की जरूरत नहीं है.

इस शो के ३ प्रमुख किरदार हैं; काकू जिसका किरदार निभाएंगी सुचिता त्रिवेदी, हंसमुख जिसका किदार निभाएंगे नितेश पांडे, और रोहन जिसका किरदार निभाएंगे अक्षय  म्हात्रे.

इंडिया वाली मां, अपने बेटे के प्रति एक मां के संकल्प और समर्पण की कहानी है. जय प्रोडक्शंस के निर्माण में बना यह शो 31 अगस्त से हर सोमवार से शुक्रवार रात 8:30 बजे सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित किया जाएगा.

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एक बच्चा हर मुश्किल में अपनी प्यारी मां के पास ही जाता है. मां भी अपने बच्चों का सबसे बड़ा सहारा होती है. भले ही हम बड़े होकर आत्मनिर्भर बन जाएं, लेकिन तब भी एक मां की भावनाएं नहीं बदलतीं. मां भले ही हमारे सपने पूरे करने के लिए हम पर ज़ोर डाले, लेकिन वो हमारा ख्याल रखना कभी नहीं छोड़ती. लेकिन यह रिश्ता वक्त के साथ बदलने क्यों लगता है? आखिर जाने, अनजाने में हम अपनी मां से दूर क्यों होने लगते हैं? ऐसी ही कहानी है कौशल्या यानी काकू की, जो भुज की रहने वालीं एक सीधी-सादी और आजाद ख्यालों वाली मां हैं, जो अपने मददगार पति हंसमुख के साथ सुकून से जिंदगी जी रही हैं. दोनों का रिश्ता भी बहुत प्यारा है. काकू हंसमुख पर निर्भर है और उन्हें उनकी छत्रछाया और उनके प्यार के साए में रहना बहुत अच्छा लगता है. लेकिन इस पति-पत्नी के बीच केवल एक ही दिक्कत है और वो है उनका बेटा रोहन. जहां काकू अमेरिका में बसे अपने बेटे का ध्यान पाने के लिए तरसती हैं, वहीं हंसमुख एक प्रैक्टिकल इंसान हैं और इस बात को समझते हैं कि रोहन अब उनसे दूर हो गया है. हालांकि काकू एक आदर्श मां की तरह अपने बेटे की अनदेखी को नजरअंदाज करती हैं और ये मानती हैं कि उन्हें हमेशा की तरह अपने बेटे के साथ खड़े रहना चाहिए. काकू के यही इरादे उन्हें अपने बेटे की ओर ले जाते हैं, जिसमें वो तमाम मुश्किलों से संघर्ष करते हुए एक इंडिया वाली मां का असली मतलब समझाती हैं.

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