सूर्य की यूवी किरणों के प्रभाव में आने से त्वचा में मैलानिन की मात्रा बढ़ जाती है जोकि त्वचा की रंगत को प्रभवित करती है. मैलानिन जब त्वचा के निचले हिस्सों में पैदा होने के बाद इस के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचता है तो त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है. धूप में त्वचा की पूरी नमी खत्म हो जाती है, जिस से त्वचा शुष्क और बेजान सी प्रतीत होती है.
वैसे तो बाजार में कई तरह के सुरक्षात्मक लोशन, क्रीम्स और स्प्रे मौजूद हैं पर अब आप की त्वचा बिना सनस्क्रीन लगाए भी धूप में काली नहीं होगी.
ओरल सनस्क्रीन टैबलेट या सनस्क्रीन लोशन
सूर्य की अल्ट्रावौयलेट किरणों से स्किन को बचाने के लिए ओरल सनस्क्रीन टैबलेट्स नए विकल्प के रूप में मौजूद हैं.
स्कीनोवेशन के डाइरैक्टर कल्पेश गावड़े ने भारत में यह उत्पाद लौंच किया है. हेलीओकेयर ओरल पूरी तरह से रिसर्च और टैस्ट के बाद ही मार्केट में लाया गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि सन प्रोटैक्शन के पुराने तरीके पर्याप्त नहीं हैं, क्योंकि अधिकांश महिलाएं बहुत कम सनस्क्रीन का प्रयोग करती हैं और शरीर के सभी उजागर हिस्सों का कवर करना या तो भूल जाती हैं या फिर उन्हें लगता है कि सिर्फ फेस को कवर करना ही काफी है.
बेहतर विकल्प
दूसरी ओर क्रीम या लोशन को अच्छी तरह से काम करने के लिए हर कुछ घंटों बाद पुन: लगाने की जरूरत पड़ती है, मगर अधिकांश महिलाओं के पास समय नहीं होता है.
सनस्क्रीन लोशन हर किसी की स्किन को सूट नहीं करता और उस से ऐलर्जी आदि की समस्या भी हो जाती है. ऐसे में सनस्क्रीन टैबलेट्स फायदेमंद हैं.