ऐसा माना जाता है कि फैशन इंडस्ट्री विश्व की सबसे बड़ी प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार ‘लैक्मे फैशन वीक समर/रिसोर्ट 2019 ने सस्टेनेबल फैशन के क्षेत्र में काम करने वाले डिजाईनरों की हौसलाअफजाई करने के लिए ‘सर्कुलर डिजाईन चैलेन्ज 2019’ का आयोजन किया और अच्छे काम करने वालों को पुरस्कार से सम्मानित भी किया.
उनके हिसाब से ये नए जमाने की मांग है कि फैशन में नयी खोज, रिसायकल होने वाले पदार्थ, कृषियोग्य सामग्री, इको फ्रेंडली पदार्थों आदि पर अधिक से अधिक जोर दिया जाना चाहिए और इस दिशा में सभी बड़े-बड़े डिजाइनर्स ने मिलकर काम किया, जिसमें अनीता डोंगरे की ग्रासरूट कलेक्शन, उज्वला दूबे की अंतर अग्नि कलेक्शन, अनीता अरोड़ा की पेरो कलेक्शन आदि सभी ने दर्शकों का मन मोह लिया. इसमें सभी ने देसी और खादी कपड़ों को मौडर्न स्टाइल में पेश किया.
‘सर्कुलर डिजाईन चैलेन्ज 2019’ में आने वाले सभी डिजाईनरों ने इसमें इस बात की कोशिश की कि कोई भी कपड़ा वेस्ट प्रोडक्ट में न जाए. इस प्रतियोगिता में पूरे देश से डिजाईनरों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें कई हजार डिजाईनर्स ने भाग लिया, जिसमें से केवल 8 को शो केस करने के लिए आमंत्रित किया गया. जिसमें से केवल 3 को पुरस्कृत किया गया, जिन्हें एडिटर डिरेक्टर मिकी बोर्ड मैन, लाइफस्टाइल जर्नलिस्ट वंदना तिवारी, डिजाइनर राहुल मिश्रा, ग्लोबल एनवायरनमेंट लीड हर्षा वर्धन, यू एन एनवायरनमेंट इंडिया हेड अतुल बगाई और अभिनेत्री नेहा धूपिया की पैनल ने उनके काम की बारीकी से जांच कर पुरस्कृत किया.
इस अवसर पर विजेता ब्रांड ‘आई एम साड़ी’ डिजाइनर जोड़ी पूर्णिमा पांडे और स्टीफानो फुनारी ने बताया कि उन्होंने हजारों फेकें गए या पुरानी साड़ियों को लेकर नए डिजाईन क्रिएट किये हैं, जो बहुत मुश्किल था. इस काम में साड़ी ही उनका रिसोर्स है. जिसमें 85 कारीगर 66 हजार से अधिक प्रोडक्ट बना सकते हैं. इसमें साड़ियों को लेकर उसकी पट्टी काटकर मिलान के साथ डिजाईन बनाये जाते है. हर परिधान एक दूसरे से अलग और अदभुत होता है. पोशाक के अलावा वे इससे जूते, बेल्ट, जैकेट, ज्वेलरी आदि बहुत सारी चीजे बनाते हैं, जिसकी मांग देश और विदेश में काफी है. ये सभी ड्रेस एफोर्डेबल हैं और इसे किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है. आज तक इन दोनों की जोड़ी ने 18 हजार साड़ियों को रिसायकल किया है.