लिपस्टिक हर महिला की मेकअप लिस्ट में शामिल होती है क्योंकि इस के बिना मेकअप अधूरा सा लगता है. चाहे महिलाएं हैवी आई मेकअप कैरी करें या फिर लाइट मेकअप, ऐसा हो ही नहीं सकता कि वे लिपस्टिक से मेकअप को फाइनल टचअप न दें क्योंकि यह उन के मेकअप की जान बन कर जो उभरती है.
ऐसे में मार्केट में ढेरों लोकल से ले कर ब्रैंडेड उत्पाद उपलब्ध हैं, जो सस्ते से ले कर महंगी लिपस्टिक देने तक का औप्शन देते हैं और आज हर लड़की या महिला हर दिन कुछ नया ट्राई करने की चाह में रोजाना लिपस्टिक के नए शेड्स ट्राई करने के चक्कर में अधिकांश बार सस्ती लिपस्टिक के विकल्प को चुनना ज्यादा बेहतर समझती है, जो भले ही उसे स्टाइलिश व ट्रैंडी दिखाने का काम करे, लेकिन क्या महिलाएं जानती हैं कि ऐसा कर के वे अपने लिप्स की हैल्थ के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.
इसलिए जरूरी है लिपस्टिक खरीदते वक्त ब्रैंड व लिपस्टिक में होने वाले इनग्रीडिऐंट्स को ध्यान में रखना.
लिपस्टिक में क्या देखना है जरूरी
बनी हो नैचुरल इनग्रीडिऐंट्स से:
आज दुनियाभर में मेकअप प्रोडक्ट्स की बाढ़ सी आई हुई है और साथ ही मेकअप प्रोडक्ट्स कैमिकल्स से भी भरे होते हैं, जिन्हें अगर बिना सोचेसम?ों खरीद लें तो वे हैल्थ के लिए हानिकारक साबित होते हैं. इसलिए जब भी लिपस्टिक खरीदें तो देखें कि उस में पौलीइथिलीन ग्लाइकोल नामक पैट्रोलियम तत्त्व व अन्य कैमिकल्स न हों क्योंकि ये नर्वस सिस्टम के लिए हानिकारक साबित होते हैं, साथ ही इन से स्लीप डिसऔर्डर, उलटी, पेट में दर्द, पेट फूलना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.