एक्टिंग का शौक था, लेकिन ये प्रोफेशन बनेगा पता नहीं था, क्योंकि परिवार में कोई भी इस फील्ड से नहीं है और यहाँ तक पहुंचना नामुमकिन था, कहती है हंसती हुई चुलबुली, खूबसूरत नायरा M बनर्जी. उन्होंने पहले अपना काम दक्षिण की फिल्मों से शुरू किया और धीरे-धीरे हिंदी टीवी जगत में आ गयी. उन्हें यहाँ तक पहुँचने में काफी संघर्ष करने पड़े, जो आसान नहीं था, कितनी बार रोई, खुद को सांत्वना दी, लेकिन आज सफल है.साउथ में काम करके उन्हें प्रोफेशनलिज्म के बारे में काफी कुछ सीखने को मिला और उन्हें बतौर अभिनेत्री विकसित होने में काफी मदद भी की.
नायरा ने कॉलेज के दिनों से ही मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था. उनका असली नाम नायरा बनर्जी है. साउथ के सुपरहिट हीरोज के साथ काम करने के दौरान ही वहां के निर्माताओं को उनका नाम थोड़ा देसी सा लगा और उन्होंने उनका नाम मधुरिमा रख दिया. नायरा उनके लिए थोड़ा एलियन नाम था, लेकिनयह नाम नायरा को कभी जमा नहीं. जैसे ही उन्हें हिंदी इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिला, उन्होंने फिर से अपना नाम नायरा कर लिया, जिस नाम से उन्हें मुंबई के सारे लोग परिचित है.
कलर्स टीवी की फिक्शन ड्रामा शो पिशाचिनी में मुख्य भूमिका रानी/पिशाचिनी की निभा रही है, उन्होंने अपने जीवन की सभी पहलूओं पर बात की, पेश है कुछ खास अंश.
सवाल- अभिनय में आने की बात सोची थी या एक इत्तफाक था?
जवाब – मेरी कोई प्रेरणा नहीं थी, मेरा कोई गॉडफादर इंडस्ट्री में नहीं है, मैं मुंबई में लॉ की पढाई कर रही थी. बंगाली होने की वजह से मैं कई स्थानों पर परफोर्मेंस करती थी. डांस करना, गीत गाना, परफोर्मेंस करना आदि सब मैं अपने हिसाब से कर रही थी. इन कार्यक्रम में कई सेलेब्स अपने मैनेजर के साथ आते थे, उन्होंने मेरे चेहरे को देखकर अभिनय के लिए बुलाया और मुझे साउथ की फिल्म का ऑफर मिला, मैंने पहले मना कर दिया, क्योंकि इंडस्ट्री की कोई जानकारी मुझे नहीं थी, लेकिन उन्होंने मेरे घर आकर सारी बातें मेरे पेरेंट्स को बताई, सबको काम के बारें में समझाया.तब मेरी माँ मेरे साथ ट्रेवल करती थी और इस तरह से पहली फिल्म की. वही से मेरे पिक्चर्स चारों तरफ फैले और मैं पोपुलर हो गई. इसके बाद काम मिलना शुरू हो गया है. मेरे पिता ट्रान्सफरेबल जॉब में होने की वजह से हमारा मुंबई में आना हुआ, जिससे अभिनय क्षेत्र में जाना संभव हुआ.