‘सुल्तान’ की शानदार ओपनिंग के लिए रचना रची गई थी. योजना तो ये बनाई गई थी कि सलमान खान और अनुष्का शर्मा शहर-दर-शहर जाकर अपनी फिल्म 'सुल्तान' का प्रचार करेंगे. फिल्म को पांच दिन का लम्बा वीकेंड मिला है और निर्माता इस दौरान तगड़ा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन चाहते हैं.
सलमान ने पहली प्रेस कांफ्रेंस में ऐसा कुछ बोल दिया कि बवाल मच गया. 'बलात्कार पीड़ित महिला जैसा महसूस होता था' बोलकर उन्होंने अपनी थकान की तुलना कर डाली. अब यदि सलमान देश के शहरों में जाते तो इस बारे में ही पत्रकार सवाल पूछते.
'सुल्तान' तो एक तरफ रह जाती और बात इस मुद्दे को लेकर ही होती. ऐसे में सल्लू मियां के मुंह से कुछ और निकल जाता तो राई का पहाड़ बनने में देर नहीं लगती. इससे फिल्म को नुकसान भी संभव था. लिहाजा 'सु्ल्तान' के निर्माताओं ने अपने कदम पीछे खींच लिए. शहरों का दौरा रद्द कर दिया. नुकसान न होने में ही फायदा ढूंढ लिया गया.
वैसे सलमान की इस फिल्म को ज्यादा प्रचार की जरूरत भी नहीं है. जिन लोगों ने सोच रखा है कि भाई की फिल्म देखना है तो बस देखना है. उन्हें कोई ताकत नहीं रोक सकती. न विवाद, न रिव्यू. फिल्म तो हिट होना ही है तो फिर प्रचार की जरूरत क्या.
फिल्म से जुड़े लोग कहते हैं कि 'सुल्तान' की कामयाबी पर कोई शक नहीं है, लेकिन थोड़ा जोर लगा दिया जाए तो कलेक्शन तीन सौ करोड़ के पार हो जाए. इसी बैनर ने शाहरुख को लेकर 'फैन' भी बनाई थी जो सुपरस्टार के फिल्म से जुड़े होने के बावजूद सौ करोड़ तक भी नहीं पहुंचाई.