फिल्म ‘जब तक है जान’ फिल्म से चर्चा में आने वाले अभिनेता शरीब हाश्मी मुंबई के है. उन्हें हमेशा से अभिनय पसंद था, जिसमें साथ दिया उनके माता-पिता ने. उनके पिता एक जाने माने पत्रकार थे. उनकी भी इच्छा थी कि वे अभिनय करें. शरीब ने हमेशा अलग और नयी कहानियों में काम करना पसंद किया. यही वजह है कि कमोवेश उनकी फिल्में सफल रही. जिंदगी जैसे आती है. उसमें वे अच्छी तरह रहना और आगे बढ़ना जानते है. उनके कैरियर में उनकी पत्नी का सहयोग हमेशा रहता है, जो हर कामयाबी को उनके साथ सेलिब्रेट करती है. पत्नी के अलावा वह एक अच्छी दोस्त भी है. शरीब की फिल्म ‘माय क्लाइंट्स वाइफ’ शीमारू मी बॉक्स ऑफिस पर पहली फिल्म है, जो रिलीज पर है. पेश है शरीब से हुई बातचीत के कुछ अंश. 

सवाल-इस फिल्म में आपकी भूमिका क्या है?

इस फिल्म मैं एक वकील की भूमिका निभा रहा हूं. जो सीरियस है, अपने काम को लेकर समर्पित है. मैंने ऐसी भूमिका पहले कभी नहीं की है, जो मेरे लिए नयी है. फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी तरह से लिखी गयी है. इसलिए मुझे इसे करने में समस्या नहीं आई. मैंने ब्लाइंडली निर्देशक को फोलो किया है. फिर शीमारू से जुड़ना और पहली फिल्म का इस पर रिलीज होना मेरे लिए अच्छी बात है. 

सवाल-फिल्मों में आने की प्रेरणा कहाँ से मिली?

मेरे पिता जेड ए जौहर अपने ज़माने में नामचीन पत्रकार हुआ करते थे. उनदिनों गोविंदा, राजबब्बर, गुलशन ग्रोवर आदि सारे कलाकार मेरे घर पर आया करते थे, बचपन में उन्हें देखकर मुझे अच्छा लगता था. मैं उनसभी से बहुत प्रभावित था और अभिनय के क्षेत्र में कुछ करना चाहता था. हालाँकि अभिनय मैंने देर से शुरू किया है. जब बड़ा हुआ तो एक्टिंग की इच्छा छोड़ दिया था, क्योंकि मेरी पर्सनालिटी वैसी नहीं थी. इसलिए पहले मैंने अस्सिटेंट डायरेक्टर, फिर राइटर बना. वर्ष 2009 से मैंने एक्टिंग शुरू किया तब तक मेरी शादी हो चुकी थी और मेरा बच्चा भी था. बहुत अधिक समस्या आई पर मैंने, एक्टिंग करना नहीं छोड़ा और आज यहाँ तक पहुंचा चुका हूं. 

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