पानी पीने का भी एक तरीका होता है. जिसे अपनाना बेहद जरूरी है. पानी पीते वक्‍त हम ज्‍यादा सोचते नहीं हैं. जब भी हमें प्‍यास लगती है, हम झट से बोतल उठाते हैं और पानी पी लेते हैं. घर में बड़े-बूढ़े अक्सर ही कहते हैं कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, लेकिन हम उनकी इस हिदायत को हर बार नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि खड़े होकर पानी पीना आपके शरीर के लिए कितना ज्यादा खतरनाक है.

ऐसा कहा जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से पानी हमारे पीने की स्‍पीड बढ़ जाती है. जब आप खड़े होकर पानी पीती हैं तब आपकी नसें तनाव में आ जाती हैं. नसों के तनाव में आने से शरीर को खतरे का अंदेशा होने लगता है. डाक्‍टर धनवन्‍तरि के मुताबिक यहीं से अर्थराइटिस और घुटने के दर्द की शुरुआत होती है. पानी को हवा की तरह धीरे और आराम से लेना चाहिए क्योंकि तेजी से पानी पीने पर विंड पाइप और फूड पाइप में आक्‍सीजन की कमी हो सकती है. इसका सीधा असर दिल और गुर्दे पर पड़ता है. यही नहीं तेजी से पानी पीने के दौरान फूड पाइप में हवा का दबाव बनने लगता है. इससे हड्डियों और जोड़ों में खराबी आ जाती है, वह कमजोर हो जाती हैं और उनमें दर्द भी होने लगता है.

खड़े होकर पानी पीने वाली बात भले ही आपको बकवास लगे, लेकिन आपको बता दें कि अगर बैठकर भी पानी तेजी से पिया जाए तो भी ये खतरनाक हो सकता है. इसलिए पानी पीने की स्‍पीड का खयाल रखें. हमेशा बैठकर धीरे-धीरे और आराम से ही पानी पीएं.

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