महिलाएं कमज़ोर होती हैं और पुरुष मज़बूत. ऐसा पूरी दुनिया में माना जाता है. लेकिन, कोविड -19 के मामले में यह धारणा उलट जाती है. नोवल कोरोना वायरस से पुरुषों और महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा तो समानरूप से है लेकिन पुरुषों पर इसके ज्यादा गंभीर प्रभाव पड़ने व उनकी मौत होने का ज्यादा खतरा है. वहीँ, कुछ पुरुष ऐसे भी होते हैं जिन्हें मौत का खतरा नहीं भी होता है.
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिंगभेद का परीक्षण किया गया है. फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चीन के बीजिंग तोंगरेन अस्पताल के जिन यांग समेत कई वैज्ञानिकों ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों की प्रवृत्ति का मूल्यांकन किया है.
वैज्ञानिकों ने कहा कि संक्रमित पुरुषों और महिलाओं की उम्र व संख्या समान थी, लेकिन पुरुषों को कोविड की अधिक गंभीर बीमारी हुई. वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि मरने वाले 70 प्रतिशत से अधिक मरीज पुरुष थे. इसका मतलब है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में मृत्युदर लगभग 2.5 गुना ज्यादा हो सकती है. उन्होंने कहा कि पुरुष की भले ही उम्र कोई भी हो लेकिन पुरुष होने की वजह से उसे वायरस के कारण गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा है.
दूसरी तरफ, एक नए शोध से पता चला है कि खास प्रकार की उंगली रखने वाले पुरुष, कोरोना वायरस से कम मरते हैं. शोध के मुताबिक, जिन लोगों की अनामिका या रिंग फिंगर यानी अंगूठे से चौथी और सब से छोटी उंगली से पहले वाली उंगली सारी उंगलियों से बड़ी होती है, कोविड-19 से उन लोगों की कम मौत होती है.