सर्दियों की ऐलर्जी आप को बीमार कर सकती है. इस से आप की नाक बहनी शुरू हो जाती है अथवा बंद हो जाती है, साथ ही गले में खराश भी हो जाती है. आंखों में खुजलाहट और लाली आ जाती है और छींक और कफ की समस्या बढ़ जाती है. फफूंदी, धूलमिट्टी, जानवरों की खुश्की और परफ्यूम जैसी चीजें ऐलर्जी की समस्या बढ़ाने का काम करती हैं और सर्दी के मौसम में आप के शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. इस मौसम की सर्दीजुकाम एक मामूली समस्या होती है, लेकिन ऐलर्जी लंबे समय तक परेशान करती है.

फफूंदी, धूलमिट्टी व जानवरों की खुश्की जैसी चीजें वैसे तो पूरे साल वातारवण में मौजूद रहती हैं, लेकिन ठंड के मौसम में ये इसलिए ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं क्योंकि लोग कमरे की सारी खिड़कियां और दरवाजे आदि बंद कर लेते हैं और ठंड के बचाव के लिए रूम हीटर आदि चला लेते हैं. ऐसे में कमरे का वातावरण इन चीजों के पनपने के लिए अनुकूल हो जाता है.

आइए, अब जानिए इस मौसम की ऐलर्जी की खास वजहों के बारे में विस्तार से, जो घर के अंदरूनी वातावरण में ही मौजूद होती हैं:

फफूंदी के जीवाणु: सांस लेने के दौरान अस्थमा के मरीजों के शरीर में जब वातावरण में मौजूद फफूंदी के जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं तब बीमारी गंभीर रूप ले लेती है. ये जीवाणु आप को नजर नहीं आते. ये तो बाथरूम और बेसमैंट जैसी नमी वाली जगहों पर पनपते हैं. इस मौसम में हवा में उड़ रहे कटी फसल के कण भी समस्या बढ़ाने की वजह बनते हैं.

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