गत वर्ष से कोरोना का कहर जारी है, पहली लहर की अपेक्षा दूसरी लहर बहुत घातक सिद्ध हुई है. वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के अनुसार तीसरी लहर का आना भी तय है भले ही यह कब आएगी यह सुनिश्चित अभी नहीं किया जा सका है. पहली लहर के अनुपात में दूसरी लहर ने युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया.

डॉक्टरों के अनुसार तीसरी लहर में सर्वाधिक प्रभावित बच्चे होंगे, इसलिए बच्चों को अभी से सतर्क करना, कोरोना से बचाव के तरीकों और आदतों को उनके व्यवहार में लाना अत्यंत आवश्यक है. यूं भी शोध बताते हैं हम सभी को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी क्योंकि यह समय समय पर अपना प्रकोप दिखाता रहेगा. जून माह से धीरे धीरे अनलॉक की प्रक्रिया भी प्रारम्भ होने वाली है. लगभग दो माह से बच्चे भी घर में कैद हैं. कोरोना का प्रकोप भी कुछ कम हुआ है. अनलॉक होने के साथ धीरे धीरे जिंदगी भी पटरी पर लौटने लगेगी. बच्चों का भी अपने दोस्तों के साथ खेलना और मिलना जुलना प्रारम्भ हो ही जायेगा. इस समय जब कि बच्चे पूरे समय घर पर है उन्हें कोरोना से बचने के तरीकों को अपनी आदत में शुमार करने की समझाइश देने की आवश्यकता है.

1. - घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना, बार बार हाथ धोना और आसपास के लोंगों से 2 फ़ीट की दूरी बनाए रखना.

2. -घर से बाहर दोस्तों आदि के साथ खेलते समय भी चेहरे से मास्क न हटाना और बीच बीच में हाथों को सेनेटाइज करते रहना.

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