आजकल शादी विवाह के अवसर पर फ्लोरल अर्थात फूलों से बनी ज्वैलरी का प्रयोग बहुतायत से किया जाने लगा है. यूं तो हमने प्राचीन कालीन शकुंतला को भी चित्रों में फूलों से बनी ज्वैलरी पहने ही देखा है परन्तु आजकल शादी में हल्दी, मेंहदी तथा बेबी शावर अथवा गोद भराई के समय भी नायिका और उसके परिवार की महिला सदस्यों द्वारा फूलों से बनी ज्वैलरी पहनने का ही चलन है. भांति भांति के फूलों से बनी फ्लोरल ज्वैलरी सस्ती होने के साथ साथ इकोफ्रेंडली और अत्यधिक सस्ती भी होती है. फूलों से गले के हार से लेकर झुमके, मांग टीका, कंगन, करधनी और अंगूठी जैसे सभी गहने बड़ी आसानी से बनाये जा सकते हैं.
कौन से फूलों का करें उपयोग
-मोगरा
रंग में सफेद होने के साथ साथ मोगरा दिखने में बहुत सुंदर और चारों ओर अपनी खुशबू बिखेरने वाला होता है. सफेद होने के कारण गेंदे, गुलाब जैसे दूसरे रंग के बड़े फूलों के साथ इसे पेयर करना काफी आसान होता है.
-गुलाब
यूं तो गुलाब अनेक रंगों में पाया जाता है परन्तु लाल और गुलाबी रंग का शादी विवाह के अवसर पर विशेष महत्व होता है.इसके अतिरिक्त यदि आप कुछ हैवी ज्वेलरी पहनना चाहतीं हैं तो गुलाब से बनी ज्वेलरी सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
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-गुलदाउदी/सेवंती
गुलदाउदी को सेवंती भी कहा जाता है. इसके फूल पीले, सफेद और बैंगनी रंग के सुंदर होते है. इनसे बनी ज्वैलरी बहुत सुंदर और दिखने में भारी लगती है.
-हरसिंगार
नारंगी डंडी और सफेद फूल वाले हरसिंगार या पारिजात के फूलों की ज्वैलरी मनमोहक सुगन्ध के साथ साथ कन्ट्रास रंग के कारण देखने में बहुत अच्छी लगती है. चूंकि इसमें स्वयम ही दो रंग होते हैं इसलिए इसमें किसी दूसरे रंग के फूल लगाने की आवश्यकता नहीं होती. आकार में छोटे होने के कारण इनसे मल्टीलेयर्ड ज्वेलरी भी बड़ी आसानी से बनाई जा सकती है.