खुद के जीवित न रहने की सूरत में अगर आप अपने परिवार को आर्थिक रूप से अक्षम नहीं होने देना चाहते हैं तो बीमा बेहद जरूरी होता है. अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं तो आप मासिक या सालाना तौर पर इसके प्रीमियम का भुगतान कर इसका बंदोबस्त कर सकते हैं. हालांकि कुछ सूरतों में आपका प्रीमिमय कम तो कुछ सूरतों में ज्यादा हो सकता है. आज हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको यही जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे.

हम अपनी इस खबर में आपको बताएंगे कि आप किन अहम बातों का ख्याल रखकर अपने इंश्योरेंस के प्रीमियम को बढ़ने से रोक सकते हैं.

बीमार आदमी को देना होता है ज्यादा प्रीमियम: आपकी सेहत भी इंश्योरेंस प्रीमियम तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है. यानी अगर आपको हृदय संबंधी कोई बीमारी है या फिर आपको डायबिटीज इत्यादि है तो फिर आपसे इंश्योरेंस कंपनियां आम आदमी की तुलना में ज्यादा प्रीमियम वसूल सकती हैं. बीमा कंपनियां ऐसे लोगों को पौलिसी देने से पहले उनका हैल्थ स्टेटस मांगती हैं.

जोखिम वाला पेशा तो देना होगा ज्यादा प्रीमियम: आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी ओर से किए जाने वाले व्यवसाय पर भी निर्भर करता है. अगर आप जिस पेशे से जुड़े हैं वो जोखिम वाला है और उसमें आपकी जान जाने की संभावना ज्यादा रहती है तो यह भी आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ा सकता है. इन पेशों में सी डाइविंग, बौम्ब डिफ्यूसिंग यूनिट, फायर फाइटिंग आदि हो सकते हैं.

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आनुवांशिक बीमारी भी डालती है प्रीमियम पर असर: आनुवांशिक कारक भी आपकी पौलिसी के प्रीमियम को प्रभावित करते हैं. सामान्य तौर पर बीमा कंपनी आवेदक से पौलिसी करवाते वक्त परिवार में पहले से चली आ रही आनुवांशिक बीमारियों के बारे में भी पूछताछ करती है. ऐसा होने की सूरत में कंपनियां आपसे ज्यादा प्रीमियम राशि चार्ज कर सकती है.

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