भारत में ऐसी घरेलू महिलाओं की तादाद बहुत ज्यादा है जो अपने पति पर निर्भर हैं और किसी भी तरह के वित्तीय फैसलों में उनकी भागीदारी न के बराबर है. इसके बावजूद वह घर की मैनेजर होती हैं और उनकी जिम्मेदारी अपने घर के बजट को मैनेज करने की होती है.
पिछले कुछ सालों में महंगाई तो बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में सैलरी नहीं बढ़ी है. लेकिन कई बार जब घर में कोई इमर्जेंसी आती है जैसे जौब छूटना, हेल्थ प्रोब्लम, घर लेना तब सारा बोझ पत्नी के ऊपर होता है कि वो कैसे संब कुछ संभाले और समस्या से निजात दिलाये.
मनी फ्लो मैनेजमेंट
ज्यादातर घरों महिलाएं केवल ग्रौसरी की खरीदारी तक ही सीमित हो जाती हैं. जैसे सब्जी अगर लेनी होती है, तो सोचती हैं कि हफ्ते भर की सब्जी लेकर रख लें, यहां एक गलती हो जाती है की अगर सब्जी या खाने के सामान खराब हो गये तो उन्हें फेंकना पड़ता है. जिससे पैसों की बर्बादी होती है. लेकिन हाउसवाइव्स को इसके आगे बढ़ते हुए फाइनेंस को मैनेज करने का तरीका पता होना चाहिेए. इससे पता चलेगा कि कहां आपको ज्यादा खर्च करना है और कहां बचाना है. और यह कोई रौकेट साइंस नहीं और न ही इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत है. आप इसे खुद से या अपने पति की सलाह से भी कर सकती हैं.
खर्च कंट्रोल करना
अब जब आप मनी फ्लो मैनेजमेंट करना जान गईं हैं तो बारी है खर्चों पर कंट्रोल करने की, जैसे अगर आपके घर का बिजली का बिल 2 हजार हर महीने आता है, तो आपको सोचने की जरूरत है कि कैसे आप इसे कम कर सकती हैं. अगर आप हर रोज वौशिंग मशीन का इस्तेमाल करती हैं तो हफ्ते में 3-4 दिन ही इस्तेमाल करें. ऐसी ही कई चीजों का ध्यान रखकर आप खर्चों में कटौती कर सकती हैं.