साइंस के विकास के साथ ही जहां एक तरफ कई बिमारीयों का इलाज संभव हो गया है वहीं दूसरी तरफ इलाज का खर्च भी बढ़ गया है. महंगे इलाज से सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस सबसे आसान उपाए है. हेल्थ इंश्योरेंस से खर्च मैनेज हो जाता है और टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त भी कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए.
पॉलिसी लेने से पहले क्लेम के क्लॉज ध्यान से पढ़ें
पॉलिसी लेते वक्त हम अक्सर सिर्फ प्रीमियम अमाउंट ही देखते हैं. जबकि कई बार आपका एजेंट पॉलिसी के पीछे के क्लॉज नहीं बताता. एजेंट से सारी जानकारी हासिल करें. इंटरनेट पर भी बहुत सारी जानकारियां उपलब्ध होती हैं. ध्यान रहे पॉलिसी आपके हेल्थ के लिए है. इसलिए एक्सट्रा सावधानी जरूरी है.
कैशलैस फैसिलिटी का फायदा
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त कंपनी की कैशलैस सर्विस पर ध्यान देना जरूरी है. इस सुविधा से आपको इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा. मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाते समय या डिस्चार्ज के समय बड़ी राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल में रहने का खर्च भी इंश्योरेंस कंपनी ही उठाएगी.
रीइंबर्समेंट करवाते वक्त ये ध्यान रखें
कई बार हमारा इलाज कैशलैस हॉस्पिटल में संभव नहीं होता. नोट बैन के बाद यह समस्या नहीं आनी चाहिए. इस स्थिति में हमें कंपनी के पास क्लेम रीइमबर्समेंट के लिए भेजना होता है. रीइमबर्समेंट के वक्त पॉलिसी होल्डर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सारे बिल, जरूरी दस्तावेज हैं.
नेटवर्क हॉस्पिटल की लिस्ट पास जरूर रखें
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त कंपनी एक नेटवर्क हॉस्पिटल की लिस्ट भी मुहैया करवाती है. आपका इस लिस्ट को हमेशा पास रखना चाहिए. इससे इमर्जेंसी के वक्त नेटवर्क हॉस्पिटल में इलाज करवाना आसान हो जाता है. नेटवर्क हॉस्पिटल के साथ इंश्योरेंस कंपनी का टाइअप होता है.