सवाल
बहुत से अखबारों में आए दिन ऐसे इश्तिहार छपते रहते हैं कि अमीर घरों की लड़कियों व औरतों को खुश कर के 10 हजार से 20 हजार रुपए तक कमाएं. ये लोग एक हजार रुपए मैंबरशिप के मांगते हैं. आखिर इन इश्तिहारों की हकीकत क्या है?

जवाब
ऐसे इश्तिहारों के चक्कर में बिलकुल नहीं पड़ना चाहिए. इन के चक्रव्यूह में फंसने वाले की छीछालेदर हो जाती है. अपनी कमाई के लिए जो लोग एक हजार रुपए मांग रहे हों, वे 10 हजार या 20 हजार रुपए क्या दिलाएंगे. ये लोग ग्राहक को फंसा कर उस की उलटी सीधी तसवीरें खींच कर उसे ब्लैकमेल भी करते हैं. इन से उचित दूरी बनाए रखें.

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नाजायज संबंधों की फिसलन भरी राह

उत्तरपश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी के भलस्वा गांव के रहने वाले सोहताश की बेटी की शादी थी. उन के यहां शादी में एक रस्म के अनुसार, लड़की की मां को सुबहसुबह कई घरों से पानी लाना होता है. रस्म के अनुसार पानी लाने के लिए सोहताश की पत्नी कुसुम सुबह साढ़े 5 बजे के करीब घर से निकलीं. यह 20 जून, 2017 की बात है.

पानी लेने के लिए कुसुम पड़ोस में रहने वाली नारायणी देवी के यहां पहुंचीं. नारायणी देवी उन की रिश्तेदार भी थीं. नारायणी के घर का दरवाजा खुला था, इसलिए वह उस की बहू मीनाक्षी को आवाज देते हुए सीधे अंदर चली गईं. वह जैसे ही ड्राइंगरूम में पहुंची, उन्हें नारायणी का 40 साल का बेटा अनूप फर्श पर पड़ा दिखाई दिया. उस का गला कटा हुआ था. फर्श पर खून फैला था. वहीं बैड पर नारायणी लेटी थी, उस का भी गला कटा हुआ था.

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