पूजा मिश्रा...
दोस्ती का हाथ थामें मैंने ज़िंदगी के कई पहलुओं को समझा है...
मैंने चलना खुद सीखा है लेकिन सभलना और संभालना दोस्ती में सीखा है...
बुरे वक़्त में रिश्तेदार हो न हो साथ लेकिन चार दोस्त जरूर चले आते थे...
अपनी दोस्ती का वास्ता दे दे कर मुझसे हंसना सीखाते थे...
दोस्ती का हाथ थामें मैंने ज़िंदगी के कई पहलुओं को समझा है...
लड़खड़ाते हुए रास्तों पर कैसे संभालना है ये मैंने दोस्ती में सीखा है
love you guys please जो भी
miss you and happy friends
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