आंखों से जुड़ी प्रौब्लम का इलाज बताएं?

सवाल

मैं 32 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. अपने प्रोफैशन की वजह से मुझे मेकअप में रहना होता है. मुझे बारबार पलकों पर फुंसी और खुजली हो जाती है, क्या करूं?

जवाब-

अगर आप रोज आई मेकअप करती हैं तो आप को अपनी आंखों का खास खयाल रखना चाहिए. अधिकतर मेकअप प्रोडक्ट्स में कई रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है जिन के कई साइड इफैक्ट्स होते हैं. आई मेकअप करने में ही नहीं उसे निकालने में भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इन के कारण पलकों पर फुंसी, दर्द, खुजली या संक्रमण हो सकता है. रात को सोने से पहले अपनी आंखों से मेकअप जरूर निकालें नहीं तो ये परेशानियां और बढ़ सकती हैं. जब जरूरत या प्रोफैशनल मजबूरी न हो तो मेकअप बिलकुल न करें.

सवाल-

मैं कौंटैक्ट लैंस लगाती हूं. जानना चाहती हूं इस का इस्तेमाल करते समय कौनकौन सी सावधानियां रखना चाहिए?

जवाब-

कौंटैक्ट लैंस लगाने से आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. साफसफाई का विशेष ध्यान रखें, लैंस की सफाई करते समय उन्हें पानी के संपर्क में न आने दें. कौंटैक्ट लैंस पहनते और उतारते समय हाथों को साबुन और साफ पानी से धो कर तौलिए से पोंछें. कौंटैक्ट लैंस को हमेशा कौंटैक्ट लैंस सौल्यूशन में रखें. कौंटैक्ट लैंस की ऐक्सपायरी डेट का ध्यान रखें. उन्हें 1 साल में बदल लें. इस से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. अगर आंखों में लालपन, दर्द हो रहा हो या धुंधला दिखाई दे रहा हो तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं.

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सवाल-

मेरे पति को दूर और पास दोनों के लिए चश्मा लगता है. वे सारा दिन चश्मा लगाए रहते हैं. सिर्फ सोने के समय ही उतारते हैं. क्या यह ठीक है?

जवाब-

पूरा दिन चश्मा लगाना ठीक नहीं है. आंखों को ताजा हवा और धूप के संपर्क में आने दें. वर्कआउट करते समय चश्मा न लगाएं. अगर सुबह टहलने जाते हैं तो बिना चश्मे के जाएं. सुबहसुबह की ताजा हवा व कुनकुनी धूप और गार्डन की हरियाली आंखों के लिए बहुत अच्छी होती है. इस के अलावा इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है जैसे चश्मे को हमेशा साफ रखें, कांच कहीं से टूटा न हो. आंखों के नंबर की नियमित रूप से जांच कराते रहें.

सवाल-

मैं 42 वर्षीय बैंककर्मी हूं. पिछले कुछ दिनों से मुझे आंखों में जलन, चुभन और खुजली की समस्या हो रही है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आजकल कंप्यूटर पर काम करने के बढ़ते चलन से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की समस्या बढ़ती जा रही है. इस सिंड्रोम के कारण धुंधला दिखना, जलन होना, पानी आना, खुजली होना, आंख का सूखा रहना (ड्राई आई), पास की चीजें देखने में दिक्कत होना, रंगों का साफ दिखाई न देना एवं रंगों को पहचानने में परेशानी होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इस से बचने के लिए कमरे के ताप को कम रखें, वातावरण में थोड़ी नमी बनाए रखें.

कंप्यूटर पर काम करते समय हर 1/2 घंटे के बाद 2-3 मिनट के लिए नजर स्क्रीन से हटा लें एवं हर 1 घंटे के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लें. आर्टिफिशियल टीयर आई ड्रौप का भी दिन में 3-4 बार इस्तेमाल कर सकते हैं, पर विशेषज्ञ की सलाह से.

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सवाल-

मेरी बेटी को अकसर बारिश में आंखों में फुंसियां हो जाती हैं. ऐसा क्यों होता है और इस से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

जवाब-

आंखों में फुंसियां होना यानी आई स्टाइस होना आंखों से संबंधित एक सामान्य समस्या है. ये पलकों पर एक छोटे उभार के रूप में होती हैं. इन का सब से प्रमुख कारण बैक्टीरिया का संक्रमण है. इसलिए मौनसून में इन के मामले अधिक देखे जाते हैं क्योंकि बारिश में बैक्टीरिया अधिक सक्रिय रहते हैं. आई स्टाइस के कारण पलकों का लाल हो जाना और पस निकलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. आई स्टाइस से बचने के लिए साफसफाई का विशेष ध्यान रखें. यह समस्या सामान्यत: आंखों को गंदे हाथों से रगड़ने या नाक के बाद तुरंत आंखों को छूने से भी होती है क्योंकि कुछ बैक्टीरिया जो नाक में पाए जाते हैं वे स्टाइस का कारण माने जाते हैं. इस के साथ ही किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ को भी दिखाएं.

-डा. रूमा गुप्ता

बालाजी सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, राजेंद्र नगर, गाजियाबाद.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Summer Special: स्किन से लेकर हेयर तक, बड़े काम का है अंडा

अंडे में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाए जाने के कारण यह बौडी बनाने के साथसाथ बालों की सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है. यह बालों के लिए कंडीशनिंग का काम करता है. इस के इस्तेमाल से बालों की कई समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है और वह भी बिना किसी साइट इफैक्ट के.

बालों में अंडे का प्रयोग

अगर बाल झड़ रहे हों या फिर उन की ग्रोथ सही न हो तो अरंडी के तेल में अंडा मिला कर बालों की अच्छी तरह मसाज करें. आधे घंटे बाद सिर को धो लें. कुछ दिन नियमित ऐसा करने पर बाल झड़ना बंद हो जाएंगे और वे लंबे, घने व चमकदार बन जाएंगे. सफेद बालों को छिपाने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल करना चाहती हैं, लेकिन उस की ठंडी तासीर आप को रास नहीं आती है तो इस समस्या को दूर करने के लिए सब से बढि़या तरीका यह है कि आप मेहंदी को पानी के बजाय अंडे के घोल में तैयार करें और फिर बालों में लगाएं. इस से आप को डबल फायदा मिलेगा यानी बालों की सफेदी भी छिपेगी और साथ ही शरीर में मेहंदी की तासीर भी नहीं पहुंचेगी.

बालों को धोने से आधा घंटा पहले उन की तेल से मसाज करने के बजाय अंडे के घोल से मसाज करें और फिर बालों के सूखने पर साफ पानी से अच्छी तरह धो लें. इस के बाद बालों में शैंपू करें. ऐसा कुछ हफ्तों तक करने से आप के बाल सिल्की हो जाएंगे. यद आप के बाल देखने में काफी डल लगते हों तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेबी औयल के साथ अंडे के पीले हिस्से को हलके कुनकुने पानी में मिला कर उस से बाल धोएं. उस के बाद शैंपू करें. इस से बालों में नई जान आ जाएगी. डैंड्रफ की वजह से बाल खराब हो गए हों तो इस के लिए दही और नीबू के मिश्रण में अंडे का घोल मिला कर बालों में लगाएं. आधे घंटे बाद धो लें. फिर शैंपू करें. कुछ दिन ऐसा नियमित करने पर बालों की रंगत बदल जाएगी. घर में कंडीशनर खत्म हो गया हो और आप को किसी पार्टी में जाना हो तो इस के लिए आप घर में मौजूद अंडे को नीबू के साथ मिला कर इस्तेमाल में लाएं. यह एक बेहतरीन हर्बल कंडीशनर का काम करेगा. बालों को सौफ्ट और सिल्की बनाने के लिए अंडे के पीले हिस्से में शहद, नीबू, दही और बादाम का तेल मिला कर पेस्ट बना लें. फिर इसे बालों में लगा कर आधे घंटे के बाद बालों को धो लें.

चेहरा चमकाएं अंडे

अंडे और ओटमील का पैक: औयली स्किन के कारण हो रहे मुंहासों को दूर करने के लिए अंडे के सफेद हिस्से में ओटमील मिलाएं और इसे फेस और नैक पर लगाएं. यह औयली स्किन के लिए हैल्दी पैक है. अंडे के योक व औलिव औयल का फेस पैक: ड्राई स्किन से जहां चेहरा अधिक उम्र का लगता है वहीं चेहरे की कोमलता भी खत्म सी हो जाती है. इस से छुटकारा पाने के लिए अंडे के योक को नीबू के रस व औलिव औयल के साथ मिक्स कर चेहरे व नैक पर लगाएं. कुछ ही दिनों में चेहरे का रूखापन जाता रहेगा. अंडे व हनी का पैक: टैन स्किन से छुटकारा पाने के लिए तथा स्किन को टोन करने के लिए अंडे में हनी मिला कर फेस पर लगाएं. 10 मिनट बाद पानी से धो लें. यह पैक टैन के कारण हुए डल कौंप्लैक्शन को इंपू्रव करने में काफी हैल्प करता है. अंडे व योगर्ट का फेस पैक: चमकदार चेहरे के लिए अंडे के योक को योगर्ट के साथ मिलाएं. इस में कुछ बूंदें हनी भी डाल दें. इसे चेहरे पर लगा कर सूखने दें. फिर हलके हाथों से पानी से धो लें. इस से चेहरे में ग्लो आ जाएगा.

अंडे, हनी व रोजवाटर का फेस पैक: स्मूद कौंप्लैक्शन पाने के लिए 1 चम्मच हनी में अंडा मिक्स करें. इस में कुछ बूंदें औलिव औयल और रोजवाटर डाल दें. अच्छी तरह मिक्स कर के 20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें. इस से चेहरे की रंगत तो साफ होगी ही, साथ ही चेहरे के दागधब्बे व झांइयां भी खत्म हो जाएंगी.

– सीमा झा द्वारा ब्यूटीशियन पूजा गोयल से बातचीत पर आधारित.

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मेरी एड़िया काली पड़ने लग गई हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

गरमी के मौसम में चप्पलें पहने की वजह से मेरी एडि़यां काली पड़ने लग गई हैं. अगर मैं अच्छी तरह से साबुन लगा कर साफ करती हूं तो भी कुछ कालापन रह जाता है. साथ में हलकाहलका दर्द थोड़ेथोड़े समय पर महसूस होता है जैसेकि पस पड़ गई हो. कुछ दरारें भी पड़ जाती हैं.

जवाब-

एडि़यों को साफ करने के लिए खास तरह के सौफ्ट स्क्रबर का इस्तेमाल होता है. आप इस से हलकेहलके अपनी एडि़यों को साफ करें. इस से एडि़यां सौफ्ट भी रहेंगी और दरारें भी नहीं पड़ेंगी. इस के अलावा किसी सैलून में पैडीक्योर करवा लें. घर में भी खुद पैडीक्योर कर सकती हैं. इस के लिए 1/2 कप कुनकुने पानी में 1 चम्मच शैंपू, 1 बड़ा चम्मच नमक व थोड़ा सा कोई ऐंटीसैप्टिक लोशन डाल लें. 10 मिनट तक पैरों को इस पानी में भिगोए रखें. फिर प्यूमिक स्टोन से हलकेहलके रगड़ कर साफ पानी से धो लें. पैरों को सुखा कर किसी क्रीम से थोड़ी देर मसाज करें. अगर रात को पैडीक्योर करती हैं तो कोई कौटन की सौक्स कुछ देर तक पहन कर रख सकती हैं जिस से पैर सौफ्ट बने रहेंगे और साफ भी रहेंगे. कभीकभार पैरों पर ब्लीच करना भी अच्छा रहता है. इससे पैरों का रंग एकदम गोरा हो जाता है.

-समस्याओं के समाधान

ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा

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बदलते मौसम में हम अपने चेहरे और हाथों की स्किन का तो खूब खयाल रखते हैं, लेकिन अकसर यह भूल जाते हैं कि हमारी पर्सनैलिटी में जितनी इंपौर्टैंस चेहरे और हाथों की खूबसूरती की है उतने ही अहम हमारे पैर भी हैं, जिन पर मौसम की मार सब से पहले पड़ती है, लेकिन हम उन्हीं को अपनी टेक केयर लिस्ट में सब से आखिर में रखते हैं. नतीजा यह होता है कि हमारी एडि़यां फट जाती हैं, पैर बेजान नजर आने लगते हैं.

आप अपने पैरों का खयाल कैसे रख सकती हैं और ऐसी कौन सी चीजें हैं, जो आप के पैरों में फिर से जान डाल देंगी, यही बताने के लिए हम यह लेख आप के लिए ले कर आए हैं.

एडि़या फटने के कारण

एडि़या फटने की सब से आम वजह है मौसम का बदलना, साथ ही मौसम के अनुरूप पैरों को सही तरीके से मौइस्चराइज न करना और जब मौसम शुष्क हो जाता है तो यह परेशानी और बढ़ जाती है.

देखा जाए तो अधिकतर महिलाएं फटी एडि़यों से परेशान होती हैं, क्योंकि काम करते समय अकसर उन के पैर धूलमिट्टी का ज्यादा सामना करते हैं इस के साथ ही इन कारणों की वजह से भी एडि़यां फटती हैं:

– लंबे समय तक खड़े रहना

– नंगे पैर चलना

– खुली एडि़यों वाले सैंडल पहनना

– गरम पानी में देर तक नहाना

– कैमिकल बेस्ड साबुन का  इस्तेमाल करना – सही नाप के जूते न पहनना.

बदलते मौसम के कारण वातावरण में नमी कम होना फटी एडि़यों की आम वजह है. साथ ही बढ़ती उम्र में भी एडि़यों का फटना आम बात है. ऐसे में कई बार एडि़यां दरारों के साथ रूखी हो जाती हैं. कई मामलों में उन दरारों से खून भी रिसना शुरू हो जाता है, जो काफी दर्दनाक होता है.

हल्की आईलैशेज से परेशान हो गई हूं, मैं क्या करुं?

सवाल

मेरी आईलैशेज बहुत हलकी हैं. मेकअप करते वक्त जब मसकारा लगाती हूं तो थोड़ी ठीक लगती हैं वरना बहुत ही छोटी लगने की वजह से आंखों की खूबसूरती खत्म हो जाती है. ऐसा क्या करूं कि ये बड़ी, घनी व सुंदर दिखें?

जवाब-

आईलैशेज की ग्रोथ के लिए आप 1 चम्मच जैतून के तेल में कुछ ड्रौप्स कैस्टर औयल की मिला लें. इस मिक्स्चर को अपनी पलकों पर लगा कर हलके हाथ से मसाज करती रहें. ऐसा नियमित रूप से करने से पलकों की ग्रोथ में जरूर फर्क नजर आएगा. डेली बेसिस पर अपनी लैशेज को घना और लंबा दिखाने के लिए वौल्यूमाइज मसकारा लगा सकती हैं. इस से आंखें खुली हुई और बड़ी नजर आती हैं. यदि मसकारा लगाने से पहले पलकों को कर्लर से कर्ल करें और फिर मसकारा लगाएं तो पलकें ज्यादा घनी व घुमावदार दिखती हैं. आर्टिफिशियल लैशेज लगा कर भी अपनी लैशेज को बड़ा दिखा सकती हैं.

पलकों का जादू बरकरार रखने के लिए आईलैश ऐक्सटैंशन भी करवा सकती हैं. इस से पलकें घनी दिखती हैं. यह एक सेमीपरमानैंट समाधान है. इस के अंतर्गत पलकों पर 1-1 लैश चिपकाई जाती है जिस से ये बिना मसकारा लगाए लंबी व घनी दिखाई देती हैं. 20 दिन के बाद धीरेधीरे निकलने लगती हैं. आप चाहें तो हर हफ्ते कुछकुछ लैशेज जो निकली हैं उन्हें लगवा कर हमेशा खूबसूरत बनी रह सकती हैं.

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40 पार करने का यह मतलब नहीं कि आप मेकअप से तोबा कर लें. इस उम्र में भी आप मेकअप के सही शेड्स और तकनीक का इस्तेमाल कर यंग लुक पा सकती हैं. 40+महिलाएं यंग ऐंड फ्रैश लुक के लिए क्या रखें अपने वैनिटी बौक्स में यह जानने के लिए हम ने बात की मेकअप आर्टिस्ट मनीष केरकर से.

कौन्फिडैंस बढ़ाता है मेकअप

माना कि मेकअप चेहरे की खूबसूरती बढ़ाता है, लेकिन यह भी एक सच है कि मेकअप करने से आत्मविश्वास भी दोगुना हो जाता है. जब आप कहीं सजधज कर जाती हैं और लोग आप की तारीफ करते हैं तो खुदबखुद आप की बौडी लैंग्वेज बदल जाती है क्योंकि उस समय आप खुद को कौन्फिडैंट महसूसकरती हैं. इसलिए जब भी घर से बाहर जाएं, मेकअप करना न भूलें.

मेकअप से परहेज क्यों

ज्यादातर एकल महिलाएं खासकर तलाकशुदा या विधवाएं मेकअप से परहेज करती हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. डार्क न सही, मगर मेकअप के लाइट शेड्स आप की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं. ऐसे प्रोडक्ट्स को मेकअप बौक्स में खास जगह दें. फाउंडेशन के बजाय बीबी या सीसी क्रीम लगाएं. इस से आप को नैचुरल लुक मिलेगा. होंठों पर लिप बाम लगाएं. आई मेकअप के लिए काजल का इस्तेमाल कर सकती हैं. यह न भूलें कि भीड़ में अपनी मौजदूगी दर्ज कराने के लिए प्रेजैंटेबल नजर आना जरूरी है.

मौइस्चराइजर

बढ़ती उम्र के साथ त्वचा भी रूखी हो जाती है. ऐसे में त्वचा को जरूरत होती है ऐक्स्ट्रा मौइस्चराइजर की, जो त्वचा में नमी की कमी को पूरा कर सके. अत: चेहरे के रूखेपन को कम करने के लिए दिन और रात दोनों समय मौइस्चराइजर लगा कर चेहरे को मौइस्चराइज करें. इस से त्वचा मुलायम महसूस होगी और ग्लो भी करेगी.

Mother’s Day Special: कॉस्‍मेटिक प्रोडक्‍ट कब करें रिजेक्‍ट

जैसे ही किसी प्रोडक्‍ट की एक्‍सपॉयरी डेट आती है, उसे तुंरत फेंक देना चाहिए. लेकिन कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो ढ़ेर सारे कॉस्‍मेटिक प्रोडक्‍ट को खरीद लाती हैं और फिर उन्‍हें नियमित रूप से इस्‍तेमाल नहीं करती हैं जिसके कारण वो रखे-रखे ही खराब हो जाते हैं. फाउंडेशन, मस्‍कारा, आईलाइनर आदि को कोई भी डेली नहीं लगाता है, अगर वो वर्किंग नहीं है. मेकअप प्रोडक्‍ट को रखने के लिए उनकी गाइडलाइन को अवश्‍य फॉलो करें और उनकी एक्‍सपायरी डेट भी जरूर देख लें. साथ ही आपको यह जानकारी भी रखनी चाहिए कि कौन से प्रोडक्‍ट को कितने समय तक अधिकतम, अपने मेकअप किट में रखा जा सकता है. सालों तक प्रोडक्‍ट को किट में रखने से वो सही नहीं बने रहते हैं और न ही उनके इस्‍तेमाल से त्‍वचा स्‍वस्‍थ रहेगी. बल्कि ऐसे उत्‍पाद, त्‍वचा पर बुरा असर छोड़ देते हैं.

1. मस्‍कारा : तीन महीने तक ही एक मस्‍कारा को इस्‍तेमाल करें. उसके बाद इसके इस्‍तेमाल करने से पलकें झड़ सकती हैं और आंखों में लालामी आ सकती है. साथ ही संक्रमण होने का डर भी बना रहता है.

2. फाउंडेशन: फाउंडेशन को एक साल से ज्‍यादा इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए. इसे हाथों से भी नहीं लगाना चाहिए वरना इंफेक्‍शन होने का डर बना रहता है. साथ ही इसे कूल और ड्राई स्‍थान पर रखना चाहिए.

3. आईलाइनर: लिक्विड आईलाइनर हो या पेंसिल आईलाइनर; दोनों को ही अधिकतम 8 महीने तक इस्‍तेमाल करना चाहिए. जब यह हल्‍का सा ड्राई हो जाता है तो इसका यूज करना बंद कर दें, वरना आंखों में भारीपन लगता है.

4. कंसीलर: कंसीलर को कोई भी नियमित इस्‍तेमाल करना नहीं चाहता है. इसे खरीदने के बाद अधिकतम 12 से 18 महीने तक ही मेकअप में रखें. बाद में इसे हटा दें, वरना आपकी त्‍वचा पर पैचेस भी पड़ सकते हैं.

5. ब्‍लश और ब्रोंजर: ब्‍लश और ब्रोंजर को आप 2 साल तक मेकअप किट में रख सकती हैं. लेकिन इसे ड्राई एंड कूल प्‍लेस पर रखना चाहिए. अगर यह सूख जाता है तो इसे तुरंत हटा दें. इसके ब्रशों को गंदा न होने दें, गंदे पर उन्‍हें तुरंत बदल दें.

6. लिपस्टिक: लिपस्टिक को एक साल तक रख सकते हैं लेकिन अगर आप इसे सीधे होंठो पर न लगाकर कॉटन बॉल से लगाती हैं तो इसे काफी लम्‍बे समय तक स्‍टोर किया जा सकता है.

7. आईशैडो: अगर पाउडर आईशैडो है तो दो साल तक स्‍टोर कर सकते हैं और क्रीम शैडो को एक साल तक स्‍टोर कर सकते हैं. इनके ब्रशों को बिल्‍कुल क्‍लीन रखें, ताकि आपको बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन न होने पाएं.

8. लिप ग्‍लॉस: लिप ग्‍लॉस को 6 महीने में ही बदल दें. वरना होंठ काले पड़ सकते हैं या उनमें कोई और समस्‍या आ सकती है.

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ड्राय स्किन और स्किन प्रौब्लम से परेशान हो गई हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी त्वचा वैसे तो रूखी है पर जब भी मैं क्रीम लगाती हूं तो कुछ देर में रंग काला लगने लग जाता है. कालापन हटाने के लिए साबुन से धोती हूं तो रूखापन नजर आने लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप की त्वचा को नमी की आवश्यकता है तेल की नहीं. ऐसी त्वचा को डिहाइड्रेटेड स्किन कहते हैं जिस का सर्वोत्तम उपाय है आइओनिजेशन. इस ट्रीटमैंट में आप की त्वचा के भीतर गैलवेनिक मशीन के जरीए कुछ ऐसे मिनरल डाले जाते हैं जो त्वचा के अंदर पानी ठहराने में मदद करते हैं. यह ट्रीटमैंट आप किसी अच्छे कौस्मैटिक कौस्मैटिक क्लीनिक से करवा सकती हैं. ऐलोवेरा फेशियल भी करवा सकती हैं. दिन में 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं और हमेशा क्रीम के बजाय किसी मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करें.

सवाल-

ज्यादा धूप में जाने के कारण मेरी गरदन का रंग गहरा हो गया है. इसे कैसे ठीक करूं?

जवाब-

यदि गरदन का रंग गहरा हो गया है तो सब से पहले आप ब्लीच कर सकती हैं. पपीते की फांक से उस स्थान पर धीरेधीरे मसाज करें. इस से कालापन काफी हद तक दूर हो जाता है. नीबू को आधा काट लें. उस के अंदर चीनी के कुछ दाने डाल दें और गरदन पर हलके हाथों से रगड़ें. दें इस से स्किन गोरी भी होगी और मौइस्चराइज भी रहेगी. धूप में निकलने से पहले चेहरे व गर्दन पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं. ऐसा करने से आप की गरदन फिर चमक उठेगी.

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कई बार रूखी त्वचा की वजह से चेहरे पर ड्राई पैचेस होने लगते हैं जो अलग से ही चेहरे पर दिखने लगते हैं. ड्राई स्किन की वजह से मेकअप भी जल्दी सैट नहीं होता और चेहरे की खूबसूरती ढल जाती है.

रूखी त्वचा को ठीक करने के लिए महिलाएं तरहतरह के फेसमास्क का इस्तेमाल करती हैं, जिन का असर कुछ दिनों तक ही रहता है. लेकिन कुछ ऐसे नैचुरल फेसमास्क हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर बना सकती हैं. इन फेसमास्क की मदद से त्वचा में लंबे समय तक नमी बनी रहती है.

एलोवेरा फेसमास्क

एलोवेरा में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं. इस में पाए जाने  वाले एंटीऔक्सीडैंट से चेहरे की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. एलोवेरा के इस्तेमाल से चेहरे में नमी आती है और जरूरी पोषण भी मिलता है.

एलोवेरा का फेसमास्क बनाने के लिए एलोवेरा जैल निकाल लें. इस में खीरे का जूस मिला लें. इस मास्क को आप फेस वाश करने के बाद चेहरे पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें. इस से चेहरे का रूखापन तो दूर होगा ही, चेहरे पर ग्लो भी नजर आने लगेगा.

 एवोकाडो फेसमास्क

फलों का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है. फलों से सेहत तो अच्छी रहती ही है, चेहरे पर चमक भी बनी रहती है. एवोकाडो पोषक तत्त्वों से युक्त होता है जो त्वचा को स्वस्थ बनाने में फायदेमंद होता है.

मुंहासे और झाइयों से मेरी स्किन खराब हो गई है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 35 वर्ष है. काफी पहले मेरे चेहरे पर मुंहासे हुए थे जिन के दाग अभी तक हलके नहीं हुए हैं. चेहरे पर झांइयां भी हैं. मेरा रंग बहुत गोरा है. ऐसे में दाग ज्यादा दिखाई देते हैं. ऐसा कोई उपाय बताएं जिस से मेरा चेहरा एकसार दिखाई दे?

जवाब-

मुंहासों के दाग व झांइयों को हटाने के लिए आप एक पैन में 1 कप पानी डाल कर मध्यम आंच पर रखें. इस में ओट मील व नीबू का रस डाल कर धीरेधीरे पकाएं. जब पेस्ट थोड़ा गाढ़ा होने लगे तो इसे आंच से उतार लें. दालचीनी मिला लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं. 20 मिनट बाद कुनकुने

पानी से धो लें. इस के बाद मौइस्चराइजर लगाएं. ऐसा हफ्ते में 1 बार करें तो आप के दाने धीरेधीरे ठीक होने लग जाएंगे. मगर झांइयों के लिए किसी कौस्मैटोलौजिस्ट या डाक्टर से जरूर मिलें. वह आप की मैडिकल हिस्ट्री ले कर यह बता पाएंगे कि आप के हारमोन में इंबैलेंस तो नहीं. अगर है तो उस के लिए दवा खाना जरूरी है. तभी आप इन से पूरी तरह छुटकारा पाएंगी. घर से बाहर निकलते वक्त सनस्क्रीन जरूर लगा लें.

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उम्र बढने के साथ ही शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. इसमें बाहरी से लेकर अंदरूनी समस्याएं भी होती हैं. सबसे ज्यादा आसानी से लोग आपकी स्किन या स्किन को देखकर अंदाजा लगाते है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी स्किन का ध्यान रखें और खुद को काॅन्फिडेंट महसूस करें.

एक्सपर्ट सौमाली अधिकारी ब्यूटी एंड लाइफ़स्टाइल एक्सपर्ट की मानें तो 30 के बाद स्किन पर समस्याएं दिखने लगती हैं. इनमें

सुस्त स्किन (स्किन डलनेस)

फाइन लाइंस

अर्ली एजिंग (जल्दी बुढापा)

झाइयां

झुर्रियां

मॉइश्चराइजर लगाएं

यदि आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं तो सबसे पहले स्किन को पहचानें कि ये ऑयली है या ड्राई. घर से बाहर या धूप में निकलने से पहले स्किन के हिसाब से फेसवॉश चुनें. इसके बाद मॉइश्चराइजर लगाएं. मॉइश्चराइजर के बाद चाहें तो आप अपनी पसंद की कोई भी क्रीम लगा सकती हैं. मॉइश्चराइजर लगाने से स्किन को नमी मिलती है. इससे झु्र्रियां कम दिखाई देती है. विटामिन सी और बायो-ऑयल्स से भरे मॉइश्चराजर का इस्तेमाल करने से स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी.

आंखों की देखभाल सबसे ज्यादा जरूरी

उम्र बढने के साथ ही सबसे पहले आंखों के आसपास वाली स्किन पर असर दिखने लगता है. बहुत बारीक रेखाएं इसके आसपास दिखने लगती है, जो उम्र बढने का संकेत देती हैं. इसीलिए आंखों की क्रीम का इस्तेमाल करें, इससे आंखों के आसपास मौजूद स्किन हमेशा नम रहेगी और इससे आंखों की थकान भी दूर होगी. साथ ही ध्यान रखें कि आंखों को बार-बार न रगड़ें और न ही बार-बार पानी का छींटा मारें. इससे आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- 30 की उम्र में Skin की देखभाल – हमेशा रहेेंगी जवान

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

कर्ली बाल और अंडरआर्म्स के कालेपन से छुटकारा पाने का तरीका बताएं?

सवाल- 

मेरी उम्र 24 साल है. मेरे सिर के आगे के बाल कर्ली हैं. कृपया उन्हें ठीक करने का उपाय बताएं?

जवाब-

आप के बालों का नैचुरल टैक्स्चर तो बदलेगा नहीं पर हां, अपने बालों में रीबौंडिंग करा कर आप उन्हें कुछ समय के लिए ठीक करा सकती हैं. इस के अलावा बालों को प्रैसिंग द्वारा भी ठीक करा सकती हैं. पर इसे नियमित न करें, क्योंकि इस प्रक्रिया से बालों को नुकसान होता है. सीरम या जैल द्वारा भी बालों की सैटिंग की जा सकती है.

सवाल-

मैं 30 वर्षीय हूं. मेरी गरदन और अंडरआर्म्स पर कालापन है. जिस के कारण मुझे शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. कृपया मेरी समस्या का कोई उपाय बताएं?

जवाब-

यह कोलैस्ट्रौल की कमी से होता है. त्वचा के कालेपन को दूर करने के लिए नीबू के रस में खाने का सोडा मिला कर नीबू के छिलके से रगड़ें. कुछ समय ग्लिसरीन, नीबू, गुलाबजल और मुलतानी मिट्टी का पैक बना कर चेहरे पर लगाएं. उसे 20 मिनट तक लगा रहने दें. सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. गरदन में कालापन आर्टिफिशियल चैन पहनने से भी होता है, क्योंकि उस की पौलिश त्वचा के लिए हार्मफुल होती है. इसे पहनने से बचें.

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चेहरे की रंगत निखारने के लिए आप कई तरह के क्रीम, लोशन और मास्क का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन क्या आपने कभी अपने अंडरआर्म्स पर गौर किया है? समय की कमी के कारण आप रेजर यूज कर लेती हैं लेकिन रेजर यूज करने के साइड-इफेक्ट बहुत बाद में उनके सामने आते हैं. कुछ लोग हेयर-रीमूवल क्रीम  का भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन इनमें भी मौजूद केमिकल्स भी स्क‍िन पर बुरा असर डालते हैं.

अगर आपको भी अंडरआर्म्स से जुड़ी ये परेशानी होती हैं तो इन घरेलू टिप्स को अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकती हैं.

1. नारियल तेल

शरीर पर मौजूद हर तरह के दाग-धब्बों के लिए नारियल तेल लगाने की सलाह दी जाती है. नारियल तेल को आप चाहें तो कपूर के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं. इसमें मौइश्चराइज करने का गुण पाया जाता है.

2. आलू

आलू एक नेचुरल ब्लीच है. आलू को गोलाई में पतले-पतले स्लाइस में काट लें. इन स्लाइस से पांच से सात मिनट तक अंडरआर्म्स की मसाज करें. फिर ठंडे पानी से अंडरआर्म्स साफ कर लें. सप्ताह में दो से तीन बार करने से आपको फायदा होगा.

3. नींबू और बेकिंग सोडा का मिश्रण

नींबू भी एक नेचुरल ब्लीच है. लेकिन अगर आपके अंडरआर्म्स बहुत अधि‍क काले हो चुके हैं तो इसमें थोड़ी सी मात्रा में बेकिंग सोडा भी मिला सकती हैं. नींबू और बेकिंग सोडा के मिश्रण को आप स्क्रब की तरह भी यूज कर सकती हैं. इस उपाय को भी आप सप्ताह में दो से तीन बार प्रयोग में ला सकती हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- 4 होममेड टिप्स: अंडरआर्म्स के कालेपन को ऐसे करें दूर

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

बेदाग सुंदरता के नए ट्रीटमैंट्स

ब्यूटी करैक्शन के लिए ऐसे बहुत सारे ट्रीटमैंट्स और सर्जरी आ गई हैं जो कुछ वक्त के लिए ही सही लेकिन बेदाग खूबसूरती देने के लिए कारगर हैं:

स्किन ग्लोइंग ऐंड मार्क्स रिमूवल ट्रीटमैंट

चेहरे की स्किन चमकदार और ग्लोइंग दिखे इस के लिए लड़कियां न जाने क्याक्या चेहरे पर लगाती रहती हैं, लेकिन अवलीन की माने तो घर से बाहर निकलते ही स्किन को धूप और प्रदूषण का सामना करना पड़ता है खासतौर पर सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से स्किन पर जमा होने वाला मैलानिन स्किन की मासूमियत को छीन लेता है. लेकिन स्किन को नयापन देने और बच्चों की स्किन जैसी कोमलता देने के लिए अब निम्न ट्रीटमैंट्स उपलब्ध हैं:

सुपर फेशियल कैमिकल पील्स

गोरा होना हर लड़की का ख्वाब होता है. इस बाबत कौस्मैटोलौजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं कि भारतीय महिलाओं में बहुत कम प्रतिशत में स्किन का रंग पेल व्हाइट पाया जाता है. ज्यादातर का रंग डस्की या व्हीटिश होता है. लेकिन बौलीवुड अभिनेत्रियों के हैवी मेकअप को देख कर सभी लड़कियों पर गोरा होने का जनून सवार रहता है, जबकि बायोलौजिकल कलर को कभी भी नहीं बदला जा सकता, हां उसे 2 लैवल बेहतर जरूर बनाया जा सकता है. कैमिकल पील्स ऐसा ही एक ट्रीटमैंट है, जो स्किन में उम्र के 25 वर्षों में आई हारमोनल खराबी से स्किन पर पड़े फर्क को सुधार देता है.

दरअसल इस ट्रीटमैंट में एलका हाइड्रौक्सी ऐसिड्स द्वारा स्किन की ऊपरी लेयर को जल्दीजल्दी निकाला जाता है, जिस से नई स्किन आती है. इस से स्किन को अच्छा कौंप्लैक्शन भी मिलता है. लेकिन इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन का बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. द स्किन सैंटर, दिल्ली में कंसलटैंट डर्मैटोलौजिस्ट एवं कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर वरुण कत्याल कहते हैं कि ट्रीटमैंट के बाद स्किन बहुत पतली हो जाती है, इसलिए उसे सूर्य की रोशनी से तब तक बचा कर रखना चाहिए जब तक उस पर सुरक्षित स्किन की परत न चढ़ जाए.

यदि सुरक्षित स्किन के आने के इंतजार में खुद को 2-3 दिन के लिए एक कमरे में बंद भी करना पड़े तो कर लेना चाहिए क्योंकि जरा सी भी लापरवाही स्किन को संक्रमित कर सकती है. साथ ही ट्रीटमैंट के बाद ऐंटीबायोटिक, ऐंटीबैक्टीरियल एवं ऐंटीफंगल क्रीम लगानी चाहिए. ट्रीटमैंट के बाद जो नई स्किन आती है उस में बच्चों की स्किन जैसी कोमलता और चमक रहती है.

अवलीन आगे कहती हैं कि कैमिकल पील कराने के साइड इफैक्ट्स भी कभीकभी देखने को मिलते हैं, इसलिए शादी की तारीख से ठीक 6 माह पहले यह ट्रीटमैंट कराना चाहिए क्योंकि कभीकभी इस ट्रीटमैंट के बाद जलने के निशान और संक्रमण होने का खतरा रहता है.

– कैमिकल पील में स्किन की ऊपर की लेयर को ट्रीट किया जाता है. इसे ऐपिडर्मिस लेयर कहते हैं.

– ट्रीटमैंट के बाद लगभग 2 दिन तक स्किन में खिंचाव और जलन महसूस होती है, इसलिए सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए.

– इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 12 सिटिंग्स लेनी पड़ती हैं और खर्चा लगभग ₹15 हजार से ₹30 हजार तक आता है.

लेजर फोटो फेशियल

यह थेरैपी फेशियल का एक नया स्वरूप है. इस ट्रीटमैंट में इंटेंस पलस्ड लेजर लाइट के द्वारा स्किन के उस हिस्से का ट्रीट किया जाता है जहां सन डैमेजेस, डिसकलरेशन, एज स्पौट या फिर इनलार्ज्ड पोर्स होते हैं. बकौल अवलीन आईपीएल लेजर के द्वारा इफैक्टेड एरिया पर विजिबल ब्रौडबैंड लाइट से स्पार्क मारते हैं. स्पार्क के स्किन पर स्पर्श के दौरान चींटी के काटने जैसा एहसास भी होता है, लेकिन यह पेनफुल नहीं है.

यह ट्रीटमेंट ज्यादातर लड़कियां अपने पिगमैंटेशन सैल्स को डिस्ट्रौय करने और दागधब्बों को मिटाने के लिए भी करवाती हैं. चूंकि इस में इफैक्टेड एरिया को बिजली का शौट दिया जाता है, इसलिए उस स्थान की स्किन पर जलन या खुजली की समस्या होने की संभावना रहती है. ट्रीटमैंट के बाद ट्रीट किए गए स्थान पर आइसिंग की जानी चाहिए और सनस्क्रीन लगाने के बाद ही बाहर निकलना चाहिए.

इस ट्रीटमैंट को शादी से 6 महीने पहले करवाएं. इस की एक सिटिंग के चार्जेस ₹3,500 से ₹5 हजार हैं.

माइक्रोडर्माब्रेशन

स्किन की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए यह बहुत ही सेफ  ट्रीटमैंट है. इस ट्रीटमैंट के बाद स्किन के रंग और टैक्स्चर दोनों में ही सुधार आता है. थेरैपी के बारे में डाक्टर वरुण का कहना है कि इस थेरैपी में मशीनों के माध्यम से स्किन की ग्राइंडिंग की जाती है. यह एक स्ट्रौंग ऐक्सफौलिएशन प्रोसैस है. इस थेरैपी द्वारा स्किन पर पड़े स्कार्स और कालेपन को दूर किया जा सकता है. इस के लिए मृतकोशिकाओं को हटाने के लिए ऐपिडर्मिक स्किन को पतला किया जाता है.

वैसे कभीकभी इस प्रोसैस में स्किन से खून भी आ जाता है. इस थेरैपी में मशीनों में ऐल्यूमिनियम और डायमंड पाउडर भरा जाता है और उसी से स्किन का ट्रीटमैंट किया जाता है. इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 8 सिटिंग्स की जरूरत पड़ती है. इस थेरैपी को कराने में लगभग ₹20 हजार से ₹25 हजार तक का खर्च आ जाता है.

फेशियल लाइंस, बोंस एनहैंसमैंट और डिंपल्स: हंसते वक्त चेहरा कैसा लग रहा है? कहीं अनवौंटेड लाइंस तो नहीं दिख रहीं? डिंपल पड़ रहे हैं या नहीं? शादी के पहले लड़कियां अचानक इन सब पर ध्यान देना शुरू कर देती हैं. इस की वजह भी खास होती है क्योंकि शादी में ब्राइड पर ही सब की नजरें टिकी होती हैं. कैमरामैन भी ज्यादा तसवीरें ब्राइड की ही लेता है. ऐसे में फेशियल लाइंस और अनबैलेंस्ड स्माइल दुलहन का चेहरा बिगाड़ सकती है. इस से बचने के लिए आजकल की ब्राइड्स में बोटोक्स, फिलर्स और डिंपल सर्जरी आम हो गई है. आइए, जानते हैं इन ट्रीटमैंट्स के बारे में:

बोटोक्स

कई महिलाओं के हंसते वक्त नाक की दोनों ओर से होंठों तक लकीरें बनने लगती हैं जिन्हें लाफिंग लाइंस कहते हैं. इसी तरह बातचीत करते वक्त कई लोगों की आंखों के कोनों पर क्रो लाइंस बन जाती हैं या फिर माथे पर ऐक्सप्रैशन लाइंस दिखने लगती हैं, जो बेहद भद्दी लगती हैं. इन्हें बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा मिटाया जा सकता है.

डाक्टर वरुण का इस ट्रीटमैंट के बारे में कहना है कि बोटोक्स बोट्यूलियन टौक्सिन टाइप ए का प्यूरिफाइड और डिल्यूटेड फौर्म है, जो चेहरे की मसल्स को रिलैक्स कर के फेशियल क्रीज को मिटाता है. इस ट्रीटमैंट में इंजैक्शन द्वारा बोटोक्स को इफैक्टेड एरिया में इंजैक्ट किया जाता है. इस का असर 4 से 6 महीने तक रहता है. लेकिन यदि यह गलत तरीके से इंजैक्ट किया जाए तो चेहरा इंबैलेंस हो जाता है, साथ ही इंजैक्ट किए गए एरिया में सूजन भी आ जाती है.

फिलर

आजकल सब को पाउटी लिप्स चाहिए. यह ट्रैंड सा बन चुका है खासतौर पर बौलीवुड ऐक्ट्रैसेज में यह ट्रैंड बहुत आम है. अब उन्हीं को देख कर ब्राइड बनने जा रही लड़कियों को भी अपने लिप्स पाउटी चाहिए. इस ट्रीटमैंट को करवाने में कोई जोखिम भी नहीं. पतले होंठों वाली लड़कियों के लिए यह ट्रीटमैंट किसी वरदान से कम नहीं. लेकिन अवलीन की माने तो फिलर ब्यूटी इंडस्ट्री में अब बहुत कौमन हो चुके हैं. लेकिन इस का असर इफैक्टेड एरिया में जबरदस्त दिखता है. इस लिए इस ट्रीटमैंट को तब ही करवाया जाए जब आप पूरी तरह से बदलाव के लिए तैयार हों. थेरैपी और इसे किसी अच्छे कौस्मैटोलौजिस्ट से ही करवाएं.

इस थेरैपी द्वारा अंडर आई बैग्स को कंट्रोल करने, लिप्स को शेप देने और चीकबोंस को उठाने के लिए फिलर लिपिड्स होते हैं जो पानी की कमी को पूरा करते हैं और बैठी हुई स्किन को उभारते हैं. इस थेरैपी पर ₹25 हजार से ₹30 हजार तक खर्चा आता है.

आर्टिफिशियल डिंपल सर्जरी

फोर्टिस अस्पताल की कौस्मैटिक सर्जन रश्मि तनेजा का कहना है, ‘‘आजकल बहुत सी लड़कियां डिंपल सर्जरी के लिए आती हैं.

लेकिन इस के लिए हमें उन के चेहरे की प्रौपर सर्जरी करनी पड़ती है. इस के लिए हम स्किन को काट कर मसल्स से जोड़ देते हैं. सर्जरी से हुए घाव को भरने में लगभग 3 हफ्ते लग जाते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं कि सर्जरी सक्सैसफुल हो. कई बार सर्जरी के बाद भी डिंपल नहीं बनता बल्कि ऐसा भी होता है कि हंसने पर या न हंसने भी सर्जरी की जगह क्रीज बन जाती है, जबकि प्राकृतिक तौर पर बनने वाले डिंपल स्किन पर क्रीज नहीं बनाते.

इस सर्जरी को शादी से 8 माह पूर्व करवाना चाहिए. इसे करवाने में लगभग ₹50 हजार से ₹60 हजार तक लग सकते हैं और इस का असर भी 6 महीने तक ही रहता है.

हेयर रिमूवल थेरैपी

इस बाबत अवलीन कहती हैं कि चेहरे पर बाल होना न होना हारमोंस पर निर्भर करता है. कई लड़कियों में लड़कों वाले हारमोंस का लैवल ज्यादा होता है. उस केस में चेहरे पर लड़कों की तरह बाल आ जाते हैं. अब इन बालों की शेव तो की नहीं जा सकती है, इसलिए कई लड़कियां थ्रैड से बाल हटवा लेती हैं. लेकिन इस से दोबारा निकलने वाले बाल कड़े जो जाते हैं और उन की संख्या भी बढ़ जाती है. उन्हें हटाने के लिए हेयर रिमूवल लेजर थेरैपी का सहयोग लिया जा सकता है. इस के लिए स्पार्क्स द्वारा बालों को जलाया जाता है.

इस थेरैपी में एनडीयोग लेजर, डायर्ड लेजर और आईपीएल लेजर का इस्तेमाल होता है. लेकिन एक बार इस थैरेपी को करवाने के बाद चेहरे पर ब्लीच नहीं किया जा सकता. थेरैपी का असर खत्म होने के बाद बालों की डैंसिटी और मोटाई दोनों ही कम हो जाती हैं. कभीकभी इस थेरैपी के रिएक्शन भी देखने को मिलते हैं. कई बार इस थेरैपी के बाद स्किन पर रैशेज, इरीटेशन हो जाती है. इस थेरैपी के लिए मल्टीपल स्टिंग (12-20) भी लेनी होती हैं. थेरैपी को कराने में खर्च ₹2 हजार से ₹2,500 तक आता है.

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सस्ता नहीं अच्छा हो मेकअप प्रोडक्ट

लेखिका-विभा प्रकाश श्रीवास्तव

सुं दरता 2 तरह की होती है- एक आंतरिक और दूसरी बाह्य. नैननक्श, रंगरूप मिल कर बाह्य सौंदर्य का निर्माण करते हैं, जो उम्र के साथसाथ ढलता जाता है. फिर भी महिलाएं इसी सुंदरता को बनाए रखने के लिए किसी भी सौंदर्यप्रसाधन को इस्तेमाल करने पर आतुर रहती हैं. नगरों में बढ़ते ब्यूटीपार्लर इस का एहसास कराते हैं, जो जम कर तरहतरह के कैमीकल्स इस्तेमाल करते हैं.

इंगलैंड के प्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानी

डा. आर.एन.थिन और बर्लिन यूनिवर्सिटी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गुटर स्टुटजन लंबे समय से शोध कार्य में लगे हैं. इन दोनों विशेषज्ञों के सम्मिलित प्रयासों से विटामिन ए ऐसिज नामक औषधि की खोज हुई जो त्वचा रोगों के निवारण में सहायक सिद्ध होती है.

त्वचा संबंधी रोग

दोनों विशेषज्ञों के अनुसार कृत्रिम रूप से तैयार किए गए जेवरात पहनने और सिंथैटिक बिंदी लगाने से कई तरह के त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं. बालों को लंबे समय तक रंगने से रक्त कैंसर जैसे रोगों को सामना करना पड़ सकता है. सिंथैटिक कपड़ों को खूबसूरती बढ़ाने का माध्यम मानना आम बात हो गई है, जबकि इन में से निरंतर होने वाला स्टैटिक इलैक्ट्रिक प्रवाह यदि हृदय के विद्युत प्रवाह में प्रवेश करने लगे तो परिणाम घातक ही होंगे. शरीर से अधिक रगड़ खाने के कारण ब्लड की बीमारी का शिकार बनना पड़ता है.

चर्मरोग विशेषज्ञों के अनुसार सौंदर्य प्रसाधनों का अत्यधिक प्रयोग करने से ऐलर्जी की शिकायत होना तो सामान्य बात है. चेहरे पर लाली, खुजली और उभरते चकत्तों को देख कर इस का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है. समय रहते इस की रोकथाम न की जाए तो सफेद दाग भी दिखने लगते हैं.

जिस आंतरिक सौंदर्य की आवश्यकता समाज को है उस की वह उपेक्षा करता है और कृत्रिम सौंदर्य की ओर भागता है. इस से शरीर की स्वाभाविक सुंदरता तो नष्ट होती ही है, बनावटीपन का आवरण भी हर समय ओढ़े रहना पड़ता है.

स्वास्थ्य पर असर

सौंदर्य रसायन शरीर पर दुश्प्रभाव छोड़ते हैं. आईब्रो पैंसिल में लेड की मात्रा होती है. अत: इस का अधिक प्रयोग अंधेपन का शिकार बना सकता है. सफेद क्रीम में अमीनो मरक्यूरिक क्लोराइड के मिले रहने से किडनियों पर गलत असर पड़ता है. परफ्यूम में वगामोट होने से त्वचा को विशेष हानि पहुंचती है, पलकों के बाल झड़ने लगते हैं और रूसी हो जाती है.

आंखों से पानी आने लगता है और उन में सूजन भी आ जाती है. डर्माटाइटिस जैसे त्वचा रोग की संभावना अधिक हो जाती है. लिपस्टिक में टाईटेनियम डाई औक्साइड और बैंजोहक ऐसिड के मिले होने से होंठ काले पड़ने लगते हैं और उन में सूजन भी आ जाती है. यही नहीं कैंसर जैसे रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

हेयर डाई में हाइड्रोजन पैरा औक्साइड, अमोनिया ऐसिड लेड ग्रेफाइट आदि का मिश्रण होने से बाल बड़ी तेजी से झड़ने लगते हैं, ऐक्जीमा और खुजली की शिकायत भी होती है. फाउंडेशन में वरमामोट होने से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और त्वचा को चर्म रोगों का शिकार बना कर कई तरह के रोग हो जाते हैं. नेलपौलिश और हेयर स्प्रे में पैराफिनायलीन डाजमीन नामक रसायन तत्त्व घुलामिला होता है जो आंखों में जलन व खुजली करता है और माइग्रेन रोग का शिकार बना देता है.

वैक्सिंग में एक प्रकार का ऐसिड प्रयुक्त होता है जो त्वचा के रंग को काला कर देता है. कृत्रिम सौंदर्यप्रसाधनों की इन हानियों को जानने के बाद भी महिलाएं इन का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही हैं.

आंतरिक सौंदर्य की खूबियों को जानते हुए भी आज की महिलाएं कृत्रिम सौंदर्य को सबकुछ मान बैठती हैं, जबकि यह नहीं भूलना चाहिए कि दर्पण आंख, कान, नाक, चेहरे की आकृति और बनावट तो बता सकता है, पर वास्तविक स्वरूप का पता तो आंतरिक आईने में झंकने से ही चलता है.

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