ब्यूटी करैक्शन के लिए ऐसे बहुत सारे ट्रीटमैंट्स और सर्जरी आ गई हैं जो कुछ वक्त के लिए ही सही लेकिन बेदाग खूबसूरती देने के लिए कारगर हैं:
स्किन ग्लोइंग ऐंड मार्क्स रिमूवल ट्रीटमैंट
चेहरे की स्किन चमकदार और ग्लोइंग दिखे इस के लिए लड़कियां न जाने क्याक्या चेहरे पर लगाती रहती हैं, लेकिन अवलीन की माने तो घर से बाहर निकलते ही स्किन को धूप और प्रदूषण का सामना करना पड़ता है खासतौर पर सूर्य की अल्ट्रावायलट किरणों से स्किन पर जमा होने वाला मैलानिन स्किन की मासूमियत को छीन लेता है. लेकिन स्किन को नयापन देने और बच्चों की स्किन जैसी कोमलता देने के लिए अब निम्न ट्रीटमैंट्स उपलब्ध हैं:
सुपर फेशियल कैमिकल पील्स
गोरा होना हर लड़की का ख्वाब होता है. इस बाबत कौस्मैटोलौजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं कि भारतीय महिलाओं में बहुत कम प्रतिशत में स्किन का रंग पेल व्हाइट पाया जाता है. ज्यादातर का रंग डस्की या व्हीटिश होता है. लेकिन बौलीवुड अभिनेत्रियों के हैवी मेकअप को देख कर सभी लड़कियों पर गोरा होने का जनून सवार रहता है, जबकि बायोलौजिकल कलर को कभी भी नहीं बदला जा सकता, हां उसे 2 लैवल बेहतर जरूर बनाया जा सकता है. कैमिकल पील्स ऐसा ही एक ट्रीटमैंट है, जो स्किन में उम्र के 25 वर्षों में आई हारमोनल खराबी से स्किन पर पड़े फर्क को सुधार देता है.
दरअसल इस ट्रीटमैंट में एलका हाइड्रौक्सी ऐसिड्स द्वारा स्किन की ऊपरी लेयर को जल्दीजल्दी निकाला जाता है, जिस से नई स्किन आती है. इस से स्किन को अच्छा कौंप्लैक्शन भी मिलता है. लेकिन इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन का बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. द स्किन सैंटर, दिल्ली में कंसलटैंट डर्मैटोलौजिस्ट एवं कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर वरुण कत्याल कहते हैं कि ट्रीटमैंट के बाद स्किन बहुत पतली हो जाती है, इसलिए उसे सूर्य की रोशनी से तब तक बचा कर रखना चाहिए जब तक उस पर सुरक्षित स्किन की परत न चढ़ जाए.
यदि सुरक्षित स्किन के आने के इंतजार में खुद को 2-3 दिन के लिए एक कमरे में बंद भी करना पड़े तो कर लेना चाहिए क्योंकि जरा सी भी लापरवाही स्किन को संक्रमित कर सकती है. साथ ही ट्रीटमैंट के बाद ऐंटीबायोटिक, ऐंटीबैक्टीरियल एवं ऐंटीफंगल क्रीम लगानी चाहिए. ट्रीटमैंट के बाद जो नई स्किन आती है उस में बच्चों की स्किन जैसी कोमलता और चमक रहती है.
अवलीन आगे कहती हैं कि कैमिकल पील कराने के साइड इफैक्ट्स भी कभीकभी देखने को मिलते हैं, इसलिए शादी की तारीख से ठीक 6 माह पहले यह ट्रीटमैंट कराना चाहिए क्योंकि कभीकभी इस ट्रीटमैंट के बाद जलने के निशान और संक्रमण होने का खतरा रहता है.
– कैमिकल पील में स्किन की ऊपर की लेयर को ट्रीट किया जाता है. इसे ऐपिडर्मिस लेयर कहते हैं.
– ट्रीटमैंट के बाद लगभग 2 दिन तक स्किन में खिंचाव और जलन महसूस होती है, इसलिए सनस्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए.
– इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 12 सिटिंग्स लेनी पड़ती हैं और खर्चा लगभग ₹15 हजार से ₹30 हजार तक आता है.
लेजर फोटो फेशियल
यह थेरैपी फेशियल का एक नया स्वरूप है. इस ट्रीटमैंट में इंटेंस पलस्ड लेजर लाइट के द्वारा स्किन के उस हिस्से का ट्रीट किया जाता है जहां सन डैमेजेस, डिसकलरेशन, एज स्पौट या फिर इनलार्ज्ड पोर्स होते हैं. बकौल अवलीन आईपीएल लेजर के द्वारा इफैक्टेड एरिया पर विजिबल ब्रौडबैंड लाइट से स्पार्क मारते हैं. स्पार्क के स्किन पर स्पर्श के दौरान चींटी के काटने जैसा एहसास भी होता है, लेकिन यह पेनफुल नहीं है.
यह ट्रीटमेंट ज्यादातर लड़कियां अपने पिगमैंटेशन सैल्स को डिस्ट्रौय करने और दागधब्बों को मिटाने के लिए भी करवाती हैं. चूंकि इस में इफैक्टेड एरिया को बिजली का शौट दिया जाता है, इसलिए उस स्थान की स्किन पर जलन या खुजली की समस्या होने की संभावना रहती है. ट्रीटमैंट के बाद ट्रीट किए गए स्थान पर आइसिंग की जानी चाहिए और सनस्क्रीन लगाने के बाद ही बाहर निकलना चाहिए.
इस ट्रीटमैंट को शादी से 6 महीने पहले करवाएं. इस की एक सिटिंग के चार्जेस ₹3,500 से ₹5 हजार हैं.
माइक्रोडर्माब्रेशन
स्किन की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए यह बहुत ही सेफ ट्रीटमैंट है. इस ट्रीटमैंट के बाद स्किन के रंग और टैक्स्चर दोनों में ही सुधार आता है. थेरैपी के बारे में डाक्टर वरुण का कहना है कि इस थेरैपी में मशीनों के माध्यम से स्किन की ग्राइंडिंग की जाती है. यह एक स्ट्रौंग ऐक्सफौलिएशन प्रोसैस है. इस थेरैपी द्वारा स्किन पर पड़े स्कार्स और कालेपन को दूर किया जा सकता है. इस के लिए मृतकोशिकाओं को हटाने के लिए ऐपिडर्मिक स्किन को पतला किया जाता है.
वैसे कभीकभी इस प्रोसैस में स्किन से खून भी आ जाता है. इस थेरैपी में मशीनों में ऐल्यूमिनियम और डायमंड पाउडर भरा जाता है और उसी से स्किन का ट्रीटमैंट किया जाता है. इस ट्रीटमैंट के लिए 6 से 8 सिटिंग्स की जरूरत पड़ती है. इस थेरैपी को कराने में लगभग ₹20 हजार से ₹25 हजार तक का खर्च आ जाता है.
फेशियल लाइंस, बोंस एनहैंसमैंट और डिंपल्स: हंसते वक्त चेहरा कैसा लग रहा है? कहीं अनवौंटेड लाइंस तो नहीं दिख रहीं? डिंपल पड़ रहे हैं या नहीं? शादी के पहले लड़कियां अचानक इन सब पर ध्यान देना शुरू कर देती हैं. इस की वजह भी खास होती है क्योंकि शादी में ब्राइड पर ही सब की नजरें टिकी होती हैं. कैमरामैन भी ज्यादा तसवीरें ब्राइड की ही लेता है. ऐसे में फेशियल लाइंस और अनबैलेंस्ड स्माइल दुलहन का चेहरा बिगाड़ सकती है. इस से बचने के लिए आजकल की ब्राइड्स में बोटोक्स, फिलर्स और डिंपल सर्जरी आम हो गई है. आइए, जानते हैं इन ट्रीटमैंट्स के बारे में:
बोटोक्स
कई महिलाओं के हंसते वक्त नाक की दोनों ओर से होंठों तक लकीरें बनने लगती हैं जिन्हें लाफिंग लाइंस कहते हैं. इसी तरह बातचीत करते वक्त कई लोगों की आंखों के कोनों पर क्रो लाइंस बन जाती हैं या फिर माथे पर ऐक्सप्रैशन लाइंस दिखने लगती हैं, जो बेहद भद्दी लगती हैं. इन्हें बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा मिटाया जा सकता है.
डाक्टर वरुण का इस ट्रीटमैंट के बारे में कहना है कि बोटोक्स बोट्यूलियन टौक्सिन टाइप ए का प्यूरिफाइड और डिल्यूटेड फौर्म है, जो चेहरे की मसल्स को रिलैक्स कर के फेशियल क्रीज को मिटाता है. इस ट्रीटमैंट में इंजैक्शन द्वारा बोटोक्स को इफैक्टेड एरिया में इंजैक्ट किया जाता है. इस का असर 4 से 6 महीने तक रहता है. लेकिन यदि यह गलत तरीके से इंजैक्ट किया जाए तो चेहरा इंबैलेंस हो जाता है, साथ ही इंजैक्ट किए गए एरिया में सूजन भी आ जाती है.
फिलर
आजकल सब को पाउटी लिप्स चाहिए. यह ट्रैंड सा बन चुका है खासतौर पर बौलीवुड ऐक्ट्रैसेज में यह ट्रैंड बहुत आम है. अब उन्हीं को देख कर ब्राइड बनने जा रही लड़कियों को भी अपने लिप्स पाउटी चाहिए. इस ट्रीटमैंट को करवाने में कोई जोखिम भी नहीं. पतले होंठों वाली लड़कियों के लिए यह ट्रीटमैंट किसी वरदान से कम नहीं. लेकिन अवलीन की माने तो फिलर ब्यूटी इंडस्ट्री में अब बहुत कौमन हो चुके हैं. लेकिन इस का असर इफैक्टेड एरिया में जबरदस्त दिखता है. इस लिए इस ट्रीटमैंट को तब ही करवाया जाए जब आप पूरी तरह से बदलाव के लिए तैयार हों. थेरैपी और इसे किसी अच्छे कौस्मैटोलौजिस्ट से ही करवाएं.
इस थेरैपी द्वारा अंडर आई बैग्स को कंट्रोल करने, लिप्स को शेप देने और चीकबोंस को उठाने के लिए फिलर लिपिड्स होते हैं जो पानी की कमी को पूरा करते हैं और बैठी हुई स्किन को उभारते हैं. इस थेरैपी पर ₹25 हजार से ₹30 हजार तक खर्चा आता है.
आर्टिफिशियल डिंपल सर्जरी
फोर्टिस अस्पताल की कौस्मैटिक सर्जन रश्मि तनेजा का कहना है, ‘‘आजकल बहुत सी लड़कियां डिंपल सर्जरी के लिए आती हैं.
लेकिन इस के लिए हमें उन के चेहरे की प्रौपर सर्जरी करनी पड़ती है. इस के लिए हम स्किन को काट कर मसल्स से जोड़ देते हैं. सर्जरी से हुए घाव को भरने में लगभग 3 हफ्ते लग जाते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं कि सर्जरी सक्सैसफुल हो. कई बार सर्जरी के बाद भी डिंपल नहीं बनता बल्कि ऐसा भी होता है कि हंसने पर या न हंसने भी सर्जरी की जगह क्रीज बन जाती है, जबकि प्राकृतिक तौर पर बनने वाले डिंपल स्किन पर क्रीज नहीं बनाते.
इस सर्जरी को शादी से 8 माह पूर्व करवाना चाहिए. इसे करवाने में लगभग ₹50 हजार से ₹60 हजार तक लग सकते हैं और इस का असर भी 6 महीने तक ही रहता है.
हेयर रिमूवल थेरैपी
इस बाबत अवलीन कहती हैं कि चेहरे पर बाल होना न होना हारमोंस पर निर्भर करता है. कई लड़कियों में लड़कों वाले हारमोंस का लैवल ज्यादा होता है. उस केस में चेहरे पर लड़कों की तरह बाल आ जाते हैं. अब इन बालों की शेव तो की नहीं जा सकती है, इसलिए कई लड़कियां थ्रैड से बाल हटवा लेती हैं. लेकिन इस से दोबारा निकलने वाले बाल कड़े जो जाते हैं और उन की संख्या भी बढ़ जाती है. उन्हें हटाने के लिए हेयर रिमूवल लेजर थेरैपी का सहयोग लिया जा सकता है. इस के लिए स्पार्क्स द्वारा बालों को जलाया जाता है.
इस थेरैपी में एनडीयोग लेजर, डायर्ड लेजर और आईपीएल लेजर का इस्तेमाल होता है. लेकिन एक बार इस थैरेपी को करवाने के बाद चेहरे पर ब्लीच नहीं किया जा सकता. थेरैपी का असर खत्म होने के बाद बालों की डैंसिटी और मोटाई दोनों ही कम हो जाती हैं. कभीकभी इस थेरैपी के रिएक्शन भी देखने को मिलते हैं. कई बार इस थेरैपी के बाद स्किन पर रैशेज, इरीटेशन हो जाती है. इस थेरैपी के लिए मल्टीपल स्टिंग (12-20) भी लेनी होती हैं. थेरैपी को कराने में खर्च ₹2 हजार से ₹2,500 तक आता है.
ये भी पढ़ें- जरूरी है हेयर औयल मसाज