मेरे कर्ली हेयर बेजान और रूखे हो गए हैं?

सवाल-

मुझे अपने कर्ली हेयर्स को संभालना एक बहुत बड़ा काम लगता है. क्योंकि ये बहुत ज्यादा उलझे हुए हैं. साथ ही बेजान और रुखे हो गए हैं और झड़ने भी लगे हैं. कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब-

कर्ली हेयर्स पर गरम तेल की मालिश करने से बालों को बहुत फायदा होता है. इसे नियमित रूप से अपनाने पर हमारे कर्ली हेयर्स भी बेहद सुंदर हो जाते हैं. कोकोनट औयल, औलिव औयल और आलमंड औयल किसी भी औयल को हम बालों पर मसाज करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. ऐलोवेरा और औलिव औयल बेस्ड कंडीशनर, बालों को सौफ्ट और सिल्की बनाने के साथ ही बालों में शाइन भी बढ़ाते हैं.

 

बालों को धोने के बाद गीले बालों में, लिव इन कंडीशनर की कुछ बूंदें हाथों में लगा कर बालों पर लगाएं, इस से बाल उलझेंगे नहीं. बालों में ब्रैंड टूथ कौम से कंघी करें. ध्यान रहे ऐसा करते समय बालों को खींचना नहीं है, बल्कि स्कैल्प की ओर पुश करना है इस से बालों के सूखने के बाद बहुत सुंदर कर्ल नजर आते हैं.

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कई लड़कियों के बाल बहुत कर्ली होते हैं जिन्‍हें वे संभाल नहीं पाती और धीरे धीरे उनके बाल रूखे और बेजान से हो जाते हैं. कर्ली बालों को अगर सौफ्ट रखना है तो उन्‍हें केमिकल वाले रंगों से दूर रखें और उन पर ज्‍यादा एक्‍सपेरिमेंट न करें. अगर आप अपने कर्ली बालों पर ध्‍यान देंगी तो वे मुलायम और चमकदार बन जाएगें. तो आइये जानते हैं कुछ खास टिप्स के बारे में.

  • बालों में प्राकृतिक नमी को बरकरार रखने के लिये उन्‍हें ज्‍यादा ना धोएं वरना वे रूखे हो जाएगें.
  • बालों में तेल लगाइये पर ज्‍यादा तेल लगाने की जरुरत नहीं है. बालों को रूखा न होने दें.
  • नहाने के बाद बालों से अत्‍यधिक पानी को निचोड़ कर निकाल दें. फिर बालों में अपनी इच्‍छा से स्‍टाइल बनाएं और फिर बालों का सूखने का इंतजार करें. इससे बालों में अच्‍छे से नमी समा जाएगी और वे लंबे समय तक कोमल रहेगें.

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6 Tips: स्किन के अनुसार चुनें साबुन

अपनी त्वचा के अनुरूप उसकी देखभाल के लिए आप कौन सा साबुन प्रयोग करते हैं? कितना जानते हैं आप अपने साबुन को ? अगर आप नहीं जानते अपने साबुन के बारे में तो जरूर जानें, साबुन के यह 6 प्रकार –

1. एंटीबैक्टीरियल साबुन – बाजार में उपलब्ध एंटीबैक्टीरियल साबुन में ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं. इस प्रकार के साबुन का अधि‍क प्रयोग आपकी त्वचा को रूखापन आ सकता है. तैलीय त्वचा वालों के लिए यह साबुन जरूर फायदेमंद हो सकता है. अन्यथा यह रूखापन और परेशानी भी दे सकता है.

2. मॉश्चराइजर साबुन – रूखी त्वचा के लिए खास तौर से कई तरह के मॉश्चराइजर सोप बाजार में उपलब्ध है. इस तरह के साबुनों में तेल, शिया बटर, पैराफिन वैक्स, ग्लिसरीन आदि चीजों का प्रयोग किया जाता है, जो आपकी त्वचा को मुलायम बनाने में मदद करते हैं. रूखी त्वचा के लिए यह फायदेमंद होते हैं.

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3. ग्लिसरीन वाले साबुन – ग्लिसरीन युक्त साबुन मेडिकेटेड मॉश्चराइजर सोप होते हैं और यह मिली-जुली यानि कॉम्बिनेशन स्किन टाइप वालों के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा यह रूखी और संवेदनशील त्वचा के लिए भी फायदेमंद है.

4. अरोमाथैरेपी वाले साबुन – इस तरह के साबुन में एसेंशि‍अल ऑइल और सु्गंधित फूलों का अर्क होता है. यह आरामदायक, शांतिदायक और प्रसन्न और तनावमुक्त रखने में मदद करते हैं. कॉम्बिनेशन स्किन के लिए यह ठीक हैं, लेकिन इन्हें पहले आजमा लेना बेहतर होगा.

5. मुहांसों के लिए – खास तौर से मुहांसों से बचने के लिए बनाए गए यह साबुन ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. अन्यथा यह त्वचा में लालिमा या लाल निशान के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. संवेदनशील त्वचा के लिए यह बढ़िया होते हैं.

6. हर्बल साबुन – जड़ी-बूटियों और तेलों से निर्मित हर्बल साबुन, केमि‍कल से आपकी त्वचा को बचाते हैं. कभी-कभी यह त्वचा को बेहद रूखा भी बना सकते हैं. कॉम्बिनेशन स्किन के लिए यह सही हैं और इनका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है.

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अगर आप भी है मुहांसों के जिद्दी दागों से परेशान तो अपनाये ये घरेलू टिप्स

बेदाग़ चेहरा कौन नहीं चाहता .चाहे पुरुष हो या महिला कोई भी ये नहीं चाहता की उसके चेहरे पर दाग -धब्बो के निशान हो.चेहरे पर दाग धब्बे होना बहुत ही गंभीर समस्या है .दरअसल लोग हमे हमारे चेहरे से जानते हैं.और अगर हमारे चेहरे पर दाग धब्बों के निशान होंगे तो कही न कही हमारा सेल्फ कॉन्फिडेंस कम हो जायेगा.

आजकल के बढ़ते pollution , गलत खानपान, हॉर्मोन में बदलाव और ऑयली स्किन होने के कारण हमारे चेहरे पर मुंहासे उभरकर आते है. मुंहासे यानी पिम्पल्स होना एक ऐसी समस्या है जो सामान्तया 95% लोगो में पाई जाती है और इससे चेहरा पूरी तरह बेरंग हो जाता है. पिंपल न केवल दर्दनाक होते हैं, बल्कि पिंपल्स के दाग पर अगर वक्त रहते ध्यान नहीं दिया जाए, तो ये उम्र भर चेहरे पर बने रहते हैं.

हममे से बहुत से लोग इन दाग धब्बो से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट अपनाते है, पर उन ब्यूटी प्रोडक्ट से भी हमे फायदे के बजाये नुक्सान ही होता है. क्योंकि उनमे तरह तरह के केमिकल मिले होते है जिनके कारन हमारी त्वचा का नेचुरल ग्लो बिलकुल ख़त्म हो जाता है.

इसलिए आज हम आपको पिम्पल्स के दाग हटाने के घरेलू उपाय के बारे में बताएँगे .ये उपाय बहुत ही आसान और नेचुरल है और इनसे आपको कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होगा.

1-हल्दी,शहद और टमाटर –

हल्दी को वर्षों से त्वचा पर निखार लाने के लिए उपयोग किया जा रहा है. हल्दी में एंटीबैक्टीरियल तत्व होते है. जिसमे औषधीय गुण पाया जाता है यह दाग-धब्बों को हल्का कर त्वचा की रंगत को निखारता है.
टमाटर भी चेहरे के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें भरपूर मात्रा में लाइकोपिन होता है. जो त्वचा की रंगत बढ़ाने के साथ-साथ पिम्पल के दाग से भी राहत प्रदान करता है और चेहरे में गोरापन लाता है.

हमें चाहिए-

हल्दी-1/2 छोटी चम्मच
टमाटर का रस -2 चम्मच
शहद-1/2 छोटी चम्मच

लगाने का तरीका-

हल्दी,शहद और टमाटर के रस को मिलाकर अपने चेहरे पर लगाये.10 मिनट तक इसे चेहरे पर लगा रहने दे.10 मिनट के बाद चेहरे को ठन्डे पानी से धो लें.
आप इसे हफ्ते में 3 से 4 बार लगा सकती हैं.

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2- आलू का रस –

आलू खाने के तो बहुत से फायदे सुने होंगे आपने पर क्या आप जानते है की आलू को त्वचा में निखार लाने और दाग-धब्बों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है.

हमें चाहिए-

कच्चे आलू का रस
रूई

लगाने का तरीका-

कच्चे आलू को कुचलकर उसका रस निकाल लें.फिर इस रस में रूई डुबाकर अपने पूरे चेहरे या सिर्फ पिंपल्स के दाग पर लगाएं. इसे 20 से 30 मिनट के लिए चेहरे पर लगा रहने दें और फिर चेहरे को पानी से धो लें.
आप इसे हर रोज एक बार लगा सकते हैं.

3- दलिया,शहद और नींबू का मास्क-

जिन्हें बार-बार कील-मुंहासों की परेशानी होती है, उनके लिए दलिया का फेस पैक बहुत फायदेमंद है. यह त्वचा से अधिक तेल को सोख लेता है और इसका एक्सफोलिएटिंग गुण त्वचा के क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता है साथ ही साथ ये त्वचा को हाइड्रेटेड भी रखता है.

हमें चाहिए-

दलिया- 2 चम्मच
शहद- 1 चम्मच
नींबू का रस-1 चम्मच

लगाने का तरीका-

दो चम्मच दलिया को एक चम्मच नींबू के रस और एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं.इस मिश्रण को अपने चेहरे के मुंहासों के दाग पर लगाएं. इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें फिर पानी से धो लें.
आप हफ्ते में दो से तीन बार इस पैक को लगा सकते हैं.

4. चिरौंजी का मास्क-

त्वचा की रंगत में निखार लाने के लिए चिरौंजी से बेहतर कुछ नहीं है.चिरौंजी में बहुत सारे ऐसे कंपाउंड होते है जो दाग धब्बो को मिटाने के काम आते हैं.

हमें चाहिए-

चिरौंजी के दाने-20 से 25
दूध -1 छोटा चम्मच
हल्दी- ½ छोटी चम्मच

बनाने का तरीका-

सबसे पहले चिरौंजी को लगाने से 1 रात पहले पानी में 6 से 7 घंटे के लिए भिगो दे.फिर इसका पेस्ट बना ले और उसमे दूध और हल्दी मिलाकर अपने चेहरे पर लगा लें.10 से 15 मिनट के बाद चेहरे को धो लें.
आप इसे रोज़ दिन में 1 बार लगा सकती हैं.
अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो आप चिरौजी के पेस्ट में दूध और हल्दी की जगह ½ छोटी चम्मच कॉर्नफ्लोर और ½ चम्मच नीम्बू का रस मिलाकर लगायें.

5. ग्रीन-टी

ग्रीन-टी का सेवन स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा है. ग्रीन-टी में कैटेकिन होता है, जो न सिर्फ मुंहासे के सूजन को कम करता है, बल्कि मुंहासे के दाग को भी कम करता है .यह उपाय तब और फायदेमंद होगा, जब ग्रीन-टी का रोज सेवन करेंगे और दिन में एक बार मुंहासे के दाग पर इसे नियमित रूप से लगाएंगे.

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हमें चाहिए-

उपयोग किया हुआ ग्रीन-टी बैग

लगाने का तरीका-

ग्रीन-टी पीने के बाद, जो ग्रीन-टी बैग बच जाता है उसे अपने दाग पर लगाएं.आप ग्रीन-टी के पत्तों को निकालकर उसका फेस पैक बना सकते हैं.
आप इसे हर रोज एक बार लगा सकते हैं.

इन बातों पर भी दे ध्यान-
इन घरेलू उपायों के साथ अगर आप कुछ और छोटी छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो बेहतर होगा.
• हर रोज कम से कम दो बार अपना चेहरा धोएं.
• सोने से पहले अपना मेकअप हटाएं.
• अगर पिंपल निकले, तो उसे दबाएं या हाथ न लगाएं.
• सूरज की हानिकारक किरणों से बचे और जब भी बाहर जाएं, तो न सिर्फ सनस्क्रीन लगाएं, बल्कि चेहरे को स्कार्फ से ढकें.
• स्वस्थ आहार लें, फल, हरी सब्जियों व ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें.
• सुबह टहलना, योग और एक्ससरसाइज़ करना भी त्वचा के लिए लाभदायक है.
• मोइसोइरिजर क्रीम का इस्तेमाल करे.
• ज्यादा मात्रा में कैफीन युक्त और ऑयली चीजों का सेवन न करे.
• मुहासे की समस्या से बचने के लिए 8-10 गिलास पानी रोज पिए.

करीब 2 वर्ष से मैं बीमार रहती हूं जिस के कारण मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं?

सवाल-

मैं 24 वर्षीया छात्रा हूं. करीब 2 वर्ष से मैं बीमार रहती हूं जिस के कारण मेरी आंखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं व रंग भी काला लगने लगा है. कृपया कोई ऐसा उपाय बताएं, जिस से मैं इन दोनों परेशानियों से नजात पा सकूं?

जवाब-

ये दोनों ही समस्याएं आप को बीमारी व उस के दौरान ली जा रही दवाइयों के साइड इफैक्ट के कारण हो रही हैं. आप अपने आहार में ज्यादा पौष्टिक चीजों का सेवन कीजिए जैसे हरीसब्जियां, दूध, दही, आंवला, संतरा, टमाटर, गाजर आदि. रंग निखारने के लिए घरेलू उबटन का प्रयोग भी कर सकती हैं. आप एक बीट रूट ले लीजिए, उसे कद्दूकस कर उस का रस निकाल कर उस में आधा चम्मच कैलेमाइन पाउडर, क्योलाइन पाउडर और चंदन पाउडर मिलाएं. इस मिश्रण में कुछ बूंदें औलिव औयल को मिला कर फेस पैक बना लें और उसे पूरे फेस के साथ स्पैशली आंखों के नीचे लगाएं. इस पैक से आप की आंखों के चारों ओर पड़ने वाले घेरों को भी कम करेगा तथा आप का रंग भी साफ करेगा.

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पूरे फेस के मुकाबले हमारी आंखों के आसपास की स्किन काफी पतली और नाजुक होने के साथ वहां तेल ग्रंथियां भी काफी कम होती है. और जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है स्किन के 2 मुख्य माने जाने वाले प्रोटीन कोलेजन और प्रोटीन , स्किन से खत्म होने लगते हैं. जिसके कारण ही आंखों के आसपास की स्किन सबसे ज्यादा रूखी और वहां सबसे पहले झुर्रियां नजर आने लगती है.

अब आप सोच रही होंगी कि किस उम्र से आंखों की खास केयर करने की जरूरत होती है या फिर आंखों के नीचे की स्किन को uva और uvb किरणों से बचाने की जरूरत होती है, जिससे डार्क सर्कल्स की समस्या न आए . तो आपको बता दें कि ये सोचने से बेहतर है कि आप हमेशा ही खास कर सुबह नहाने के बाद चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करें. इससे आप खुद को स्किन एजिंग से बचा पाएंगी. जान लें कि आपकी आंखों के नीचे हमेशा मोइस्चर रहना चाहिए , इसके लिए आप हमेशा लाइट वेट वाली अच्छी क्रीम यूज़ करें. क्योंकि मोइस्चर खत्म होने से स्किन रूखी हो जाती है, जो स्किन एजिंग का कारण बन सकती है.

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मेरे बालों में काफी खुजली होती है, इसका क्या कारण है?

सवाल-

इन दिनों मेरे बालों में काफी खुजली होती है, जबकि मैं हमेशा तेल लगा कर ही बाल शैंपू करती हूं. बालों में जुएं भी नहीं हैं, कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप अपना शैंपू बदल कर देखिए क्योंकि कई बार किसी शैंपू से ऐलर्जिक होने के कारण भी ऐसा होता है. इस के अलावा एक बार अपना स्कैल्प चैक करें कि कहीं बालों में डैंड्रफ तो नहीं, अगर ऐसा है तो रूसी और खुजली वाले बालों की त्वचा के लिए जैतून के तेल की मालिश करें फिर गरम तौलिए से बालों को भाप दे कर 4-5 घंटे बाद बाल धो लें. इस के अलावा रूसी फैले नहीं, इस के लिए आप अपनी कंघी, तौलिया व तकिए को अलग रखें और इन की सफाई का भी खासतौर पर खयाल रखें. जब भी बाल धोएं, तो ये तीनों चीजें किसी अच्छे ऐंटीसैप्टिक के घोल में आधा घंटा डुबो कर रखें और धूप में सुखा कर ही दोबारा इस्तेमाल करें.

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मानसून में बारिश की बूंदे जहां गर्मी की चिलचिलाती धूप से राहत दिलाती हैं वही स्किन और बालों के लिए काफी नुक्सान दायक हो सकती हैं, बारिश के समय में होने वाली चिपचिपाहट और नमी बालों और स्काल्प के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है , इस मौसम में नमी और तेल के कारण पसीने का स्राव होता है जो की बालों और खोपड़ी से चिपक जाता है और मिट्टी और प्रदूषकों को आकर्षित करता है, इस स्थिति से जहां बालों का गिरना शुरू हो जाता है वही स्काल्प भी एलर्जिक हो जाती है. बालों में रूसी, एलर्जी, संक्रमण, बदबू, कमजोर रोम जैसी समस्याएँ भी सामने आती हैं. इसके साथ ही असंतुलित और खराब आहार, हार्मोनल असंतुलन जैसे अन्य कारक, हेयर डाई और केमिकल युक्त उत्पादों के उपयोग से भी समस्या बढ़ जाती है और आपके बालों को सुस्त और कमज़ोर दिखाती है.

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अपनी स्किन को बिना चिपचिपा किए मैं इसे कैसे हाइड्रैट कर सकती हूं?

सवाल-

मेरी स्किन बहुत ड्राई है लेकिन जब भी मैं क्रीम का इस्तेमाल करती हूं, चेहरा बहुत औयली लगने लगता है. अपनी स्किन को बिना चिपचिपा किए मैं इसे कैसे हाइड्रैट कर सकती हूं?

जवाब-

आप की स्किन डीहाइड्रैटेड है, इसलिए अपने फेस पर मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करें. यह आप की स्किन में तुरंत एब्सौर्ब हो जाएगी और फेस को बिना औयली किए मौइस्चराइज करने के लिए एलोवेरा जैल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं. घरेलू उपाय के तौर पर पके हुए केले को शहद के साथ मैश कर के अपने फेस पर लगाएं और फिर कुछ देर बाद पानी से धो दें. ऐसा हर हफ्ते करने से स्किन सौफ्ट व मौइस्चराइज होगी.

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औयली स्किन की केयर करना बहुत मुश्किल होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि औयल पोर्स को बंद कर देता है. इन बंद पोर्स के कारण चेहरे पर एक्‍ने होने लगते हैं. औयली स्किन के लोग एक दिन भी अपना चेहरा धोए बिना नहीं रह सकते. यह भी माना जाता है कि औयली स्किन वाले लोगों का चेहरा काफी ग्‍लो करता है. ऐसे में घर में बने फेस मास्‍क आपके चेहरे की औयलीनेस को कम कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इन होममेड फेसमास्क के बारे में.

  1. मुल्तानी मिट्टी और खीरे का फेस मास्‍क

मुल्तानी मिट्टी स्किन की डस्‍ट और एक्‍स्‍ट्रा औयल हटाने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक पुराना नुस्‍खा है. मुल्तानी मिट्टी का उपयोग पिंप्‍लस और एक्‍ने की समस्‍या से राहत पाने के लिए किया जाता है. इस फेस मास्‍क में मुख्‍य रूप से मुल्‍तानी मिट्टी का इस्‍तेमाल किया जाता है, जो चेहरे से एक्‍स्‍ट्रा औयल को सोख लेती है. खीरे में विटामिन सी होता है. ढीले रोम छिद्रों को कसने में खीरा मदद कर सकता है.

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मास्क पहनें, मगर प्यार से 

मास्क अभी हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है. क्योंकि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एकमात्र साधन मास्क ही है. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स अब किसी भी मरीज़ की जांच के लिए मास्क पहनने लगे है. ये पूरा विश्व कर रहा है. आम जनता को भी कही भी जाने पर आज मास्क पहनने के अलावा कोई चारा नहीं है. क्योंकि भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत कठिन है.

यह अब लाइफस्टाइल में शामिल होकर स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. यही वजह है कि डिज़ाइनर्स आजकल पोशाक के साथ-साथ तरह-तरह के मास्क भी बना रहे है. इतना ही नहीं ज्वेलर्स भी रत्न और सेमी प्रिसीयस स्टोन्स के साथ अलग-अलग डिजाईन के मास्क बनाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है.

इस बारें में स्ट्रेटेजिक मेडिकल एफेयर एड्रोइट बायोमेड लिमिटेड के डायरेक्टर डॉ.अनिश देसाई का कहना है कि इस समय मास्क पहनना जरुरी है. लेकिन सही मास्क का भी पहनना बहुत आवश्यक है. क्योंकि जब आप बाहर जा रहे है. तो घंटो मास्क पहनकर रहना पड़ता है. जिससे निम्न समस्या आ सकती है.

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  • टाइट मास्क से चेहरे की स्किन का डैमेज होना.
  • मास्क एरिया पर एक्ने का बढ़ना.
  • खासकर हेल्थ केयर से जुड़े लोगों को टाइट मास्क पहनना पड़ता है. ऐसे में मास्क वाले जगह पर लाल धारियों का उभरना. इरीटेशन होना. पिम्पल्स का बढ़ना. स्किन का डार्क हो जाना आदि होता है. क्योंकि इन स्थानों की चमड़ी नरम होती है और बार-बार मास्क के किनारों के रगड़ से उस स्थान पर इन्फ्लेमेशन होने लगता है. जिससे वहां की चमड़ी सेंसेटिव हो जाती है. सेंसरी नर्व्स एक्टिव हो जाते है. इसका अधिक प्रभाव सेंसेटिव स्किन पर पड़ता है. लोशन और क्रीम भी इसे कम करने में असमर्थ होता है.

डॉक्टर अनिश आगे कहते है कि असल में मास्क पहनने से त्वचा पर डायरेक्ट फ्रिक्शन होता है. जिससे इरीटेशन और इन्फ्लेमेशन का होना साधारण है. इसके अलावा मास्क अपने अंदर नमी. सेलाईवा. म्यूकस. आयल. गन्दगी और पसीने को बाहर आने से रोकती है. इससे माइल्ड से मॉडरेट एक्ने. स्क्ज़ेमा. आदि कई त्वचा सम्बंधित बिमारियां हो सकती है. सेंसेटिव त्वचा वाले व्यक्ति को फेसियल रेडनेस. रोजेसिया और स्केलिंग का सामना करना पड़ सकता है. ये अधिकतर उन व्यक्तियों को होता है. जिनकी स्किन अधिक सेंसेटिव हो या उनके आसपास नमी युक्त या अधिक शुष्क वातावरण हो. कुछ सुझाव निम्न है.

  • मास्क त्वचा को चोट पहुंचाए बिना. नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढकी हुई होनी चाहिए. लेकिन टाइट न हो.
  • चेहरे को मुलायम साबुन से दिन में दो बार धोने की कोशिश करें.
  • अगर आप हेल्थ केयर से जुड़े नहीं है. तो मास्क लम्बी अवधि के लिए पहनने से परहेज करें.
  • मास्क के गीले हो जाने पर इसे उतार कर दूसरा पहने.
  • अगर आपको अधिक समय तक मास्क पहननी है तो एक्स्ट्रा मास्क साथ में लें और यूस्ड मास्क को एक अलग प्लास्टिक बैग में जमाकर घर आने पर अच्छी तरह से धोकर सुखा लें.
  • कॉटन के फेस मास्क त्वचा के लिए अच्छा होता है. इसे निकालने के बाद गरम पानी और साबुन से धो लें.
  • मास्क उतारने के बाद हाइपोएलर्जेनिक मोयसस्चराइजर चेहरे पर लगाए. ऑइंटमेंट बेस्ड मोयास्चराइजर न लगायें. क्योंकि ये पसीने और आयल को अपने में समेटती है.
  • मास्क से स्किन इरीटेशन को कम करने के लिए नाक और सेंट्रल चीक के पास जहाँ नोजपीस होता है. वहां ठंडक पहुँचाने वाले क्रीम का प्रयोग करें.
  • त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए क्लींजिंग के बाद मोयास्चराइज करें. आयल फ्री मोयसस्चराइजर दिन में कई बार त्वचा की इन्फ्लेमेशन को कम करने के लिए प्रयोग करें.

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  • स्क्रब और एक्सफोलिएटर्स का प्रयोग इस समय चेहरे पर न करें.
  • पेट्रोलियम जेली या मुलायम क्रीम से त्वचा की ड्राईनेस को कम किया जा सकता है.
  • अगर ये सब करने के बाद भी कुछ समस्या आती है तो चर्मरोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क कर दवा लें.
  • मास्क पहनने से पहले भूलकर भी हैवी मेकअप या फाउंडेशन न लगायें. क्योंकि इससे दाग धब्बे के अलावा एक्ने होने की संभावना बढ़ जाती है.

स्किन केयर प्रौडक्ट खरीदने से पहले जान ले ये बातें

मौनसून यानी बारिश का मौसम जहां उमंग से भर देता है वहीं स्किन के लिए कई परेशानियां भी ले कर आता है जैसे ऐक्ने, इन्फैक्शन, ऐलर्जी, औयली स्किन की समस्या आदि. ऐसे में स्किन को खास केयर की जरूरत होती है, जिस में सब से जरूरी है कि जो भी प्रोडक्ट खरीदें या यूज करें उस के बारे में पूरी जानकारी हो ताकि वह स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचा सके.

आइए, कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर भारती तनेजा से स्किन केयर उत्पादों को खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

स्किन टाइप के हिसाब से हो केयर

औयली स्किन: मौनसून औयली स्किन वालों के लिए सब से ज्यादा मुसीबत बन कर आता है, क्योंकि हवा में जो मौइस्चर होता है, वह गंदगी को स्किन के अंदर तक पहुंचा देता है, जिस से पोर्स बंद हो जाते हैं. इस कारण पिंपल्स, ऐक्ने की समस्या पैदा होती है. औयली और ड्राई स्किन वालों को पसीना भी बहुत ज्यादा आता है. इसलिए उन्हें पूरे दिन में 3 बार क्लींजिंग जरूर करना चाहिए.

इस बात का खास खयाल रखें कि जब भी क्लींजिंग करें तो उस के लिए हलके गरम पानी का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इस की मदद से स्किन से औयल आसानी से क्लीन हो जाता है. दूसरी बात कि रोज स्क्रब जरूर इस्तेमाल करें. आप सोच रही होंगी कि स्क्रब तो कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है तो आप को बता दें कि अगर आप ऐप्रिकोट या फिर होममेड स्क्रब का इस्तेमाल स्किन पर हलके हाथों से करती हैं तो इस से आप की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

आप रोजाना साबुन की जगह इसे ही इस्तेमाल करें. बस ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर अप्लाई नहीं करना है.

ड्राई स्किन: जिन की स्किन ड्राई होती है उन्हें भी इस मौसम में काफी परेशानी होती है. इस मौसम में ड्राई स्किन वालों की स्किन पर पैच भी हो जाते हैं, जिन पर बहुत जल्दी इन्फैक्शन हो जाता है. इसलिए उन्हें मौइस्चराइजर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन उन्हें भूल कर भी औयल बेस्ड क्रीम यूज नहीं करनी चाहिए. औयली स्किन वालों को भी लाइट मौइस्चराइजर या फिर वाटर बेस्ड मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि स्किन में नमी कम हो जाती है.

नौर्मल स्किन: नौर्मल स्किन वाले रोजाना सुबह और रात को क्लींजिंग जरूर करें वरना स्किन पोर्स बंद होने से पिंपल्स, इन्फैक्शन हो सकता है. नौर्मल स्किन वालों को हमेशा जैल बेस्ड मौइस्चराइजर या क्रीम ही यूज करनी चाहिए. अब बात करते हैं कि जो भी स्किन टोनर, फेस वाश, मौइस्चराइजर, क्रीम, स्क्रब आप इस्तेमाल करें वह कैसा होना चाहिए.

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स्किन टोनर

टोनर ऐसा हो, जिस में रोजवाटर, ऐलोवीरा, खीरा या फिर उस में टीट्री औयल हो, क्योंकि जहां रोजवाटर में इनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होती हैं. वहीं ऐलोवेरा स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ उसे मौइस्चर भी प्रदान करता है, साथ ही स्किन की डार्कनैस को भी दूर करने का काम करता है. खीरे में विटामिन सी होने के कारण यह स्किन

को हाइड्रेट रखने के साथसाथ सनबर्न से भी बचाता है. टीट्री औयल किसी भी तरह की

स्किन ऐलर्जी को ठीक करने में मददगार साबित होता है.

टोनर में क्या न हो

मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर टोनर्स में अल्कोहल होता है, जिस से स्किन का मौइस्चर धीरेधीरे खत्म होने लगता है. इसलिए अल्कोहल युक्त टोनर न खरीदें खासकर इथाइल अलकोहल और मिथाइल अल्कोहल मिले प्रोडक्ट बिलकुल न खरीदें.

फैटी ऐसिड्स से भी अल्कोहल बनते हैं, जो महंगे जरूर होते हैं, लेकिन स्किन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये स्किन को नरिश व मौइस्चराइज भी करते हैं. इसलिए जब भी टोनर खरीदें तो इन चीजों को देख कर ही खरीदें.

स्क्रब

अगर स्क्रब में ऐप्रिकोट, ग्रीन टी, ग्लिसरीन मिला हुई है तो आप के लिए वह स्क्रब बैस्ट है, क्योंकि ग्रीन टी स्किन पर ग्लो लाती है, ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण बैक्टीरिया को भी मारने में यह मददगार होती है, साथ ही ग्रीन टी स्किन को नरिश करने के साथसाथ और ऐंटीएजिंग का भी काम करती है.

स्क्रब में क्या नहीं होना चाहिए

ऐसा स्क्रब न खरीदें, जिस में मिथाइल पैराबिन, इथाइल पैराबिन, प्रौपिल पैराबिन और लेड हो.

सनस्क्रीन

अकसर हमारी सोच होती है कि बारिश में सनस्क्रीन लगाने की कोई जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बादल जो छाए हुए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. इसलिए ऐसा सनस्क्रीन खरीदें, जिस में जिंक औक्साइड, टाइटेनियम औक्साइड हो, क्योंकि ये स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

सनस्क्रीन में क्या न हो

आप जिस सनस्क्रीन को खरीद रही हैं उस में देख लें कि औक्सीबैनजोन, होमोसोलेट न हों, क्योंकि ये स्किन के लिए अच्छे नहीं होते. इन से कैंसर भी हो सकता है.

फेस वाश

जब भी चेहरे को धोने की बात आती है तो हम चेहरे को साबुन के बजाय फेस वाश से ही धोते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा खुशबू वाले फेस वाश इस्तेमाल न करें, बल्कि माइल्ड और नैचुरल चीजों से बने फेस वाश ही इस्तेमाल करें. ऐसे फेस वाश स्किन पर ग्लो लाने के साथसाथ उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

फेस वाश में क्या न हो

ज्यादातर फेस वाश में ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज ज्यादा मात्रा में होती हैं, जिन में टीसीएस, टीसीसी और टैल्कोसन होते हैं, जोकि सिर्फ प्रोडक्ट की सैल्फ लाइफ को बढ़ाते हैं, लेकिन स्किन के लिए सही नहीं होते, साथ ही फेस वाश में एसएलएस यानी सोडियम लौरेल सल्फेट होता है, जो स्किन के लिए सही नहीं होता. इसलिए ये सब देख कर ही फेस वाश खरीदना चाहिए.

क्रीम या मौइस्चराइजर

जब भी महिलाएं मार्केट से कोई क्रीम खरीदने जाते हैं वही क्रीम खरीदती हैं, जिस में वही क्रीम खरीदेंगे जिस में सब से ज्यादा खुशबू हो. लेकिन जिस प्रोडक्ट में जितनी खुशबू होगी उस में उतने ही ज्यादा कैमिकल्स भी होते हैं, जो स्किन के लिए सही नहीं होते. इसलिए ऐसी क्रीम को अवौइड ही करना चाहिए. अगर उस में हाइड्रोनिक ऐसिड है तो वह आप की स्किन के लिए अच्छा है, क्योंकि वह हवा में मौजूद मौइस्चर का स्किन के भीतर पहुंचाता है, जिस से स्किन हाइड्रेट रहती है, साथ ही  झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है.

क्या नहीं हो

ज्यादातर क्रीम्स में औक्सीबैनजोन डला होता है, जो उस की खुशबू और कलर को ज्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए होता है. यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता तो है, लेकिन लंबे समय तक इस का इस्तेमाल करने से हारमोंस गड़बड़ा जाते हैं.

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कैसी हो ऐक्ने क्रीम

जब भी ऐक्ने क्रीम या मौइस्चराइजर खरीदें तो देख लें कि उस में सैलिसिलिक ऐसिड जरूर हो. क्योंकि वह एक तरह से बीटा हाइड्रौक्सी ऐसिड है, जो पोर्स को खोल कर ऐक्नों को ठीक करने का काम करेगा. ऐक्नों के ट्रीटमैंट के लिए रैटिनौल ऐसिड भी बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह एक तरह से विटामिन ए का फौर्म है, जो स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. यह डार्क सर्कल्स को कम करने, रंग में निखार लाने और इरिटेशन को कम करने का काम करता है.

बेसन के इस्तेमाल से दूर करें ये 3 ब्यूटी प्रौब्लम

निखरी त्वचा पाने के लिए आप कई तरीके अपनाती हैं. लेकिन बेसन एक ऐसी चीज है, जो हर घर में इस्तेमाल होता है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल फेस-वाश की तरह करते हैं तो कुछ फेस-मास्क के तौर पर.

त्वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान के लिए आप बेसन का इस्तेमाल कर सकती हैं. अगर आपके चेहरे पर अनचाहे बाल हैं, धूप की वजह से आपको टैनिंग हो गई है या फिर आपके बाल रूखे हो गए हैं तो, आप भी बेसन का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका कोई साइड-इफेक्ट नहीं है.

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  1. हेल्दी बाल

बेसन के पाउउर में बादाम, दही, और एक चम्मच औलिव औयल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. आप चाहें तो इसमें अंडा भी मिला सकती हैं. इस पेस्ट को बालों में लगाकर, कुछ देर के लिए छोड़ दें. इससे बाल सौफ्ट और सेहतमंद हो जाएंगे.

2. अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए

अगर आप अनचाहे बालों से परेशान हैं तो बेसन पाउडर में मेथी पाउडर मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें. इस पेस्ट को उन हिस्सों पर लगाएं जहां अनचाहे बाल हैं. जब ये पैक सूख जाए तो इसे बालों की ग्रोथ की उल्टी दिशा में हल्के हाथों से रगड़ कर छुड़ाएं. इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

3. टैनिंग दूर करने के लिए

बेसन पाउडर में दही, नींबू का रस, चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें. इसे शरीर के प्रभावित हिस्सों में लगाएं. जब ये सूख जाए तो पानी से धो लें. उसके बाद मसाज करना न भूलें.

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क्या HHA क्रीम से काले घेरे और दागधब्बे दूर हो सकते हैं?

सवाल…

क्या एएचए क्रीम से काले घेरे और दागधब्बे दूर हो सकते हैं? क्या इस के नियमित इस्तेमाल से त्वचा चमकदार बन सकती है?

जवाब…

एएचए यानी अल्फा हाइड्रौक्सी ऐसिड क्रीम जिस में फलों से निकाले गए फायदेमंद ऐसिड होते हैं और जो त्वचा में कोलोजन का लेवल तेजी से बढ़ा कर उस पर झुर्रियां पड़ने से बचाते हैं, यह आंखों के नीचे का कालापन दूर करने में भी मददगार है. इस क्रीम के इस्तेमाल से ऐक्सफौलिएशन और नए सैल्स बनने की प्रक्रिया तेज होती है, जिस से त्वचा में नवीनीकरण दिखाई देता है. रोज रात को चेहरा साफ करने के बाद अपनी रिंग फिंगर में थोड़ी सी एएचए क्रीम ले कर आंखों के चारों तरफ गोलाई में मसाज करें. इस क्रीम के रोजाना इस्तेमाल से दागधब्बे कम होंगे और साथ ही त्वचा भी निखरीनिखरी नजर आएगी. बस, ध्यान रखें कि क्रीम आंखों में न जाए.

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सौफ्ट और ब्यूटीफुल स्किन हर किसी को आकर्षित करती है और सभी इसे पाना चाहते हैं. लेकिन हमारा चेहरा मौसम, प्रदूषण, धूल-मिट्टी, थकान सभी कुछ  झेलता है और इस का प्रभाव सब से ज्यादा चेहरे की स्किन पर नजर आता है. थकी, ग्लो के बिना स्किन,  झांइयां और आंखों के नीचे डार्क सर्कल फेस की शाइन कम कर देते हैं. ऐसे में फेस स्क्रबिंग करना एक ऐसा जादुई तरीका है, जो मिनटों में आप की स्किन को नरम, मुलायम और चमकदार बना सकता है. स्क्रबिंग से स्किन दोबारा चमकदार व जवान लगने लगती है. इसे एक्सफोलिएशन भी कहा जाता है व इसे अपने नियमित स्किन केयर रूटीन में शामिल करना चाहिए. फेस स्क्रब से आप मेकअप के उन छिपे कणों को भी हटा सकती हैं, जो पोर्स में घुस जाते हैं और सामान्य तौर पर क्लींजर या पानी से साफ करने से नहीं हटते. कुछ फेस स्क्रब्स में मास्चराइजर भी होता है, जिस से स्किन को पोषण भी मिलता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ग्लोइंग स्किन के लिए घर पर ऐसे करें स्क्रब

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