सवाल-

गर्मियों की शुरुआत होते ही हमारी स्किन पर पिंपल्स की प्रोब्लम शुरू हो जाती है. ये पिम्पल्स न तो दिखने में अच्छे लगते हैं और साथ ही इन्हें छूने पर पेन भी काफी महसूस होता है. कृपया इसका कोई सोलूशन बताएं?

जवाब-

असल में समर्स में तेल पैदा करने वाली सीबासोउस ग्लैंड्स त्वचा के छिद्रों के बंद होने के कारण अति सक्रिय हो जाते हैं. जिससे इन पोर्स में तेल के जमा होने के कारण मुंहासों की समस्या पैदा होनी शुरू हो जाती है. वैसे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इन फॉरेन तत्वों से छुटकारा पाने की कोशिश करती है, जो जलन, सूजन का कारण बनती है. वहीं कई बार होर्मोन्स के लेवल में अचानक वृद्वि होने से भी सीबम का उत्पादन उत्तेजित होता है. जिससे पोर्स बंद होने से त्वचा में सूजन की समस्या आ जाती है. जो  सीबासोउस ग्लैंड्स को ज्यादा एक्टिवेट करते हैं , जो सीबम का ज्यादा उत्पादन करता है, और मुंहासों का कारण बनता है. ऐसे में जरूरी है कि सही समय पर ट्रीटमेंट लेने की. तो आइए जानते हैं इस संबंध में ब्यूटी एक्सपर्ट नमिता से....

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लाइफस्टाइल में बदलाव 

बहुत सी महिलाओं को बहुत माइल्ड मुंहासे की समस्या का सामना करना पड़ता है. और ये प्रोब्लम अकसर उन्हें आयल के कारण होती है. ऐसे में जरूरी है माइल्ड पिंपल्स से बचने के लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की. इसके लिए ज्यादा ऑयली फूड से दूरी बनाने के साथसाथ समर्स में अपने चेहरे पर भी आयल को जमा न होने दें. इसके लिए चेहरे को फेसवाश से धोने के साथसाथ हर 3 - 4 घंटे में सादे पानी से फेस को क्लीन करना न भूलें. ताकि चेहरे पर ग्रीसी इफेक्ट खत्म होने के साथ इसके कारण हमारे पोर्स ब्लौक न हो. कोशिश करें कि अपनी स्किन को सोफ्ट क्लींज़र से क्लीन करें और कभी भी चेहरे पर हार्श तरीके से स्क्रबिंग न करें. क्योंकि इससे मुंहासों की स्थिति और खराब हो सकती है. साथ ही आप फ्रैग्रैंस वाले लोशन व आयल बेस्ड मेकअप अवोइड करें. और ऐसे मॉइस्चराइजर व सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, जिस पर  नोनकोमेडिक लिखा हो, क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट्स पोर्स को क्लोग नहीं करते हैं.

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