बौबी रमानी
फाउंडर, आई सपोर्ट फाउंडेशन
अपने भाई को औटिज्म (मानसिक रूप से कमजोर) से पीडि़त देख आज बौबी रमानी औटिज्म के शिकार बच्चों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कार्य कर रही हैं. उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जन्मीं बौबी ने अपनी बहन के साथ मिल कर औटिज्म बीमारी से जूझते बच्चों को मदद देने के लिए ‘आई सपोर्ट फाउंडेशन’ नाम की स्वयंसेवी संस्था की शुरुआत की. यह संस्था औटिज्म के शिकार बच्चों को शिक्षा प्रदान करना, उन की प्रतिभा को निखारना और उन्हें उन की उच्चतम क्षमता तक पहुंचाने में मदद करती है. बौबी बैंगलुरु में अपनी संस्था के माध्यम से अब तक 8,000 वंचित और विशेष बीमारी से ग्रस्त बच्चों के जीवन में मुसकान बिखेर चुकी हैं. आइए, जानते हैं बौबी रमानी से उन के इस सफर के बारे में:
सवाल- आप ने ‘आई सपोर्ट फाउंडेशन’ की शुरुआत की. कैसा रहा यह सफर?
‘आई सपोर्ट फाउंडेशन’ की शुरुआत करना मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि फाउंडेशन की शुरुआत से पहले मैं कौरपोरेट में काम करती थी. अपनी सेविंग्स से इस संस्थान की शुरुआत करना, औटिज्म से ग्रस्त बच्चों से जुड़ना, उन की काउंसलिंग करना, साथ ही उन के पेरैंट्स की भी काउंसलिंग करना, संस्थान का सैटअप करना सभी कुछ काफी चैलेंजिंग था. मैं ने अपनी बाकी की पढ़ाई भी संस्थान खोलने के बाद पूरी की. इस संस्थान को खोलने के लिए मुझे एक विशेष डिगरी की जरूरत थी. अत: मैं ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ‘मास कम्यूनिकेशन’ की डिगरी ली.
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