ज्यादातर युवतियां शादी के बाद अपनी दुनिया घरपरिवार तक ही समेट लेती हैं, पर कुछ अपनी मेहनत, लगन और महत्त्वाकांक्षा के चलते अपने जीवन में कुछ ऐसा हासिल करती हैं, जो उन की अलग पहचान बनाता है. ऐसी ही पहचान बनाई है कोचीन में जन्मी आइरिस मजू ने. इन का विवाह आर्मी के कर्नल मजू से हुआ. इन का एक 13 साल का बेटा भी है.

आइरिस मजू आर्मी स्कूल में अंगरेजी टीचर के साथसाथ गोग्रीन नामक कैंपेन में भी बहुत सक्रिय रही हैं. इन्होंने अपने छात्रों के साथ मिल कर बहुत सी रैलियों का आयोजन कर लोगों को वातावरण संरक्षण की जरूरत के बारे में बताया. इन का नारा था कि मोटापे को जलाओ न कि तेल.

रंग लाई मेहनत

विवाहित महिलाओं की इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए 300 से भी अधिक प्रविष्टियां आई थीं, जिन में केवल 34 महिलाओं को भाग लेने के लिए चुना गया था. यह प्रतियोगिता केवल ग्लैमर देखने की नहीं थी, बल्कि उन महिलाओं को चुनने की थी, जो किसी सामाजिक अभियान से जुड़ी हों और आइरिस मजू इस से संबंधित सभी मुद्दों का काफी लंबे समय से प्रचार करती आ रही थीं. देश भर में अलगअलग जगहों में रह चुकीं आइरिस को बहुत कुछ जानने को मिला. वातावरण की सुरक्षा व उस के बारे में इन की चाह ने ही इन्हें इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.

इन्होंने अपनी उपलब्धियों की सूची में एक और उपलब्धि तब जोड़ी जब इन्हें एशिया इंटरनैशल के लिए कम्यूनिटी ऐंबैसेडर चुना गया. आइरिस मजू पुणे में आयोजित ईआरएम ग्रुप औफ कंपनीज द्वारा आयोजित ‘मिसेज इंडिया इंटरनैशनल 2015’ की मिसेज इंडिया प्लैनेट प्रतियोगिता की सैकेंड रनरअप रह चुकी हैं.

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