पद्मप्रिया

सैकंड रनरअप, मिसेज इंडिया यूनिवर्स

कहते हैं न कि जहां चाह वहां राह यानी जिस ने सच्चे मन व लगन से जो पाने की इच्छा रखी हो वह पूरी हो जाती है. अपनी मेहनत के दम पर पद्मप्रिया ने ‘मिसेस इंडिया यूनिवर्स’ प्रतियोगिता में सैकंड रनरअप का खिताब अपने नाम कर के न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि अपने राज्य का भी नाम रोशन किया है. इस दौरान उन के सामने मुश्किलें भी आईं लेकिन उन के जनून ने उन्हें हारने नहीं दिया और उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया.

गृहशोभा का साथ आया काम

पद्मप्रिया का जन्म कर्नाटक के बैंगलुरु में हुआ. वहीं वे बड़ी हुईं और उन्होंने अपनी पढ़ाई की. उन के पिता डाक्टर हैं और मां होममेकर, जिन की प्रेरणा पद्मप्रिया के बहुत काम आई. उन के हौसले को पंख तब और मिले जब उन्होंने गृहशोभा का साथ पकड़ा. वे हाई स्कूल के दिनों से ही इस पत्रिका की फैन रही हैं. वे इस पत्रिका में प्रकाशित होने वाले फैशन पेजेस से बहुत प्रभावित थीं और मन ही मन ये ठान चुकीं थीं कि एक दिन वे भी इस में छपने वाली मौडल्स की तरह ही बनेंगी ताकि वे भी अपनी खास पहचान बना सकें.

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पहले बड़े मौके ने बढ़ाया हौसला

स्कूल के दिनों से ही मीडिया में नाम पाने की चाह के कारण जब उन्होंने ‘सिनेमा में महिला कलाकारों की जरूरत वाले विज्ञापन को देखा तो उन्होंने इस के लिए मशहूर कन्नड़ निर्देशक एन चंद्रशेखरजी से हीरोइन के रोल के लिए संपर्क किया. वे स्क्रीन टैस्ट में पास भी हो गईं. लेकिन निर्देशक की शर्त थी कि उन्हें शूट के लिए फोरेन लोकेशंस पर जाना पड़ेगा. इतने बड़े मौके को जिसे वे हाथ से नहीं जाने देना चाहती थीं, पेरैंट्स भी इस के लिए राजी हो गए. लेकिन जब सगेसंबंधियों ने सलाह दी कि अभी से फिल्म लाइन में जाने से हायर स्टडी चौपट हो सकती है तब पेरैंट्स ने उन की बात को तवज्जो देते हुए उन्हें इस औफर को ठुकराने को कहा और हायर स्टडी की खातिर उन्हें इस औफर को मना करना पड़ा. लेकिन मन में विश्वास था कि एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी.

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