पिछले साल मैं जैनी के घर नागपुर गई. रास्ते में मुझे बताया गया कि परिवार बहुत धार्मिक है और सूर्यास्त से पहले ही खाना खा लेता है. यह परिवार जमीन के अंदर उगने वाली कोई सब्जी नहीं खाता. जब मैं उन के ड्राइंगरूम में घुसी तो देखा कि उन के ड्राइंगरूम में घोड़े की चमड़ी से बना गलीचा बिछा है. छोटे घोड़ों को मार कर उन की खाल निकाल ली जाती है और फिर उसे बारीकी से सिल कर गलीचा बनाया जाता है. उन्हें बेहद अमीर लोग ही अफौर्ड कर सकते हैं.
मेरे मेजबान जब कहने की कोशिश करने लगे कि यह नकली सिंथैटिक रंग है तो मैं ने उन्हें खाल पर चिपके बाल दिखाए. ये चीजें अमेरिका में बनती हैं. लोग फर के कोट, जूते, फर के बने सौफ्ट टौएज भी खरीदते हैं और सोचते हैं कि चूंकि ये बहुत सस्ते हैं तो अवश्य नकली सिंथैटिक मैटीरियल के होंगे.
यह सच नहीं है: ह्यूमन सोसायटी इंटरनैशनल ने पाया कि इन में से बहुत सी चीजें नकली फर, एक्रिलिक या पैट्रोलियम प्रोडक्टों से नहीं असली फर की बनी हैं, जो जानवरों से आती हैं. सोसायटी ने पाया कि बहुत से स्टोर जो नो फर नीति की घोषणा करते हैं वास्तव में फर की बनी चीजें ही बेचते हैं. बूट्स के बनाए क्लिप नकली फर के नहीं असली मिंक जानवर की फर के होते हैं. टैस्को स्टोर की रिंग और फैट फेस कंपनी के दस्ताने खरगोशों की खाल के ही होते हैं. अरबन आउटफिट्स असली फर के स्वैटर फेक फर के नाम से बेचती है.