कभी मां, कभी बेटी तो कभी बहू बन कर वह हर परिस्थिति में घर की सारी जिम्मेदारियां बखूबी निभाती है, तभी तो नारी कहलाती है.

वह खुद को पहचानती है, वह जानती है कि उसे क्या चाहिए और अपने सपनों को वह सब से ऊपर रखती है. वह निडर है, वह आत्मसम्मान के साथ निडर हो कर खड़ी रहती है और अपने मन की बात खुल कर बोलने से कतराती नहीं, फिर चाहे लोग कुछ भी सोचें.

वह जानती है कि उस के पास सारे जवाब नहीं हैं, वह खुले विचारों वाली होने के साथसाथ आत्मविश्वास से भरी हुई है और हमेशा कुछ नया सीखने की चाह रखती है.

वह है... सशक्त नारी... फौलादी इरादों वाली नारी.

अगर आप भी इस सशक्त और फौलादी इरादों वाली नारी के लिए समान अधिकार का समर्थन करते हैं, तो "गृहशोभा" और UC News आपके लिए लेकर आया है #WChallenge. अपनी अंगुलियों से 'W' साइन बनाते हुए आप अपनी सैल्फी पोस्ट करें और इस अभियान का हिस्सा बनें.

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