मयूरी ने खुली आंखों में हसीन ख्वाब सजा लिए थे, जहां उस का प्यार था और दुनियाजहान की सारी खुशियां. उस के पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे, लेकिन हकीकत की जमीन से शीशे के ख्वाब जब टकराए तब.