सुबह की पहली किरण पड़ते ही क्रिस्टोफर की एक झलक के लिए मैं ऊपर उस के कमरे में आया. संयोग से दरवाजा खुला था. क्रिस्टोफर बाथरूम में थी. एकाएक मेरी नजर उस के लैपटौप पर गई. वह किसी से चैटिंग कर रही थी. मैं पढ़ने लगा.
‘एक इंडियन मेरे पीछे पड़ा था. उस से कुछ काम निकलवाने हैं.’ क्रिस्टोफर.
‘काम जल्दीजल्दी खत्म कर के आ जाओ,’ फिलिप.
यानी उस दोस्त का नाम फिलिप है? मैं ने मन ही मन सोचा.
‘एक हफ्ते और इंतजार करो. आते ही हम दोनों शादी कर लेंगे,’ क्रिस्टोफर.
पढ़ कर ऐसा लगा जैसे मेरे पैरोंतले जमीन खिसक गई हो. मैं ने किसी तरह अपनेआप को संभाला. इस के पहले कि वह बाथरूम से निकले, मैं वहां से खिसक गया.
क्रिस्टोफर ने मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया. यह सोच कर लगा मेरा सिर फट जाएगा. मु झे सपने में भी भान नहीं था कि क्रिस्टोफर मेरा इस्तेमाल कर रही है. मेरा मन उस के प्रति घृणा से भर गया. जी किया अभी जा कर क्रिस्टोफर का गला घोंट दूं. मगर नहीं, मैं उसे ऐसा दंड देना चाहता था कि वह ताउम्र अभिशापित जीवन जिए.
इस निश्चय के साथ मैं उठा. एक सुनार के पास गया. मनमानी कीमत दे कर एक छोटे से जार में तेजाब खरीदा. उसे सभी की नजरों से छिपा कर अपने कमरे की अलमारी में रख दिया. अब मु झे मौके की तलाश थी. आज क्रिस्टोफर अकेले शोधकार्य के लिए बाहर निकली. मु झे साथ नहीं लिया. जाहिर है मेरे रहने से उस की निजता बाधित होती. इस बार एक महीने पेरिस में रह कर आई है, तो वह काफी बदलीबदली सी लगी. फिलिप से प्रेम का असर साफ उस के तौरतरीकों में दिख रहा था. मु झ से आई लव यू बोलना महज एक पाखंड था ताकि मु झे आभास न हो उस के मन में क्या चल रहा है.