मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे हमेशा चहचहाने वाली बूआ कहीं खो सी गई हैं. बातबेबात ठहाका मार कर हंसने वाली बूआ पता नहीं क्यों चुपचुप सी लग रही थीं.