जीवन जीना चाहती थी श्यामला न कि काटना. लेकिन मधुप जैसे नीरस पति के साथ क्या जिंदगी जीती. रंगहीन, रसविहीन दांपत्य कब तक खींचती. आखिर थक कर अपने जीवन को एक और ही सांचे में ढाल लिया.