‘‘एक रोज मैं और मेरी सहेली रैचेल रतन के कमरे में बैठे हुए आपस में बात कर रहे थे कि नींद की गोलियों में कौन से ब्रांड की गोली सब से असरदायक होती है. रतन ने कहा कि किसी भी ब्रांड की गोली खाने से पहले अगर 1-2 घूंट ह्विस्की पी लो तो गोली जबरदस्त असर करती है. मेरे पूछने पर कि उसे कैसे मालूम, रतन ने कहा कि उस ने किसी उपन्यास में पढ़ा है और रासायनिक तथ्यों को देखते हुए बात ठीक भी हो सकती है.
‘‘रैचेल ने कहा कि अनिंद्रा की बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए तो यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है लेकिन बगैर आजमाए तो किसी को बताना नहीं चाहिए. मुझे पता था कि रैचेल के घर में शराब का कोई परहेज नहीं है और ज्यादा थके होने पर रैचेल भी 1-2 घूंट लगा लेती है. मैं ने उस से कहा कि वह खुद पर ही यह फार्मूला आजमा के देख ले. भरपूर नींद सो लेगी तो अगले दिन तरोताजा हो जाएगी. रैचेल बोली कि ह्विस्की की तो कोई समस्या नहीं है लेकिन नींद की गोली बगैर डाक्टर के नुस्खे के नहीं मिलती, रतन अगर नुस्खा लिख दे तो वह तजरबा करने को तैयार है.
‘‘रतन ने कहा कि नुस्खे की क्या जरूरत है. रेणु की नाइट ड्यूटी आजकल आरथोपीडिक वार्ड में है, जहां आमतौर पर सब को ही गोली दे कर सुलाना पड़ता है. सो इस से कह, यह किसी मरीज के नाम पर तुम्हें भी एक गोली ला देगी. उस रात बहुत से मरीजों के लिए एक ही ब्रांड की गोली लिखी गई थी सो नर्स स्टोर से पूरी शीशी ले आई. आधी रात को सब की नजर बचा कर मैं ने वह शीशी अपने पर्स में रख ली और मौका मिलते ही रैचेल को दे दी.