मानसी और अनुजा बचपन से ही अच्छी सहेलियां थीं. हमेशा से मनु और अनु की जोड़ी उन की पूरी मित्रमंडली में मशहूर थी. नर्सरी से एक ही स्कूल में गईं और जब कालेज चुनने की बात आई तो दोनों ने कालेज भी एक ही चुना. कालेज घर से दूर होने के कारण दोनों पास ही एक रूम ले कर उस में एकसाथ रहने लगीं.
बचपन से साथ खेलने और पढ़ने के बावजूद दोनों के स्वभाव में काफी अंतर था. एक ओर अनुजा सीधीसादी और सामान्य सी दिखने वाली लड़की थी, तो दूसरी ओर मानसी बेहद स्मार्ट और आकर्षक. अनुजा को पढ़ाई में रुचि थी तो मानसी को खेलकूद में. मानसी तो बस पास होने के लिए पढ़ाई करती जबकि अनुजा पढ़ाई में इस कदर खो जाती कि उसे अपने आसपास की दीनदुनिया की खबर ही नहीं रहती. दोनों एकदूसरे की पूरक बन अपनी मित्रता निभाती आई थीं.
कालेज के दिनों में दोनों से टकराया विपुल, जोकि एक छैलछबीले लड़के के रूप में सामने आया. ऊंची कदकाठी, ऐथलैटिक बौडी, पढ़ाई में अच्छे नंबर लाने वाला. बौस्केटबौल चैंपियन को पूरे कालेज का दिल मोह लेने में अधिक समय नहीं लगा.
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सब से पहले विपुल पर मानसी की नजर पड़ी. गरमी के दिनों पसीने से तरबतर विपुल बौस्केटबौल कोर्ट में प्रैक्टिस किया करता, क्योंकि मानसी को स्वयं भी बौस्केटबौल में रुचि थी. उस ने विपुल से दोस्ती करने में अधिक देर न लगाई. कुछ ही हफ्तों में वह विपुल से बौस्केटबौल खेलने के पैंतरे सीखने लगी. अनुजा अकसर दोनों का खेल देखा करती.