आज सुबह से ही बारिश ने शहर को आ घेरा है. उमड़घुमड़ कर आते बादलों ने आकाश की नीली स्वच्छंदता को अपनी तरह श्यामल बना लिया है. लेकिन अगर ये बूंदें जिद्दी हैं तो रागिनी भी कम नहीं. रहरह कर बरसती इन बूंदों के कारण रागिनी का प्रण नहीं हारने वाला.
ग्रीन टी पीने के पश्चात रागिनी ट्रैक सूट और स्पोर्ट शूज में तैयार खड़ी है कि बारिश थमे और वह निकल पड़े अपनी मौर्निंग जौग के लिए.
कमर तक लहराते अपने केशों को उस ने हाई पोनी टेल में बांध लिया. एक बार जब वह कुछ ठान लेती है, तो फिर उसे डिगाना लगभग असंभव ही समझो.
पिछले कुछ समय से अपने काल सैंटर के बिजनेस को जमाने में रातदिन एक करने के कारण न तो उसे सोने का होश रहा और न ही खाने का. इसी कारण उस का वजन भी थोड़ा बढ़ गया. उसे जितना लगाव अपने बिजनेस से है, उतना ही अपनी परफेक्ट फिगर से भी. इसलिए उस ने मौर्निंग जौग शुरू कर दी, और कुछ ही समय में असर भी दिखने लगा.
लंबी छरहरी काया और श्वेतवर्ण बेंगनी ट्रैक सूट में उस का चेहरा और भी निखर रहा था. उस ने अपनी कार निकाली और चल पड़ी पास के जौगर्स पार्क की ओर.
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यों तो रागिनी के परिवार की गिनती उस के शहर के संभ्रांत परिवारों में होती है. मगर उस का अपने पैरों पर खड़े होने का सपना इतना उग्र रहा कि उस ने केवल अपने दम पर एक बिजनेस खड़ा करने का बीड़ा उठाया. तभी तो एमबीए करते ही कोई नौकरी जौइन करने की जगह उस ने अपने आंत्रिप्रिन्यौर प्रोग्राम का लाभ उठाते हुए बिजनेस शुरू किया. बैंक से लोन लिया और एक काल सैंटर डालने का मन बनाया. उस का शहर इस के लिए उतना उचित नहीं था, जितना ये महानगर.