“जाओ फ्लेट नंबर सी 212 से कार की चाबी मांग कर लाओ. जल्दी आना. रोज इस के चक्कर में लेट हो जाती हूं,”अनुभा अपनी कार के पीछे लगी दूसरी कार को देख कर भुनभुनाई.
गार्ड अपनी हंसी रोकता हुआ चला गया. पिछले 6 महीने से वह इन दोनों का तमाशा देखता चला आ रहा है. एक महीने आगेपीछे ही दोनों ने इस सोसायटी में फ्लैट किराए पर लिया है, तभी से दोनों का हर बात पर झगड़ा मचा रहता है. फ्लैट नंबर 312 में ऊपरी मंजिल पर अनुभा रहती है. सोसायटी मीटिंग में भी दोनों एकदूसरे पर आरोपप्रत्यारोप करते दिखाई देते हैं.
सौरभ ने शिकायत की थी कि उस के बाथरूम में लीकेज हो रहा है. इस के लिए उस ने प्लम्बर बुलवाया, छुट्टी भी ली और अनुभा को भी बता दिया था कि प्लम्बर आ कर ऊपरी मंजिल से उस का बाथरूम से लीकेज चेक करेगा, खर्चा भी वह खुद उठाने को तैयार है. पहले तो कुछ नहीं बोली, मगर जब प्लम्बर आ गया तो अपना फ्लैट बंद कर औफिस चली गई. आधा घंटा भी वह रुकने को तैयार नहीं हुई.
सौरभ ने सोसायटी की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया तो अनुभा ने उस पर अकेली महिला के घर अनजान आदमी को भेजने का आरोप लगा दिया.
बात बाथरूम के लीकेज से भटक कर नारीवाद, अस्मिता, बढ़ते बलात्कार पर पहुंच गई. यह देख सौरभ दांत किटकिटा कर रह गया. उस का बाथरूम आज तक ठीक न हो सका.
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अब तो दोनों के बीच इतना झगड़ा बढ़ चुका है कि अब सामंजस्य से काम होना नामुमकिन हो चुका है.