जब भी रेनु अविरल को कॉल करती, अविरल जान-बूझकर निधि की बातें ही करता. रेनु को बहुत ही बुरा लगता था. उसने निधि को अविरल से अलग करने की ठान ली. उसे बिलकुल भी इस बात का पता नहीं था कि अविरल और निधि की बात होती है.
रेनु के मम्मी पापा दोनों जॉब करते थे तो दोपहर में रेनु अकेले रहती थी. रेनु अक्सर ही निधि को अकेलेपन का बहाना बनाकर अपने घर बुला लेती थी और निधि को न चाहते हुए भी जाना पड़ता था. एक बार रेनु ने निधि से कहा मैं बाहर कुछ समान लेने जा रही हूँ, अभी थोड़ी देर में आती हूँ. उसके जाने के बाद ही घर के फोन पर एक कॉल आई. निधि ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ एक लड़का था.
उसने निधि से कहा,”निधि please फोन मत रखना ,मुझे तुमसे कुछ कहना है. निधि तुम सिर्फ मुझसे उससे दोस्ती कर लो ,मई तुमसे और कुछ नहीं मांग रहा हूँ . मै जी नहीं पाऊँगा .
निधि बहुत डर गयी और उसने उसे बाद में बताने का बोलकर फोन काट दिया.
वह लड़का रेनु का दोस्त था और रेनु के घर में उसका काफी आना जाना था. काफी समय से वह निधि के पीछे पड़ा था लेकिन रेनु ने मना कर दिया था तो उसने आगे कुछ कहा नहीं.
फोन काटने के बाद ही रेनु वहाँ आ गयी. निधि ने सारी बात रेनु को बताई तो रेनु ने बोला “निधि दोस्ती को ही तो बोल रहा है. दोस्ती करने में क्या जाता है लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए”.