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स्नेहा को लगा कि जब हरकोई अपनी पसंद का खयाल रख रहा है तो उसे ?ि?ाक क्यों? अगली सुबह बड़ी हिम्मत करके वह अपनी मम्मी के सामने खड़ी हो गई और बोली, ‘‘मम्मी, मु?ो आपसे कुछ कहना है, शायद आपको अटपटा लगे सुनने में... लेकिन मैंने अपना जीवनसाथी चुन लिया है...’’

यह सुनकर मम्मी इतनी चौंकीं कि उनके हाथ से कलछी गिर गई. ‘‘मम्मी स्वनिल मेरी कंपनी में मैनेजर हैं और उन्होंने मेरे बारे में अपनी मां से बात कर ली है, अगले हफ्ते उनकी मां हमारे घर आ रही हैं, आप से मेरा हाथ मांगने,’’ स्नेहा ने छूटते ही सारी बात एक ही सांस में कह डाली. ‘‘ठीक है मैं आज ही तुम्हारे पापा से बात करूंगी...’’ मम्मी ने उसे दिलासा देते हुए कहा.

अगला दिन हमेशा से ज्यादा खूबसूरत था. पापा ने मु?ासे स्वनिल के बारे में बात की, उसकी सारी जानकारी ली. मम्मी ने भी प्यार से नाश्ता कराया. स्नेहा आज बादलों पर सवार होकर ऑफिस पहुंची. तभी उसे स्वनिल का एसएमएस मिला. वह दो-तीन दिन बाद आएगा. इस तरह पांच दिन गुजर गए, स्नेहा के मन में अब बुरे खयाल आने लगे. जब स्नेहा स्वनिल को फोन करती तो वह बड़े रूखेपन से पेश आता और कहता कि अभी वह व्यस्त है. उस दिन जब स्नेहा ऑफिस पहुंची तो उसे स्वनिल अपने केबिन में नजर आया. मारे खुशी के वह उसकी तरफ गई पर बिजी होने का बहाना बनाकर स्वनिल फोन उठा कर किसी और से बात करने लगा जैसे स्नेहा के लिए यह वहां से जाने का इशारा हो. किसी अनजाने डर से स्नेहा का मन कांप उठा, फिर भी उसने अपने मन को सम?ाया कि हो सकता है वाकई स्वनिल बिजी हो आखिर मैनेजर है वह कंपनी का. वह भी काम में अपना ध्यान लगाने की कोशिश करने लगी. शाम को 5 बजे जब वह स्वनिल के केबिन में गई तो पता चला कि वह तो कब का जा चुका है. स्नेहा ने जल्दी से स्वनिल को फोन मिलाया तो उसका मोबाइल स्विच्ड ऑफ आने लगा. आखिर क्या बात हो सकती है जो स्वनिल मु?ो ऐसे टाल रहा है... सोचकर स्नेहा बेचैन होने लगी. अगले दो दिनों तक स्वनिल यों ही उसके साथ लुकाछिपी खेलता रहा. एक दिन तंग आकर स्नेहा जब स्वनिल के घर पहुंची, तो दरवाजे पर ताला ?ाल रहा था. वह वहीं स्वनिल का इंतजार करती रही. जब 8 बजे के आसपास स्वनिल घर लौटा तो स्नेहा को वहां देखकर दंग रह गया. ताला खोलकर स्वनिल जैसे अंदर गया पीछे-पीछे स्नेहा भी आ गई. बोली, ‘‘तुम्हें क्या लगा था स्वनिल कि अगर तुम टालते रहोगे तो हम मिल नहीं सकते. इतना रूखा बरताव क्यों है तुम्हारा? इस तरह क्यों कतरा रहे हो मु?ासे? अंदर आते ही स्नेहा बिफर पड़ी.

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