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मेरे पति सुमित बढि़या डांस करते हैं. उन की पार्टनर नीली जींस और लाल टौप वाली लड़की भी कम न थी. क्लब के डांस फ्लोर पर वे दोनों छाए हुए थे.

मैं उस लड़की को पहचानती नहीं थी. सुमित में उस की दिलचस्पी देख कर मेरी कई सहेलियों ने आ कर मुझे उस का परिचय दिया.

‘‘उस का नाम निशा है. वह जो सांवले चेहरे वाली मोटी सुषमा है, यह निशा उस की ननद है. जौब करने के लिए मेरठ से दिल्ली कुछ दिन पहले आई है. सुमित तो एकदम दीवाना हो गया है उस का,’’ मुझे यह जानकारी देते हुए उन सभी की आंखों में खुराफाती चमक मौजूद थी.

सुमित से मेरी शादी करीब डेढ़ साल पहले हुई थी. मेरे सुंदर स्मार्ट पति की छाती में एक दिलफेंक आशिक का हृदय धड़कता है, यह बात शादी के आरंभिक दिनों में ही मैं समझ गई थी.

अमीर लोगों को अमीर बने रहने के लिए बड़ी तनाव भरी जिंदगी जीनी पड़ती है. तनावमुक्ति के लिए फिर खूब पार्टियों का आयोजन होता है. शादी के बाद हमें भी सप्ताह में 1-2 ऐसी पार्टियों में शामिल होना पड़ता.

इन पार्टियों में खूबसूरत स्त्रियों की भरमार होती. उन से सामना होते ही सुमित का व्यक्तित्व बदल जाता. बातबात में वे चुटकुले और शेर सुनाते. उन की लच्छेदार बातें किसी भी हसीना की प्रशंसा कर उसे सातवें आसमान पर चढ़ा देतीं. वे जहां होते, वहां हंसनेहंसाने का माहौल आसानी से बन जाता.

ऐसे अवसरों पर मुझ जैसी नई दुलहन की मन:स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन नहीं. मैं अपने को उपेक्षित व असुरक्षित सा महसूस करती. नकली मुसकराहट जब मेरे चेहरे की मांसपेशियों को थका देती, तो मेरा चेहरा लटक जाता.

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