मेरे दिल में एक टीस सी उभरी और मैं ने नौवेल वही बंद कर के रख दिया. बहुत देर तक पुरानी यादें मु झे बेचैन करती रही. जीवन के जिस अध्याय को मैं ने अपनी तरफ से बंद कर दिया था उस का इस तरह फिर से खुल जाना मु झे बहुत तकलीफ दे रहा था.
कहने को आज मेरा एक सुखी संसार था. प्यार करने वाला पति था. सफल कैरियर था. मेरी गोद में नन्हामुन्ना भी आने वाला था. मगर अचानक अनुभव का जिक्र होते ही दिल के तार फिर से झन झना उठे. ऐसा नहीं था कि पति के प्यार ने कोई कसर छोड़ी थी. पर पहले प्यार का पहला एहसास अनुभव के साथ ही जुड़ा हुआ था. काफी हिम्मत कर के मैं ने एक बार फिर नौवेल खोल कर पढ़ना शुरू किया.
नौवेल की शुरुआत के 2-3 पन्ने पढ़ते ही मैं सम झ गई कि यह हमारी कहानी है. मेरे और उस के प्यार का खूबसूरत चित्रण है. हमारी जिंदगी में जिस तरह जो कुछ भी हुआ था उस नौवेल में वही था. मेरी कही हुई बातें, हमारी जिंदगी से जुड़ी छोटीछोटी घटनाएं सबकुछ बिलकुल वैसे ही था. लग रहा था जैसे मैं अपनी जिंदगी के उन खूबसूरत लमहों को फिर से जी रही हूं.
मैं रातभर नौवेल पढ़ती रही. सुबह 4 बजे उस पन्ने पर पहुंची जहां हमारे ऐक्सीडैंट वाली घटना का विवरण था. मैं ने अचानक नौवेल बंद कर दिया. जिस तरह मैं ने इस से आगे की कहानी को अपनी जिंदगी से काट दिया था वैसे ही अभी भी करना चाहती थी. मगर दिल नहीं माना. बढ़ी हुई धड़कनों को संभालते हुए मैं ने आगे पढ़ना शुरू किया.