रेटिंगः साढ़े तीन स्टार

निर्माताः समीर नायर, दीपक सहगल

निर्देशकः रोहण सिप्पी व अर्जुन मुखर्जी

कलाकारः कीर्ति कुल्हारी, पंकज त्रिपाठी,  अनुप्रिया गोयंका, मीता वशिष्ठ,  जिशू सेन गुप्ता,  दीप्ति नवल.

अवधिः 40 से 53 मिनट के आठ एपीसोड,  कुलन अवधि छह घंटे

ओटीटी प्लेटफार्मः हॉटस्टार डिजनी

महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा व प्रताड़ना के कई रूप हो सकते हैं. तो वहीं समाज का नामचीन व आदर्शवादी पुरूष अपने घर के अंदर एक औरत की गरिमा व उसके आत्मसम्मान को हर दिन कितनी निर्दयता के साथ तार तार करता रहता है, इन दो मुद्दों को लेखक अपूर्वा असरानी और निर्देशक द्वय रोहण सिप्पी व अर्जुन मुखर्जी ने वेब सीरीज‘क्रिमिनल जस्टिस’में खास तौर पर उठाया है. तो वहीं यह वेब सीरीज भारतीय समाज में विवाह व वैवाहिक संबंधों पर भी बहुत कुछ कह जाती है.

कहानीः

विक्रम चंद्रा (जिशू सेन गुप्ता ) मुंबई शहर के अति लोकप्रिय वकील हैं. वह कोई मुकदमा नहीं हारते. हर वकील उनकी इज्जत करता है. विक्रम चंद्रा की पत्नी अनुराधा चंद्रा(कीर्ति कुल्हारी) और बारह साल की बेटी रिया चंद्रा(आदिजा सिन्हा) है. बेटी रिया चंद्रा की करीबी सहेली रिद्धि है. रिद्धि के पिता डॉ. मोक्ष शहर के जाने माने मनोचिकित्सक हैं, जिनसे  विक्रम चंद्रा अपनी पत्नी अनुराधा चंद्रा का इलाज करा रहे हैं. विक्रम चंद्रा की मां विद्या चंद्रा (दीप्ति नवल ) और भाई ध्रुव अलग रहते हैं. एक दिन हालात कुछ ऐसे बदलते हैं कि रात में अनुराधा चंद्रा अपने पति विक्रम चंद्रा के पेट में चाकू भोंकने के बाद पुलिस व अस्पताल को फोन करके घर से बाहर चली जाती है. उनकी बेटी रिया, अनुराधा को विक्रम के कमरे से बाहर निकलते देखती है और पिता के कमरे में जाकर उनके पेट से चाकू निकालती है. तभी पुलिस इंस्पेक्टर हर्ष प्रधान(जीत सिंह पलावत) तथा उनकी सहायक महिला पुलिस अफसर व पत्नी गौरी प्रधान(कल्यासणी मुले) के साथ पहुंचता है, तो उन्हें रिया अपने हाथ में खून से सने चाकू के साथ मिलती है. गौरी उसे पुलिस हिरासत में लेती है. विक्रम चंद्रा को अस्पताल ले जाया जाता है. जहां अनुराधा चंद्रा पहुंचती है और विक्रम से सॉरी बोलती है. पर पुलिस इंस्पेक्टर हर्ष प्रधान(जीत सिंह पलावत ), अनुराधा चंद्रा को गिरफ्तार कर लेते हैं. और सुबह होते ही पुलिस रिया चंद्रा को सीडब्लूसी यानी कि बाल कल्याण केंद्र भेज देती है. जबकि रात में ही हर्ष प्रधान अपने तरीके से अनुराधा चंद्रा से गुनाह की कबूली वाला बयान ले लेता है. अनुचंद्रा अपनी बेटी रिया को पुलसिया उत्पीड़न से बचाने के लिए हर्ष की हर बात को आंख मूंदकर मान लेती है. एसीपी सालियान( पंकज साराश्वत) को यह केस इतना आसान नही लगता. वह इस केस को लड़ने के लिए वकील माधव मिश्रा ( पंकज त्रिपाठी ) को फोन करते हैं, जो कि उस वक्त पटना के पास भरतपुर गांव में अपनी शादी के बाद सुहागरात मनाने वाले थे. पर सालियान का फोन पाते ही पत्नी रत्ना के बार बार मना करने के बावजूद माधव मिश्रा प्लेन पकड़कर मुंबई पहुंच जाते हैं.  माधव मिश्रा, अनुचंद्रा का मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. माधव मिश्रा महिला वकील निखत हुसेन( अनुप्रिया गोयंका ) को अपना सहायक बनाते हैं, जिससे नाराज होकर मशहूर वकील मंदिरा ठाकुर(मीता वशिष्ठ) ने अपनी टीम से बाहर कर दिया है.

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