40वर्षीय मेडिकल कास्मेटोलोजिस्ट डा. पूर्णिमा म्हात्रे ने महिला की सुंदरता को करीब से परखा है. उन्होंने ‘गार्जियस’ स्किन क्लिनिक की स्थापना की है, जहां वे लोगों को 25 तरह के नेचुरल फ्रूट फेशल मुहैया कराती हैं, जिन्हें प्राकृतिक और हर्बल के मिश्रण से तैयार किया जाता है. ये फेशल चेहरे की त्वचा को हमेशा तरोताजा रखते हैं. 18 वर्ष से 50 वर्ष तक की आयु वाले लोगों के लिए उन्होंने अलगअलग फेशल बनाए हैं.

मेडिकल में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कनाडा में एडवांस स्किन केयर, लेजर थेरैपी और  झुर्रियों को कम करने के बारे में प्रशिक्षण लिया. डा. पूर्णिमा आटोजौगस फैट ट्रांसफर ‘एएफटी’ की भी पथप्रदर्शक हैं. ‘गार्जियस स्किन क्लिनिक’ की कई शाखाएं उन्होंने स्थापित की हैं. इस की 3 प्रमुख शाखाएं मुंबई  के जूहू, बांद्रा और पैडर रोड पर हैं. दिल्ली में भी वे इस की शाखा खोलने वाली हैं. वे एक अच्छी सर्जन हैं. उन्हें पता है कि कब कौन सी सर्जरी उपयुक्त रहेंगी. बौलीवुड में उन्हें लोग ‘सिंडे्रला मेकर’ के नाम से भी जानते हैं. उन का कहना है कि सुंदरता सभी को अच्छी लगती है, लेकिन व्यक्ति की जो प्राकृतिक सुंदरता है उसे बिना नष्ट किए हम उसे खूबसूरत बना सकें, यही हमारे लिए चुनौतीपूर्ण काम होता है. 16 बरसों से वे इस व्यवसाय में कार्यरत हैं.

डा. पूर्णिमा को बचपन से ही इस क्षेत्र में काम करने का शौक था. जब उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की तो उन्हें लगा कि अब वे इस क्षेत्र में आ सकती हैं. हालांकि मानव शरीर जटिलताओं से भरा है. ऐसे में अच्छी तरह से प्रशिक्षण किए बिना काम करना संभव नहीं था. अपने गार्जियस स्किन क्लिनिक में वे पहले व्यक्ति का परीक्षण करती हैं, उस के बाद अगर जरूरी होता है तभी सर्जरी करती हैं. एक महिला, जिस का चेहरा बुरी तरह जल गया था, अपने घर से बाहर निकलना नहीं चाहती थी. डा. पूर्णिमा ने उस की सर्जरी कर उसे नया रूप दिया. इसे ठीक करने में उन्हें 4 महीने लगे. उन का कहना है कि अधिकतर महिलाएं ब्यूटीपार्लर में जा कर पैसा खर्च करती हैं. ऐसे में कम प्रशिक्षित लोग उन की त्वचा के बारे में अनजान होते हैं. इस कारण गलत फेशल के प्रयोग से साइड इफेक्ट चेहरे पर दिखाई पड़ने लगते हैं.

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