त्योहारों का मौसम आ गया है और लोग छुट्टियों के मूड में आ चुके हैं. दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं, ऐसे में इस बात की जानकारी होना जरूरी है कि इस त्योहार को सुरक्षित, स्वस्थ और जिम्मेदार तरीके से कैसे मनाया जाए.
पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के पल्मोनोलॉजी प्रमुख तथा सीनियर कंसल्टेंट डॉ अरुणेश कुमार ने इस पर अपनी राय देते हुए कहा, "चूंकि दिवाली सभी कम्यूनिटी को एक साथ लाती है, लेकिन महामारी की तीसरी लहर की शुरुआत अभी भी एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. इसलिए स्वास्थ्य या सुरक्षा से समझौता किए बिना रोशनी का त्योहार मनाने के लिए उचित सावधानी और सावधानी बरतना ज़रूरी है. दिवाली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या स्वास्थ्य पर नुक़सान से बचने के लिए कुछ सामान्य एहतियाती उपाय करना भी ज़रूरी है. "
मैग्नेटो क्लीनटेक के सीईओ श्री हिमांशु अग्रवाल ने कहा, "दिवाली नजदीक आने से हमें प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी होने से सावधान रहना चाहिए, यह प्रदूषण घर के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद है और इसलिए खुद को उसी के अनुसार तैयार करें. वैसे देखा गया है कि मुख्य रूप से बाहरी स्थानों में प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, हमें यह याद रखने की जरूरत है कि हमारे घरों के अंदर प्रदूषण का स्तर 5 गुना ज्यादा हो सकता है और यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम, हार्ट और इम्यूनिटी सिस्टम के लिए खतरनाक है. वर्तमान समय में वायु प्रदूषण और भी खतरनाक है क्योंकि इससे कोरोनावायरस फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. दिवाली पर पटाखों से दूरी बनाए रखना नामुमकिन है, इसलिए प्रदूषण रहित दिवाली उत्सव की वस्तुओं जैसे हरे और पर्यावरण के अनुकूल पटाखे और दीयों का विकल्प चुनना चाहिए. चूंकि हम भी कुछ पटाखे घर के अंदर ही फोड़ते हैं, इसलिए हमें ऐसा करने से बचना चाहिए. अपने घरों के अंदर धार्मिक गतिविधियों के लिए इको फ्रेंडली अगरबत्ती जलानी चाहिए. जितना संभव हो सके घर में वेंटिलेशन में सुधार करना चाहिए. हालांकि सबसे अच्छा विकल्प यह है कि अपने घरों में एक हाई क्वालिटी वाला एयर प्यूरीफायर उपकरण स्थापित किया जाए, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दिवाली से संबंधित प्रदूषकों का खात्मा कर सकें, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर सके कि हम दिवाली के बाद अपने घरों में भी स्वस्थ शुद्ध हवा में सांस लेते रहें. "