लेखिका- दीप्ति गुप्ता
ब्लैकहेड्स के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा, लेकिन क्या आप व्हाइटहेडस के बारे में जानते हैं. दरअसल, दोनों ही मुंहासों के हल्के रूप हैं, जो लगभग सभी को प्रभावित करते हैं. कई लोग ब्लैकहेड्स और व्हाइहेड्स को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, उन्हें लगता है कि दोनों एक ही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. व्हाइटहेड्स ब्लैकहेड्स से एकदम अलग होते हैं. चेहरे पर व्हाइहेड्स होना आम समस्या है. व्हाइट हेड्स को कॉमेडोनल का रूप माना जाता है. ये कोमेडोनल तब बनते हैं, जब अतिरिक्त तेल, गंदगी, स्किन डेड सेल्स और बैक्टीरिया के कारण स्किन के छिद्र यानी पोर्स बंद हो जाते हैं. आमतौर पर यह स्किन की सतह पर गोल, छोटे और सफेद धब्बों की तरह दिखते हैं. व्हाइटहेड्स ज्यादातर कंधों, चेहरे, छाती , गर्दन और पीठ पर अलग -अलग आकार के होते हैं. कभी-कभी तो इतने छोटे होते हैं, कि दिखाई भी नहीं देते. तो आइए जानते हैं व्हाइटहड और ब्लैकहेड में क्या अंतर होता है.
ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में अंतर-
दोनों ही कॉमेडोनल एक्ने के सामान्य रूप हैं. इन दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि व्हाइटहेड के मामले में पोर्स स्किन की मुलायम परत के साथ ऊपर से बंद हो जाते हैं, जबकि ब्लैकहेड खुले होते हैं और हवा के संपर्क में आते हैं. व्हाइटहेडस अक्सर बैक्टीरिया , स्किन डेड सेल्स और सीबम से भरे होते हैं. ब्लैकहेड्स के उलट व्हाइट हेड्स काले नहीं होते , क्योंकि हवा की आपूर्ति के संपर्क में कमी के कारण रोमकूप के भीतर मौजूद सीबम ऑक्सीकरण नहीं कर पाता.