सवाल-
मेरी सास को एक बार ब्रेन स्ट्रोक हो चुका है. वे बहुत कमजोर हो गई हैं. क्या उन का दोबारा इस की चपेट में आने का खतरा है?
जवाब-
उपचार के बाद भी आवश्यक सावधानियां बरतने जरूरी हैं क्योंकि एक बार स्ट्रोक की चपेट में आने पर पुन: स्ट्रोक का हमला होने की आशंका पहले सप्ताह में 11% और पहले 3 महीनों में 20% तक होती है. उन के खानपान का ध्यान रखें, उन्हें संतुलित और पोषक भोजन खिलाएं. हलकीफुलकी ऐक्सरसाइज करने या टहलने के लिए कहें. डाक्टर द्वारा सुझई दवाइयां समय पर दें.
ये भी पढ़ें-
पक्षाघात यानी ब्रेन स्ट्रोक दिमाग के किसी भाग में ब्लड सप्लाई बाधित होने या कम होने से होता है. दिमाग में औक्सीजन और पोषक तत्त्वों की कमी से ब्लड वैसेल्स यानी रक्त वाहिकाओं के बीच ब्लड क्लोटिंग की वजह से उस की क्रियाएं बाधित होने लगती है, इस कारण दिमाग की पेशियां नष्ट होने लगती है जिस से दिमाग अपना नियंत्रण खो देता है, जिसे स्ट्रोक सा पक्षाघात कहते हैं. यदि इस का इलाज समय पर नहीं कराया जाए तो दिमाग हमेशा के लिए डैमेज हो सकता है. व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
आज विश्व में करीब 80 मिलियन लोग स्ट्रोक से ग्रस्त हैं, 50 मिलियन से ज्यादा लोग स्थाई तौर पर विकलांग हो चुके हैं. ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के अनुसार 25% ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की उम्र 40 वर्ष है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हर साल 29 अक्तूबर को ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे’ मनाया जाता है, जिस का उद्देश्य स्ट्रोक की रोकथाम, उपचार और सहयोग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है.