सवाल-

स्तन कैंसर के क्या कारण हैं?

जवाब-

स्तन कैंसर एक घातक ट्यूमर है, जिस की शुरुआत स्तन कोशिकाओं में होती है. दुनिया भर में महिलाओं को होने वाले कैंसर में यह सब से आम है. महिलाओं को होने वाले सभी कैंसरों में स्तन कैंसर का हिस्सा 25 से 32% है. महिलाओं में बाहरी कारणों से होने वाले कैंसर में यह 22.9% है. स्तन कैंसर के मुख्य कारणों में महिला होना, आयु, स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास, मोटापा, व्यायाम न करना, शराब पीना, रैडिएशन के संपर्क में रहना आदि हैं. बहुत सारी महिलाएं अपने बच्चे को शुरू के समय में स्तनपान नहीं कराती हैं. ऐसा कर के वे न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने बच्चे के स्वास्थ्य को भी जोखिम में डालती हैं. अध्ययन से पता चला है कि अपने बच्चों को स्तनपान न कराने वाली महिलाएं स्तन कैंसर के लिहाज से ज्यादा जोखिम में रहती हैं. स्तन कैंसर होने का जोखिम महिलाओं की उम्र के साथ बढ़ता जाता है. उम्र बढ़ना और किसी करीबी रक्त संबंधी के कैंसर वाले जीन से जेनेटिकली प्रभावित होना भी स्तन कैंसर के संभावित कारणों में है. सच तो यह भी है कि एक स्तन में कैंसर वाली महिलाओं के दूसरे स्तन में भी कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है.

सवाल-

स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की आशंका कम कैसे होती है?

जवाब-

वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड इंटरनैशनल ने अपने अध्ययन में कहा है कि जो महिलाएं कम से कम 1 साल स्तनपान कराती हैं, ऐसा नहीं है कि उन्हें स्तन कैंसर होने की संभावना 5% कम होती है. स्तनपान कराने की किसी महिला की अवधि जितनी ज्यादा होगी उस का हारमोन स्तर उतना ज्यादा होगा. इस की आवश्यकता दूध बनाने के लिए होती है. इस से सैल का विकास प्रभावित होता है और स्तन को उन बदलावों से सुरक्षा मिलती है जो ऐसा नहीं होने पर संबंधित महिला को स्तन कैंसर के जोखिम में डाल देते. स्तनपान कराने के दौरान महिला की डिंबग्रंथि काम नहीं करती है. इस से भी स्तन या डिंबग्रंथि के कैंसर से बचाव होता है.

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