अब समाज में औरतों की स्थिति पूरी तरह बदल रही है. अब वे घर परिवार के साथ साथ कैरियर बनाने में भी रुचि लेने लगी हैं. यहां तक कि परिवार के अहम निर्णय लेने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. ऐसे में वे भला इनवैस्टमैंट जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में पीछे कैसे रह सकती हैं.
क्यों जरूरी है महिलाओं का ऐक्टिव रोल
हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा धैर्यवान और समझदार होती हैं. फिर बात चाहे घर चलाने की हो या फिर राशन की, वे चीजों को अच्छी तरह हैंडल करना जानती हैं. यहां तक कि उन्हें जो पौकेटमनी मिलती है वे उस में से भी बचत करना जानती हैं. जब इनवैस्टमैंट की बात आती है, तो उन की यही क्वालिटी काम आती है.
कई शोधों के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाएं मल्टी टास्किंग भी होती हैं, जो उन्हें हर क्षेत्र में बेहतर साबित करने के लिए काफी है.
हमें कतई पता नहीं कि कब क्या हमारे साथ घटित हो जाए. खुद के जाने के बाद या फिर बच्चों के अलग होने पर आप को पता होना चाहिए कि कहांकहां पैसे इनवैस्ट किए गए हैं ताकि आप सही समय पर उन का इस्तेमाल कर पाएं और यह तभी संभव है जब महिलाएं इनवैस्टमैंट डिसीजन में अहम रोल अदा करें.
आर्थिक विनियोजन का महत्त्व
जिस तरह एक महिला अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए उसे बैलेंस डाइट देती है उसी तरह उसे इनवैस्टमैंट करने पर भी ध्यान देना चाहिए. भले इनवैस्टमैंट छोटी हो या फिर बड़ी. यह आगे चल कर काफी फायदेमंद साबित होती है. अब यह इनवैस्टमैंट आप शेयर, ऋण, गोल्ड, रियल एस्टेट आदि में भी कर सकती हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस में ज्यादा फायदा देख कर इनवैस्ट करना चाहती हैं. साथ ही, आप लंबे निवेश में होने वाले जोखिमों के लिए भी तैयार रहें.