मौसम में बढ़ती ठण्ड में हर कोई सर्दी से बचाने के लिए सभी कारगर कदमो कों उठाते है. इस सर्द मौसम में पुदीना का इस्तेमाल हर प्रकार से फायदेमंद साबित होती है. पुदीना कों गर्मियों में रामबाण के नाम से जाना जाता है, गर्मियों का रामबाण अपने कई गुणों के कारण सर्दियों में भी उपयोग किया जाता . इस मौसम में पुदीने का सेवन आप शर्बत के तौर पर करें या फिर चटनी के रूप में, हर स्वाद में यह फायदेमंद ही है. इसमे मौजूद मेन्थोल का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाइयों, सौंदर्य प्रसाधनों, पेय पदार्थों, सिगरेट, पान मसाला आदि में खुशबू हेतु किया जाता है.
इसके पत्तों में मैथोल और पिपरमेंट तेल होता है. इसकी गंध बहुत तीव्र होती है. जापानी मिन्ट, मैन्थोल का प्राथमिक स्रोत है. ताजी पत्ती में 0.4 - 0.6% तेल होता है. तेल का मुख्य घटक मेन्थोल (65 - 75%), मेन्थोन (7 - 10%) तथा मेन्थाइल एसीटेट (12 - 15%) तथा टरपीन (पिपीन, लिकोनीन तथा कम्फीन) है. तेल का मेन्थोल प्रतिशत, वातावरण के प्रकार पर भी निर्भर करता है. पुदीने में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई के अतिरिक्त लोहा, फास्फोरस और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
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पुदीने के ताज़गीवाले स्वाद से कौन परिचित नहीं. चाहें चटनी में इस्तेमाल करें या आम के पने में इसके ताज़े हरे पत्ते शरीर को तरावट देने के सर्वोत्तम साधन हैं. रायते में पुदीने को पीस कर मिलाया जा सकता है और ठंडे सूप में खीरे का जवाब नहीं. पुदीना उच्च और निम्न रक्त चाप दोनों ही स्थिति कों को नियंत्रित करता है, इस में मौजूद एपटाइजर गुणों के कारण यह पेट संबंधी समस्याओं के लिए काफी कारगर होता है. इसकी खुशबू स्लाइवा ग्लैंड्स को एक्टिव बना देती है, जिससे पाचन तंत्र संतुलित बना रहता है. स्किन इन्फेक्शन, पिंपल्स, खुजली आदि में यह काफी कारगर है. इसके अलावा यह मुंह में उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर सांस में ताजगी भर देता है. कई गुणों से भरे पुदीना कों आप आराम से अपने घर के गार्डन में लगा सकते हैं.